🤣 होली विशेष :प्रो.अश्विनी केशरवानी 2 months ago 🤣 खेलूंगी कभी न होली उससे जो नहीं हमजोली - प्रो. अश्विनी केशरवानी [ जांजगीरी चांपा :छत्तीसगढ़] फागुन का त्योहार होली हंसी-ठिठोली और उल्लास का...
चर्चित उपन्यासत्रयी उर्मिला शुक्ल ने रचा इतिहास… 2 months ago ▪️ बिन ड्योढ़ी का घर, बिन ड्योढ़ी का घर - भाग दो, बिन ड्योढ़ी का घर - भाग तीन लिखकर उर्मिला शुक्ल ने उपन्यास जगत...
रचना आसपास : उर्मिला शुक्ल 2 months ago ❤ दूर नहीं अब भोर - उर्मिला शुक्ल [ रायपुर : छत्तीसगढ़ ] यूँ तो सारे जंगल खूबसूरत होते हैं। मगर जिस जंगल में जंगल...
रचना आसपास : दीप्ति श्रीवास्तव 2 months ago 🟥 अपने भाग्य को सराहें मैं अपने आप को अहोभाग्य मानती हूं कि दशरथ सुत रामचंद्र जी टेंट से निकल अपने राजभवन में विराजमान होंगे...
कहानी : संतोष झांझी 3 months ago 🟥 अनुत्तरित प्रश्न - संतोष झांझी [ भिलाई छत्तीसगढ़ ] मैं थकी थकी सी खिड़की के पास बैठ गई। तीन दिन हो गये थे घर...
कहानी : ‘ पानी के लिए ‘ – उर्मिला शुक्ल 5 months ago ❤ पानी के लिए -उर्मिला शुक्ल [ रायपुर छत्तीसगढ़ ] लगातर पानी बहने से लान से होकर सडक पर पानी रेला सा बह आया था...
व्यंग्य : ‘ घूमता ब्रम्हांड ‘ – श्रीमती दीप्ति श्रीवास्तव [भिलाई छत्तीसगढ़] 7 months ago कभी-कभी सिर घूमने लगता है अपना शरीर अपने आपे में नहीं रहता चक्कर खाकर गिरने की नौबत आ जाती है । हमें तब ब्रह्मांड नजर...
दुर्गाप्रसाद पारकर की कविता संग्रह ‘ सिधवा झन समझव ‘ : समीक्षा – डॉ. सत्यभामा आडिल 9 months ago दुर्गाप्रसाद पारकर का कविता संग्रह- "सिधवा झन समझव"- छत्तीसगढ़ी में छंदमुक्त कविताओं का सुंदर संकलन है!हिंदी बेल्ट में--जनपदीय भाषा में पद रचना तुकांत,गेय या छंद...
लघुकथा : रौनक जमाल [दुर्ग छत्तीसगढ़] 11 months ago 🌸 इजहार, इंकार और वोह कॉलेज को खुले हुए कुछ ही हफ़्ते गुजरे थे कॉलेज में नई-नई दोस्तीयो, इश्क व आशिकी का बाजार गर्म था...
लघुकथा : डॉ. दीक्षा चौबे [दुर्ग छत्तीसगढ़] 12 months ago 🌸 काम पर निर्माणाधीन इमारत में मजदूरी करती इमरती आज अपने चार वर्षीय बेटे दीनू को भी साथ ले आई थी । उसकी तबीयत ठीक...