43 साल पहले खरीदा शेयर्स अब क़ीमत हो गई 1448 करोड़, परंतु अब कंपनी निवेशक को पैसे नहीं देना चाहती!, जाने क्या है पूरा मामला.
कंपनी पैसे देने में कर रही है आना-कानी,
74 वर्षीय बॉबी और उनके परिवार के सदस्य अभी ये साबित करने में लगे हैं कि कंपनी के शेयर्स के असली मालिक वो हैं. कंपनी उन्हें पैसे देने में आना-कानी कर रही है.
बॉबी और उनके चार रिश्तेदारों ने मेवाड़ ऑयल ऐंड जनरल मिल्स लिमिटेड के 3500 शेयर्स ख़रीदे. ये उस समय उदयपुर की एक अनलिस्टेड कंपनी थी.
बॉबी एक कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर थे और 70-80 के दशक में उन्होंने 3500 शेयर ख़रीदे, इस हिसाब से कंपनी के 2.8% Stakes के मालिक बॉबी बन गए. कंपनी के फ़ाउंडर- चेयरमैन- पी.पी.सिंघल और बॉबी दोस्त थे. कंपनी अनलिस्टेड थी और कोई Dividend नहीं दे रही थी इसलिए ये परिवार अपने निवेश के बारे में भूल गया.
2015 में बॉबी को मिले असली दस्तावेज़,
बॉबी कुछ पुराने दस्तावेज़ देख रहे थे तब उन्हें याद आया कि उन्होंने उदयपुर की एक कंपनी में निवेश किया था. बॉबी के पास असली शेयर डॉक्युमेंट थे और उन्होंने शेयर्स के बारे में और जानकारी जुटाने की कोशिश शुरू की.
बॉबी को पता चला कि Mewar Oil and General Mills Ltd ने अपना नाम बदलकर PI Industries कर लिया है और ये लिस्टेड कंपनी बन गई है. बॉबी को ये भी पता चला कि कंपनी को मुनाफ़ा भी हो रहा है.
शेयर्स को Demat Account में बदलने की कोशिश की,
बॉबी ने अपने शेयर्स को Demat Account बदलने की कोशिश की और एक एजेंसी से संपर्क किया. एजेंसी ने बॉबी को सीधे कंपनी से संपर्क करने को कहा. कंपनी से सीधे संपर्क करने पर बॉबी और उनके परिवार को तेज़ झटका लगा.
कंपनी ने बॉबी को बताया कि वो कंपनी के हिस्सेदार नहीं है और उनके शेयर्स 1989 में किसी और को बेच दिए गए थे.
बॉबी का आरोप है कि PI Industries ने ग़ैरक़ानूनी ढंग से डुप्लीकेट शेयर्स का इस्तेमाल करके बॉबी के शेयर्स किसी और को बेच दिए.
कंपनी ने बॉबी से संपर्क किया,
2016 में PI Industries ने बॉबी को मध्यस्थता के लिए दिल्ली बुलाया लेकिन बॉबी ने इंकार कर दिया. इसके बाद कंपनी ने बॉबी के डॉक्यूमेंट्स की जांच करने के लिए दो बड़े अफ़सर केरल भेजे. कंपनी ने ये माना कि बॉबी के पास मौजूद डॉक्युमेंट्स असली हैं लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की.
बॉबी ने बताया कि उनके पास अभी PI Industries के 42.8 लाख शेयर्स हैं और इनकी क़ीमत अभी 1448 करोड़ है.
बॉबी का कहना है कि जिन 13 लोगों ने 1989 में शेयर्स ख़रीदे वो कंपनी सेक्रेटरी जी.सी जैन के पहचान के लोग, दोस्त-रिश्तेदार हैं. बॉबी ये मामला SEBI के पास ले गए लेकिन कंपनी अभी भी दस्तावेज़ जमा नहीं कर रही है.