तीन लघुकथा : रश्मि अमितेष पुरोहित 1 year ago 🌸 चाँदनी संयुक्त मारवाड़ी परिवार में आज अनोखा आनंदमय उत्सव सा विद्यमान है ताऊजी की सबसे लाडली पूर्णिमा को देखने उन्हीं के बचपन की सहेली...
व्यंग्य : देश की बदनामी चालू आहे ❗ – राजेंद्र शर्मा 1 year ago मोदी जी के विरोधियों के एंटी-नेशनल होने का अब और क्या सबूत चाहिए! मोदी जी को विश्व शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिलते-मिलते रह गया।...
लघुकथा : डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय [केंद्रीय विद्यालय वेंकटगिरि, आंध्रप्रदेश] 1 year ago ▪️ विभाजन रेखा रविवार का दिन,सुबह-सुबह काॅलबेल घनघनाई तो मैंने हड़बड़ी में दरवाजा खोला। अरे! मनोहर बाबू। बहुत दिनों बाद घर आए थे। एक वो...
जोशीमठ की त्रासदी : राजेंद्र शर्मा 1 year ago उत्तराखंड में जोशीमठ की त्रासदी ने कम से कम फिलहाल‚ पूरे देश को अपनी ओर देखने के लिए मजबूर कर दिया है। और यह तब...
18 दिसंबर को जयंती के अवसर पर गुरू घासीदास और सतनाम परम्परा 1 year ago छत्तीसगढ़ पुरातन काल से धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बिंदु रहा है। एक ओर जहां छत्तीसगढ़ प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक और भौतिक...
जयंती : सतनाम पंथ के संस्थापक संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जी 1 year ago ▪️ लेख - ▪️ डॉ.नीलकंठ देवांगन सतनाम मानव धर्म के स्थापन करइया गुरु घासीदास एक महापुरुष, तपस्वी, सिद्ध, सन्यासी, महात्मा, संत रिहिन | ओला '...
व्यंग्य : नो हार, ओन्ली जीत ❗ – राजेंद्र शर्मा 1 year ago डैमोक्रेसी को अपने नागपुरी भाई पहले ‘‘मुंड गणना’’ गलत नहीं कहते थे! छोटे-बड़े, ऊंचे-नीचे, अच्छे-बुरे और यहां तक कि महान और मामूली तक का, कोई...
🟥 अब तेरा क्या होगा रे बुलडोजर ❗ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा. 1 year ago मोदी जी को इस देश को विश्व गुरु बनाने के लिए और क्या-क्या त्यागना पड़ेगा! पहले, भाई लोगों ने बेचारे से अच्छे दिनों का त्याग...
🟥 प्ररंपरा या कुटेव ❓ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा 1 year ago कोई तो इन हिमाचलियों को समझाओ। बेकार की जिद पकड़कर बैठे हुए हैं। कहते हैं कि हमारी यही परंपरा है। आज की नहीं‚ पुरानी परंपरा...
▪️ न्यायपालिका के अपशकुनी के साथी : वैसे ही चलना दूभर था अंधियारे में…इनने और घुमाव ला दिया गलियारे में – आलेख बादल सरोज. 2 years ago भारत दुनिया के उन विरले देशों में से एक है, जिसमें रहने वाली आबादी का अपने-अपने समय की न्याय प्रणालियों में अगाध और अटूट भरोसा...