■धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस. ■वर्षावास का समापन. ■नवनिर्मित हाल का लोकार्पण. ■विशिष्टजनों का सम्मान.
♀ कुम्हारी
भारतीय बौद्ध महासभा के तत्वावधान में धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस व वर्षावास समापन का गरिमामयी कार्यक्रम पंचशील बुद्धविहार शिव नगर, वार्ड क्र-9, कुम्हारी में सम्पन्न हुआ. उपस्थित अतिथियों ने तथागत गौतम बुद्ध व भारत रत्न डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर की मूर्तियों पर पुष्प अर्पित किया। बौद्ध उपासक-उपासिकाओं की पावन उपस्थिति में प्रतिमा कोचे के नेतृत्व में बुद्ध वंदना हुई व सामूहिक पंचशील ग्रहण किया गया.
स्वागत गीत महासभा की सचिव दुर्गा वाहने और सुमन वाहने ने प्रस्तुत किया.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजेश्वर सोनकर, अध्यक्ष, न.पा. परिषद ने बुद्ध विहार के सामने नवनिर्मित हाल का फीता काटकर उद्घाटन किया. उन्होंने शिलालेख पट्टिका का अनावरण कर हाल को लोकार्पित किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा -“भगवान बुद्ध व बाबा साहब के दिखाए मार्ग पर चलकर हम अपने जीवन को सफल बनाएं. नगर के चहुंमुखी विकास के लिए हम प्रतिबद्ध हैं.” साथ ही उन्होंने अन्य विकास कार्यों की घोषणा की. इस अवसर पर विशेष अतिथि प्रमोद राजपूत, बीसीसी अध्यक्ष व विशिष्ट अतिथि मनहरण यादव, पार्षद व लोकनिर्माण प्रभारी विशेष रूप से उपस्थित थे.
भारतीय बौद्ध महासभा कुम्हारी की अध्यक्ष करूणा मेश्राम ने हाल के निर्माण में मिले सहयोग के लिए मुख्यमंत्री मान. भूपेश बघेल व नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष मान. राजेश्वर सोनकर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की. उन्होंने धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस पर आह्वान किया कि हमें स्वयं में परिवर्तन लाना होगा, तभी सच्चे बौद्ध बन सकेंगे.
भारतीय बौद्ध महासभा छत्तीसगढ़ के प्रांतीय महासचिव विनोद बंसोड़ ने अपने उद्बोधन में कहा -“बुद्ध ने अहिंसा का मार्ग दिया है, जिसका कोई विकल्प नहीं है. यही मार्ग बाबा साहब अंबेडकर ने अपनाया और अपने लाखों अनुयायियों को धम्म में दीक्षित किया.”
डाॅ. बी.एन.एस. कुशवाहा ने नवनिर्मित हाल के लिए बधाई देते हुए कहा कि यहाँ अष्टमी, अमावस्या एवं पूर्णिमा पर नियमित बौद्ध दर्शन व शिक्षा पर गोष्ठी हो. इसमें बच्चों की भागीदारी होने से उनमें बौद्ध संस्कार पल्लवित होगा.
बौद्ध विद्वान सुनील गणवीर बुद्ध और अंबेडकर के वैचारिक प्रचार-प्रसार के लिए पुस्तकालय की महत्ता को प्रतिपादित किया. उन्होंने इसके लिए पुस्तकें व संबंधित पत्रिका दान करने की घोषणा की.
समता सैनिक दल के प्रदेश अध्यक्ष रतन गोंडाने ने सामाजिक एकजुटता पर बल दिया. रेखा गोंडाने ने सभी समाजों से संवाद और भाईचारे के लिए बौद्ध समाज से अपील की.
बौद्ध समाज रायपुर की उपासिका भूमिका गणवीर ने धम्मगीत की सस्वर प्रस्तुति दी. शायर नौशाद अहमद सिद्दीकी ने बुद्ध और बाबा साहब के सम्मान में ग़ज़लों और मुक्तकों का पाठ किया.
बौद्ध विदुषी प्रज्ञा तारा ने मानव जीवन के उत्थान में बुद्ध दर्शन की महत्ता पर अपनी सारगर्भित बातें रखीं. उपासिका प्रेमलता डोंगरे ने वर्षावास और धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस पर प्रवचन दिया.
भारतीय बौद्ध महासभा कुम्हारी की ओर से अध्यक्ष करूणा मेश्राम व कार्यकारिणी समिति के पदाधिकारियों ने विशिष्टजनों का सम्मान किया.
नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष राजेश्वर सोनकर, बीसीसी अध्यक्ष प्रमोद राजपूत, लोकनिर्माण प्रभारी मनहरण यादव, भा.बौ.महा. महासचिव छ.ग. विनोद बंसोड़, स.सै.द. प्रदेश अध्यक्ष रतन गोंडाने, धम्म प्रचारक सुनील गणवीर, प्रेस क्लब अध्यक्ष विक्रमशाह ठाकुर, सामाजिक कार्यकर्तागण बी.एन.एस. कुशवाहा, बिजेन्द्र पाण्डेय, मिलिन्द पाटील का शाल, श्रीफल व स्मृति चिह्न भेंट देकर बौद्ध समाज कुम्हारी ने सम्मानित किया.
कार्यक्रम का संचालन सुरेश वाहने व आभार प्रदर्शन किशन बोरकर ने किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में कुम्हारी व आसपास के उपासक, उपासिकाएं व प्रबुद्ध नागरिकगण उपस्थित थे.
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से इन्द्रसेन मेश्राम, रेखा बंसोड़, प्रतिमा कोचे, सुरेखा ताई मेश्राम, सावित्री बाई सहारे, अन्नु ताई शिवणकर, वन्दना गायकवाड़, अनिता जनबंधु, कैलाश टेंभेकर, भूमिका बौद्ध, राहुल तिरपुड़े, धम्मचारी शामराव, रितेश मेश्राम, राजेश धारगावे, रामनाथ बडोले, अनुसुइया, नागोराव वाहने, राजकुमार डोंगरे, नरेश खोब्रागड़े, जयभीम मेश्राम, हंसराज गजभिये, सुबोध गायकवाड़, वैभव डोंगरे, बिटेश टेंभेकर, रविन्द्र गजभिये, रेखा रामटेके, नलिनी पारेकर, मीना कोटांगले, रूप गौरे, जोसना, दिव्या, राधिका सहारे, उत्तम राउत, करिश्मा, संगीता सहारे, पुष्पा खोब्रागड़े, रीना, उषा गजभिये, मौसमी, स्वाति,चन्द्रप्रभा गजभिये, बारसा बाई चौहान, शिखा वासनिक, विशाखा सहारे, दीक्षा खोब्रागड़े, माही, इशिका, तृप्ति गजभिये, अर्षिता पखाले आदि की प्रेरक उपस्थिति थी. रात्रि में मैत्री भोज का आयोजन रखा गया जिसमें गणमान्य नागरिकगण, उपासक-उपासिकाओं ने सात्विक भोजन ग्रहण किया.
[ ●सुरेश वाहने, डॉ. नौशाद सिद्दीकी ब्यूरो प्रमुख ‘छत्तीसगढ़ आसपास’. ]
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