छत्तीसगढ़ : सिरेमिक आर्ट पर कार्यशाला ‘मातर’.
♀ राम रक्षा फाउंडेशन भिलाई द्वारा तीन दिवसीय चीनी मिट्टी कला ‘सिरेमिक आर्ट’ ‘मातार’ उदघाटित.
♀ कलाकारों का भिलाई में जमावड़ा,कला उन्नयन के लिए होगी पहल.
♀ शासकीय वामन वासुदेव पाटणकर कॉलेज दुर्ग के प्राचार्य सुशील चंद्र तिवारी ने किया उदघाटन.
लेमन सिरेमिक स्टूडियो स्ट्रीट-2 मैत्री कुंज पश्चिम रिसाली में आयोजित इस कार्यशाला में समूचे छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश से आए हुए शिल्पकारों के साथ-साथ मध्यप्रदेश शासन के शिखर सम्मान से अलंकृत वरिष्ठ शिल्पकार निर्मला शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थीं।
8 नवंबर तक सुबह 10 से शाम 6 बजे तक आयोजित इस कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि शासकीय वामन वासुदेव पाटणकर कॉलेज दुर्ग के प्राचार्य सुशील चंद्र तिवारी ने सभी शिल्पकारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा इस तरह के आयोजन विभिन्न स्थानों पर होने से कलाकारों और कला जगत को इसका सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि शिल्पकार अपनी कल्पना को साकार करते हैं तब हम लोग इसको देख पाते हैं। उसके पहले इसका अनुमान भी लगाना बेहद मुश्किल है। उन्होंने कार्यशाला में आगामी दोनों दिन आने की बात भी कही।
वहीं वरिष्ठ शिल्पकार निर्मला शर्मा ने कहा कि इस कार्यशाला की सफलता की कामना की। इसके पूर्व अपने स्वागत भाषण में लेमन सिरेमिक स्टूडियो की डायरेक्टर विजया त्रिपाठी आयोजन के मकसद पर रोशनी डालते हुए बताया कि क्षेेत्र का यह एकमात्र स्टूडियो सिरेमिक कला को समर्पित स्टूडियो है। जिसमें कलाकार अपनी कला को सिरेमिक (चीनी मिट्टी) में अपनी कल्पना को आकार प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि यहां कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे साथ ही सिरेमिक कला पर अपने अनुभव साझा करेंगे। जिससे इस कला को नया आयाम मिलेगा।
श्रीमती त्रिपाठी ने बताया कि इस कार्यशाला में 25 कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इन आमंत्रित कलाकारों में बलदेव मंडावी कोंडागांव, भानू प्रकाश बालोद, चंदर पांजरे खैरागढ़, चिरायु कुमार सिन्हा कुरुद, धनंजय पाल भिलाई, धरम नेताम खैरागढ़, हुकुमलाल वर्मा नवेगांव, करुणा सिद्दर रायगढ़, खुशबू खैरागढ़, कुलेश्वर राम कुरुद, मनीषा वर्मा खैरागढ़, मनोज कुर्रे दुर्ग, मीनाक्षी वर्मा खैरागढ़, मोहन बराल भिलाई, पार्थ नेताम खैरागढ़, प्रियांशा जग्गी रायपुर, राजेन्द्र सुनगरिया भिलाई, रविकांत चंद्राकर कुरुद, शिव प्रसाद चैधरी खैरागढ़, श्रुति राठी भिलाई, सुरेश कुम्भकार बालोद, विजया त्रिपाठी भिलाई और योगेन्द्र त्रिपाठी भिलाई शामिल हैं। अंत में आभार प्रदर्शन करते हुए कार्यशाला के सह संयोजक चित्रकार योगेंद्र त्रिपाठी ने सभी शिल्पकारों का अभिनंदन किया और अतिथियों को धन्यवाद दिया।