पहलगाम [कश्मीर] में आतंकी हमले के बाद लिखी विशेष कविता – दशरथ सिंह भुवाल सोनपांडर 3 days ago • हो पहलगाम...! का यही अंजाम...!! • दशरथ सिंह भुवाल पांडर [ भिलाई, छत्तीसगढ़ ] बताओ तुम कौन सा धर्म निभाते हो। जो...
पहलगाम [कश्मीर] में आतंकी हमले के बाद लिखी विशेष कविता – डॉ. दीक्षा चौबे 4 days ago • डॉ. दीक्षा चौबे मार निहत्थे लोगों को...! मार निहत्थे लोगों को तुम, ताकत अपनी दिखलाते हो। दीनोईमान के नाम पर, नादानों को...
पहलगाम [कश्मीर] में आतंकी हमले के बाद लिखी विशेष कविता – नूरुस्सबाह खान ‘सबा’ 4 days ago • नूरुस्सबाह खान 'सबा' सोच रही हूँ 'पहलगाम' पे कविता लिखूँ... ये लिखते हुए कलम कांपती है ये लिखने को शब्द नहीं है...
ग़ज़ल आसपास : नूरुस्सबाह खान ‘सबा’ 3 weeks ago ग़ज़ल • मैं बादे 'सबा' हूँ, है किस्मत में गर्दिश. • मेरा कोई घर है न कोई ठिकाना. वफ़ाओं का जिन पर लुटाया ख़ज़ाना...
इस माह के कवि : केंद्रीय विद्यालय छत्तीसगढ़ के सरायपाली में पदस्थ, प्रगतिशील कवि डॉ. प्रेम कुमार पाण्डेय 3 weeks ago जंग जंग को मैं पहचानता हूं छद्म रूपों को जानता हूं मुखौटों से परिचित हूं कोई भी हो कैसी भी हो किसी के बीच...
ग़ज़ल आसपास : नूरुस्सबाह खान ‘सबा’ 3 weeks ago ग़ज़ल महफ़ूज़ हूँ दुनिया के हरेक खौफ़ व ख़तर से वाबस्ता हुई जब से मैं अल्लाह के दर से वो और हैं जिनको है...
रचना आसपास : तारकनाथ चौधुरी 4 weeks ago ग़ज़ल - तारकनाथ चौधुरी छत्तीसगढ़ राज्य,चरोदा छोडो़, रहने दो। उनको कहने दो।। आदत हो गई है। हमको सहने दो।। दुःख के मेघों...
पर्व विशेष कविता : तारकनाथ चौधुरी [छत्तीसगढ़, भिलाई-चरोदा, जिला-दुर्ग] 2 months ago मंगलमय हो पर्व फागुनी दीवाली-होली पर,मैंने लिखे थे कितने निबंध। दीप-पटाखों की बातें और रंगों के कितने छंद।। लिखता था मैं,पके फसल से आती...
होली विशेष : ‘आओ अब की होली में’ – डॉ. दीक्षा चौबे 2 months ago अंतस के भेद मिटाएँगे , आओ अब की होली में । हम गीत खुशी के गाएँगे , आओ अब की होली में ।। मन-आँगन में...
होली विशेष : ‘एकता और परंपराओं का संगम होली’ – यशांसु बघेल [अधिवक्ता] 2 months ago सूरज की मीठी धूप ने किया चेहरे को पीला, टेसू के फूलों से वातावरण लाल है। खेतों में सजा सरसों के पत्तों का हरा रंग,...