■कविता आसपास : ■प्रकाश चंद्र मण्डल.
♀ पवित्र पावनी छत्तीसगढ़
♀ प्रकाश चंद्र मण्डल
[ भिलाई-छत्तीसगढ़ ]
यह धरती है बड़े पावनी
यह सुरों, स्वरों और काव्य का है जननी
छत्तीसगढ़ की माटी में है शक्ति अपार
धान के कटोरा है जाने पुरा संसार,
खेल खिलाड़ियों से भरे पड़े हैं
नृत्य में दुनिया देखा देवदास बंजारे ने
हाकी में सिरमौर है सबा अंजुम,
क्रिकेट का सितारा है राजेश चौहान।
लक्ष्मण मस्तुरिया है आवाज की जादूगर
छत्तीसगढ़ की स्वर कोकिला ममता चंद्राकर।
पण्डवानी से गौरवान्वित है सारा संसार
तीजन बाई के सुर लहरी और तंबुरे की झंकार।
रितु वर्मा, झाड़ू राम देवांगन गौरव छत्तीसगढ़
मंदिरों में दर्शनीय पहाड़ी डोंगरगढ़,
मां बम्लेश्वरी बसते वहां पर्वत शिखर
श्रद्धालुओं आशीर्वाद लेते उनके दर्शन कर।
यहां के नद और यहां के नदी बहती है कल-कल
इस मिट्टी से उगते हैं खुशी के फूल और फल
मिट्टी की खुशबू यहां के उगते हैं फसलें अनेक
आम,जाम इमली,तेंदु, महुआ और हर्रा सारे
सुन्दर मधुमय यह धरती, छत्तीसगढ़ काव्य की जननी,
बाल्मीकि के मुख से प्रथम श्लोक से लिखा रामायणी।
लहराते फसलों के बीच किसान गाते ददरिया
तीज त्यौहारों में झुमकर नाचते,गाते भोले छत्तीसगढ़िया।
कवि, काव्य के रसधार से
खिल उठे काव्य की फसल
शीश झकाता हूं इस मिट्टी को
जीऊं तो इस मिट्टी में, मरूं तो इस मिट्टी में
प्रणाम मेरे माटी छत्तीसगढ़ को।।
●कवि संपर्क-
●94255 75471
◆◆◆. ◆◆◆.