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- ■भिलाई : ‘स्वयंसिद्धा’ के ‘मन के उत्सव’ में जले जागरूकता के दीप.
■भिलाई : ‘स्वयंसिद्धा’ के ‘मन के उत्सव’ में जले जागरूकता के दीप.
-“मेरे शराबी बाप ने मुझे पैसों के लिए एक शराबी के साथ ब्याह दिया था लेकिन अब मैं नहीं होने दूंगी। इसके लिए मुझे चाहे पुलिस की मदद लेनी पड़ी मैं पीछे नहीं हटूंगी”
-“घर में टॉयलेट बनाना बहू बेटियों की इज्जत के लिए आवश्यक है।हम सबको अपनी सोच बदलनी होगी”
-“झाड़-फूंक,जादू टोना, करके अपनी बच्ची का भूत उतारने की कोशिश मैं कामयाब नहीं होने दूंगी। बच्चे की तबीयत खराब है तो सिर्फ डॉक्टर के पास ले कर जाऊंगी और यदि घरवाले जबरदस्ती करते हैं तो पुलिस हमारी मदद करेगी”
यह सारे प्रभावी संवाद थे “नासूर” नामक नाटक के। “स्वयंसिद्धा” ए मिशन विद ए विज़न एनजीओ द्वारा आयोजित “उत्सव मन का” कार्यक्रम में श्रमिक बस्तियों की महिलाओं को जागरूक करने के लिए बनाया गया यह शो संपन्न हुआ।
शो के कलाकार थे
‘स्वयंसिद्धा’ के सदस्य एवं स्लम क्लास ‘कच्ची धूप’ के बच्चे।
डॉ.सोनाली चक्रवर्ती द्वारा लिखित एवं निर्देशक नाटक के द्वारा अंधविश्वास,झाड़-फूंक,जादू टोना स्वच्छता जागरूकता, बाल विवाह स्त्री शिक्षा आदि विषयों को प्रमुखता से उठाया गया था।
शहर के एक निजी होटल में शुक्रवार दोपहर आयोजित इस सम्मान समारोह में महिला पत्रकारों का सम्मान किया गया जिन्होंने कोरोना काल में अपनी उल्लेखनीय सेवाएं दी ।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थी एडिशनल एसपी (राजनंदगांव) सुरेशा चौबे, समाजसेवी बी.पोलम्मा, नगर निरीक्षक नवी मोनिका पांडे,ब्रम्हाकुमारी प्राची बहन,बाल कल्याण समिति की सदस्य प्रीति अजय बेहरा ,एम टी पुष्पा मिश्रा, समाजसेवी अनुजा अग्रवाल,लेखिका श्वेता उपाध्याय।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ ।
रूमा वर्धन एवं सोमा बोस द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया गया ।
डॉ सोनाली चक्रवर्ती द्वारा स्वागत भाषण के साथ में स्वयं सिद्ध एनजीओ के इस वर्ष सोसायटी बनने की एवं शासकीय पंजीकृत होने की सूचना दी गई।
घरेलू महिलाओं को सामाजिक सरोकार के कार्य में आगे आने का आह्वान किया गया।
स्वयंसिद्धा के सारे क्लब अपराजिता, तेजस्विनी, स्वस्तिका ,जागृति व विश्वरूपा की संचालक बिपाशा हालदार, प्रिया तिवारी,अंजू चंदनिहा,शीला प्रकाश व रीता वैष्णव द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया
रायपुर ईकाई की प्रमुख व साहित्यकार शीलू लुनिया जी के हाइकु संग्रह हृदयंगम का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया ।
स्त्रीमन की भावनाओं से लेकर देशभक्ति के तत्व तक इस हाइकु संग्रह में मौजूद हैं।
वन मोर लॉकडाउन’ नामक शॉर्ट फिल्म का पोस्टर भी आउट किया गया।
सोनाली चक्रवर्ती द्वारा लिखित एवं निर्देशित सामाजिक जागरूकता पर बन यह फिल्म शीघ्र ही आप सबके सामने आने वाली है।
10 महिला पत्रकार को
स्वयंसिद्धा सम्मान से नवाजा गया जिनमें भावना पांडे क्रॉनिकल,संगीता मिश्रा हरिभूमि,नीता मेश्राम हरिभूमि, कोमल धनेश्वर एवं साक्षी साहू पत्रिका,
संध्या सिंह इंडिया न्यूज़, दुर्ग प्रभारी,
मनजीत कौर ज़ी 24 न्यूज
शामिल है
स्वयंसिद्धा के 20 प्रतिबद्ध साथियों को ‘स्वयंसिद्धा सम्मान’ से सम्मानित किया गया जिनमें बिपाशा हालदार ,अंजू चंदनिहा, देवजानी मजूमदार, दीपा सिंह,मौसमी टंडन, माधुरी बिजोरिया पुनीता कौशल, मंजू मिश्रा,मेनका वर्मा, रीता वैष्णव ,अर्चना सेनगुप्ता ,शीला प्रकाश, सोमा बोस, सोमाली शर्मा, रूमा बर्धन, स्मिता चौहान, सविता रावत, प्रिया तिवारी, इज़ा नेल्सन पॉल, लक्ष्मी साहू एवं सुशीला साहू शामिल है ।
कोरोनावारियर के रूप में वंदना निझावन एवं मधुरिमा रॉय को सम्मानित किया गया।
डॉ पूर्णिमा लाल को प्रेमलता वागेश्वरी सम्मान प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ आसपास के संपादक प्रदीप भट्टाचार्य भिलाई टाइम्स प्रमुख यशवंत साहू को सम्मानित किया गया।
कच्ची धूप क्लास के कलाकार प्रताप सिंह,शिल्पी शर्मा ,प्रशांत गुप्ता ,वर्षा नेताम,अजय कुमार एवं अनुपमा घोषाल को भी पुरस्कृत किया गया।
संस्था की डायरेक्टर डॉ. सोनाली चक्रवर्ती ने बताया कि आगे पुलिस के साथ मिलकर स्लम की महिलाओं के लिए जागरूकता ककार्यक्रम करने की हमारी योजना के तहत यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम का संचालन मेनका वर्मा एवं दीपा सिंह ने किया ।
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