■बाल कविता : डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’.
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♀ तोता
♀ डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’
[ जमनीपाली, जिला-कोरबा,छ. ग. ]
● हरे रंग का तोता है
खड़े खड़े वह सोता है
खाता है जब भी मिर्ची
चीखता है न रोता है
● नकल सभी की करता है
पर बिल्ली से डरता है
जब नहलाती है मम्मी
उसका रंग निखरता है
● कहे सुआ कोई पोपट
टें टें टें करता फोकट
जो पसंद न आए उसे
करता है फौरन चौपट
● पिंजरे की लाचारी है
उड़ने की तैयारी है
रोज डराया करता है
मानो चोंच कटारी है
● मिश्का के संग पढ़ता है
शब्द नये नित गढ़ता है
अक्सर जाली के ऊपर
गिरता है फिर चढ़ता है
■कवि संपर्क-
■94241 41875
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