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■प्रथम पुण्यतिथि : ■माटी के रचनाकार स्व.महेन्द्र कुमार देवांगन ‘माटी’.
●आलेख ओमप्रकाश साहू ‘अंकुर’.
[ सुरगी-राजनांदगांव, छ. ग. ]
आज छत्तीसगढ़ी अउ हिन्दी मा समान रुप ले लिखइया कवि, गीतकार, शिक्षक स्व. महेन्द्र कुमार देवांगन “माटी ” के पहिली पुण्य तिथि हे. जब 16 अगस्त 2020 मा फेसबुक अउ व्हाट्सएप मा एक शोक समाचार चले ला लगीस कि जाने माने कवि, गीतकार, छंद साधक अउ शिक्षक श्री महेन्द्र कुमार माटी हा हमर बीच मा अब नइ हे ता कोनो ला बिश्वास नइ होत रीहीस हे. पर धीरे धीरे श्रद्धांजलि के पोस्ट के संख्या हा बाढ़त जात रीहिस हे. विधि के विधान के सामने हम सब मन नतमस्तक हो गेन. कोनो ला एको कनक विश्वास नइ होय कि माटी जी हा अचानक ये दुनियां ला छोड़ दीस काबर कि वोहा 15 अगस्त 2020 मा अपन स्कूल शासकीय प्राथमिक शाला डोमसरा विकासखंड़ पंडरिया(कवर्धा) मा सुग्घर ढंग ले ध्वजारोहण करे रीहीस हे. येला फेसबुक मा घलो पोस्ट करे रीहीन हे.
ये वो समय रीहीस जब माटी जी के प्रतिभा हा पूरा ऊफान मा रीहीस हे. वोहा छत्तीसगढ़ी के सँगे सँग हिन्दी मा घलो बरोबर ढंग ले लिखत रीहीस हे. उँकर रचना अउ लेख हा कतको अकन पत्र पत्रिका मा प्रकाशित होत रीहीस हे. शोसल मीडिया मा खूब
छाय राहय. कवि सम्मेलन मा घलो गजब चलत रीहीस हे.
परम पूज्य गुरुदेव अरुण कुमार निगम जी द्वारा स्थापित” छंद के छ ” मा वोहा सत्र – 6 के साधक रीहीस हे. जब छंद साधक के रुप मा जुड़िस ता वोकर प्रतिभा मा अउ निखार आय लगगे. छंद के छ ले जुड़े के प्रभाव वोकर लेखन मा स्पष्ट झलकत रीहीस हे. वोहा अब्बड़ सुग्घर ढंग ले छंदबद्ध रचना शोसल मीडिया मा पोस्ट करे अउ कतको साहित्यिक पत्रिका मन मा प्रकाशित होय.
जीवन परिचय-
महेन्द्र कुमार देवांगन माटी के जनम 6 अप्रैल 1969 मा गरियाबंद जिला के बोरसी गाँव मा साधारण किसान परिवार होय रीहीस हे. वोकर पिता जी के नाँव थानू राम देवांगन अउ महतारी के नाँव नित कुंव देवांगन हे. आप मन के पिता जी हा कपड़ा बेचे के घलो काम करय. प्राथमिक शाला मा पढ़ई के समय ले वोकर रुचि गीत अउ कविता प्रस्तुत करे मा राहय. वोहा कम उम्र मा रचना लिखे के चालू कर दे रीहीस हे. उंकर शिक्षा के बात करन ता हिन्दी साहित्य अउ संस्कृत साहित्य मा एमए, अउ बीटीआई करे रीहीस हे.
नौकरी
2008 मा उंकर नियुक्ति शिक्षा कर्मी वर्ग – तीन मा कवर्धा जिला के पंडरिया विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला डोमसरा मा होइस . 1 जुलाई 2018 मा वोहा शिक्षा विभाग मा सहायक शिक्षक (एल. बी.) मा संविलियन होय रीहीस हे. देहावसान तक वोहा डोमसरा स्कूल मा ही सेवा देत रीहीस हे. श्रद्धेय माटी जी के जीवन सँगिनी के नाँव मंजू देवांगन हे. वोकर एक बेटा अउ एक बेटी हवय. वोकर बेटा के नाँव श्री शुभम देवांगन हे जउन हा माटी जी के देहावसान के बाद कवर्धा जिला मा अनुकम्पा नियुक्ति करत हवय.बेटी प्रिया देवांगन हा कॉलेज के पढ़ई कर डरे हे. प्रियू बिटिया हा “छंद के
छ” मा सत्र -13 के साधिका हवय. सुग्घर ढंग ले माटी जी के साहित्य विरासत ला आगू बढ़ावत हे.
साहित्य समिति मन ले संबद्ध
माटी जी हा त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम, भोरमदेव साहित्य सृजन मंच कवर्धा, छंद के छ परिवार छत्तीसगढ़, आरुग चौरा परिवार छत्तीसगढ़, “कलम के सुगंध “छंद शाला ,कला परम्परा भिलाई, छत्तीसगढ़ कलमकार मंच भिलाई के सक्रिय
सदस्य रीहीस हे.
