कहानी 4 years ago ●औऱ वह डर गई -दीप्ति श्रीवास्तव बचपन से भूत चुड़ैल डाकिन की किस्से कहानियों ने मन में ऐसा डेरा डाला की कभी रात को अकेले...
कहानी : विद्या गुप्ता 4 years ago (सुदर्शन जी की कहानी हार की जीत में बाबा भारती और खड़गसिंह की कहानी तो बचपन में हम सब ने पड़ी,- कथा का मूल भाव...
व्यंग्य क्षणिका : महेश राजा, महासमुंद, छत्तीसगढ़ 4 years ago वे बडे प्रतिक्रिया वादी है, तभी तो हर नये व्यक्ति त्व से, बिछुडते समय कहते है, हम तुमसे जुदा हो के। मर जायेंगे रो रो...
लघुकथा 4 years ago ●ख़त -शुचि 'भवि' कब जाओगे? मयंक के फ़ोन रखते ही नीरू ने धीरे से पूछा था। नीरू को गले लगाकर मयंक ने उसका माथा चूमते...
लघुकथा 4 years ago ●चिंता -महेश राजा गर्मियों के दिन निकट थे। सब जानवर अपने-अपने ठिकानों में दुबके पड़ेथे।जंगल के राजा शेरसिंह को शिकार नहीं मिल पा रहा था।वह...
लघुकथा 4 years ago सरकारी बजट -महेश राजा नया बजट आ गया था।गैस,डीजल पेट्रोल और जरूरत की अन्य चीजें महँगी हो गयी थी।आफिस में इसकी चर्चा चल रही थी।सभी...
लघुकथा 4 years ago ●लघुकथा -महेश राजा एक मित्र ने एक सुंदर कालोनी में आलीशान मकान बनवाया था।पूजा और गृहप्रवेश में शामिल होने का अवसर मिला। सब कुछ बढ़िया...
लघुकथा 4 years ago ●रिश्ते -श्रीमती संतोष झांझी शरणी लाहौर से अपनों को खोकर अपनें दो बच्चों और देवर देवरानी के साथ मिलिट्री के ट्रक में दिल्ली पहुंची। वहीं...
लघुकथा 4 years ago ●आज़ादी का अर्थ -महेश राजा आलीशान इमारत।चारों तरह खूब सजावट हो रही थी।नौकर बिरजू सफाई कार्य में व्यस्त था।पास ही उसका छोटा लडका ननकू खड़ा...
लघुकथा 4 years ago ●आन इमरजेंसी ड्यूटी -महेश राजा पास से एक सरकारी जीप तेज गति से गुजर गयी,जिस पर लिखा था-"इमरजेंसी शासकीय ड्यूटी पर." आगे जाकर सरकारी जीप...