■75 भारत महोत्सव पर विशेष : ■डॉ. नीलकंठ देवांगन.
●आज़ादी का अमृत महोत्सव.
-डॉ. नीलकंठ देवांगन.
[ कोडिया, जिला-दुर्ग, छ. ग.]
आज झूमो नाचो गाओ,
मिलके खुशियां मनाओ
क्योंकि आया है दिन,
बड़ा उत्सव का
प्यारा तिरंगा लहराओ,
देश भक्ति गीत गाओ
क्योंकि आया दिन,
अमृत महोत्सव का
आज हम हैं आजाद,
अपना वतन भी आजाद
कभी न होने देंगे,
अपने सपनों को बर्बाद
शहीदों के खून से लिखा,
आजादी का इतिहास
सदा करेंगे अमर शहीदों, की गाथायें याद
जिनने दे दी अपनी जान,
याद करो वो कुर्बान
क्योंकि आया दिन,
अमृत महोत्सव का
देकर लहू वतन को,
आंधी से बचाया,
तूफ़ाँ में फंसी कश्ती ,
को पार लगाया
नव भारत के निर्माण का,
जो बीड़ा उठाया
बाग लगा खूँ से सींच,
गुलशन महकाया
आज फला फूला वो गुलशन, चमन मुस्काया
बन के फूल तुम दिखाओ
खुशियां सुगंधि लुटाओ,
क्योंकि आया दिन,
अमृत महोत्सव का
लहर लहर लहराये तिरंगा
उच्च हिमालय के छोर
फहर फहर फहराये तिरंगा
नील गगन में चहुं ओर
गूंज उठे ब्रह्मांड सारा,
सुनकर जय का नारा
जग के आंगन में छहरे,
विश्व विजयिनी तिरंगा प्यारा
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बन के सूरज दिखाओ,
चंदा बन के मुस्कुराओ
क्योंकि आया दिन,
अमृत महोत्सव का
सत्य अहिंसा दया धर्म के
राह पे चलते आये हैं
वक्त पड़ा तो हमने जग में,
अपना शौर्य दिखाये हैं
जब कोई भी देश हमारी,
सीमा पर चढ़ आये तो
देश की रक्षा खातिर हमने,
अपना शीश चढ़ाये हैं
अपना शीश तुम चढ़ाओ,
माँ की लाज तुम बचाओ,
क्योंकि आया दिन,
अमृत महोत्सव का
●कवि संपर्क-
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