प्रकाशित किताब
माटी जी जमगरहा रचनाकार रीहीस. लगातार साधनारत रहीके लिखत राहय. उंकर प्रकाशित किताब मा काव्य संग्रह “माटी के काया” 2015 मा प्रकाशित होय रीहीस हे.” पुरखा के इज्जत” अउ “तीज – तिहार अउ परंपरा ” घलो छपीस हे.
साहित्य सम्मान
माटी जी हा लेखन मा अब्बड़ सक्रिय राहय. वोकर साहित्य साधना ला देखत कतको साहित्य समिति अउ संगठन मन सम्मानित करीस हे. जेमा 24 सितंबर 1994 मा संगम साहित्य समिति नवापारा राजिम ,साहित्य बुलेटिन नई कलम द्वारा राज्य स्तरीय प्रतिभा सम्मान (14 सितंबर 2014), भारतीय दलित साहित्य अकादमी धमतरी द्वारा महर्षि बाल्मीकि सम्मान (8 अक्टूबर 2014), छत्तीसगढ़ क्रान्ति सेना द्वारा सम्मान, 2015 मा छत्तीसगढ़ के पागा सम्मान, कलम साहित्य सम्मान नवागढ़ 2015, सिरजन लोक कला एवं साहित्य संस्था द्वारा बेमेतरा में सम्मान 2015, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना द्वारा 1 नवंबर 2016 मा “जबर गोहार ” सम्मान रायपुर मा, 21 दिसंबर 2016 मा पंडित सुन्दर लाल शर्मा साहित्य उत्सव समिति द्वारा सम्मानित, सगुन चिरइया सुरतांजलि साहित्य सम्मान (13 अक्टूबर 2017), छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा 21 जनवरी 2016 मा बेमेतरा मा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित, छत्तीसगढ़ कलमकार मंच सम्मान 2018, राज रचना कला एवं साहित्य समिति द्वारा 16 मई 2016 मा सम्मानित, छंद के छ परिवार द्वारा 13 मई 2018 मा सिमगा मा सम्मान, मधु शाला साहित्य परिवार द्वारा साहित्य रचना सम्मान 2018, 2018 मा ही कृति कला एवं साहित्य परिषद् सीपत (बिलासपुर) द्वारा “कृति सारस्वत सम्मान, प्रजातंत्र का स्तंभ गौरव सम्मान हरियाणा (10 जनवरी 2019), राज पब्लिकेशन दुर्ग द्वारा साहित्य वीर अलंकार सम्मान, अउ जनवरी 2020 मा पुष्प गंधा प्रकाशन कवर्धा द्वारा नारायण लाल परमार सम्मान शामिल हे.
सरल अउ हंसमुख व्यक्तित्व के धनी
श्द्धेय स्व. माटी जी हा गजब सरल, सरस अउ हंसमुख व्यक्तित्व के धनी रीहीस हे. छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के वार्षिक समारोह मा बिलासपुर, कोरबा, राजिम अउ बेमेतरा मा भेंट होय के सँगे सँग छत्तीसगढ़ कलमकार मंच भिलाई अउ भोरमदेव साहित्य सृजन मंच कवर्धा के स्थापना दिवस समारोह मा माटी जा सँग भेंट होय रीहीस हे. वोहा अब्बड़ मिलनसार रीहीस हे. जून 2019 मा आयोजित भोरमदेव सृजन साहित्य मंच कवर्धा के स्थापना दिवस समारोह मा उंकर से मोर आखिरी बार भेंट होय रीहीस हे. लोक संगीत सम्राट स्व. खुमान लाल साव जी ला समर्पित ये कार्यक्रम मा मँय हा पुरवाही साहित्य समिति पाटेकोहरा विकासखंड छुरिया के मोर सक्रिय सँगवारी अमृत दास साहू के सँग गे रहेंव. इहां समिति डहर ले जउन सँगवारी मन हमर स्वागत द्वार मा सम्मान करीन हे वोमा राम कुमार साहू, ईश्वर साहू आरुग, घनश्याम कुर्रे, मिनेश कुमार साहू जी के संग श्रद्धेय माटी जी हा घलो शामिल रीहीस हे. इही हा माटी जी सँग आखिरी भेंट रीहीस हे. वोकर बाद मँय हा दो तीन बार माटी जी सँग फोन मा बातचीत करे रहेंव. जब 16 अगस्त 2016 मा माटी जी के गुजर जाये के दु:खद खबर फेसबुक अउ व्हाट्सएप मा पढ़े ला मिलीस ता एको कनक बिश्वास नइ होइस कि माटी जी हा हमर बीच अब नइ हे. पर का करबे होनी ला कोन टारे हे . वोकर निधन के खबर ला पढ़के आँखी हा डबडबागे.वोकर ले जउन भेंट होय रीहीस वो सब दिन अउ जगह हा आँखी के सामने दिखे ला लागिस .स्व.
माटी जी ला उंकर पहिली पुण्य तिथि मा शत् शत् नमन हे. विनम्र श्रद्धांजलि.
●ओमप्रकाश साहू ‘अंकुर’ संपर्क-
●79746 66840
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