- Home
- Chhattisgarh
- ■छत्तीसगढ़ : स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में गीता जयंती का आयोजन
■छत्तीसगढ़ : स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में गीता जयंती का आयोजन
■भिलाई
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत कला विभाग द्वारा गीता जयंती के अवसर पर वीडियो बनाओ प्रतियोगिता एवं परिचर्चा का आयोजन किया गयाl प्रतियोगिता के अंतर्गत समस्त विभाग के प्रतिभागियों ने गीता जयंती पर अपने विचारों की अभिव्यक्ति प्रस्तुत की l
कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए संयोजिका डॉ. सावित्री शर्मा ने कहा कि विश्व में गीता जयंती मनाने की परंपरा पुरातन काल से चली आ रही है, क्योंकि अन्य ग्रंथ किसी व्यक्ति द्वारा लिखे या संकलित किए गए हैं जबकि गीता का जन्म स्वयं श्री भगवान के श्री मुख से हुआ है l प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष मास को मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती मनाई जाती है इसका उद्देश्य युगों युगों तक मानव मात्र का कल्याण करना हैl इसी दिन श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता ज्ञान देकर कर्म का महत्व स्थापित किया गया एवं महान युग प्रवर्तक के रूप में उन्होंने सभी का मार्गदर्शन किया l इस ग्रंथ में संचित ज्ञान मनुष्य मात्र के लिए अमूल्य है l
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कर्म की अवधारणा को अभिव्यक्त करती गीता चिरकाल से आज भी उतनी ही प्रासंगिक है ,जितनी उस काल में थीl विचारों को तर्क दृष्टि द्वारा बहुत ही सरल एवं प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया गया है l गीता के श्लोकों में जीवन की हर परिस्थिति का वर्णन रहस्य के साथ छुपा हुआ है l वास्तव में यह व्यक्ति के सभी धर्म एवं कर्म का ब्यौरा है l
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा की गीता ज्ञान का अदभुद भंडार हैl इसका जन्म श्री कृष्ण के मुख से कुरुक्षेत्र के मैदान में हुआ था l यह मंगलमय जीवन का ग्रंथ हैl कृष्ण के उपदेशों को प्राप्त कर अर्जुन उस परम ज्ञान की प्राप्ति करते हैं, जो उनकी समस्त शंकाओं को दूर कर उन्हें कर्म की ओर प्रवृत्त करने में सहायक होती है l गीता के विचारों से व्यक्ति को उचित मार्गदर्शन प्राप्त होता है l
अंतर विभागीय वीडियो मेकिंग प्रतियोगिता में महाविद्यालय के प्रतिभागियों ने उत्साह पूर्वक अपने विचारों की अभिव्यक्ति की l
प्रतियोगिता की निर्णायक श्रीमती रवीना डे , उप प्राचार्य शंकराचार्य नर्सिंग महाविद्यालय भिलाई थी l उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत विचारों की अभिव्यक्ति की सराहना की उन्होंने कहा कि गीता में मानव जीवन का आधार छिपा है ,मनुष्य के लिए उसका कर्म क्या है इसका विस्तार पूर्वक वर्णन है l विजेता प्रतिभागियों को बधाई देते हुए उन्होंने उनके उज्जवल भविष्य की कामना कीl
प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे -सुयोग्य यादव ,बीबीए पंचम सेमेस्टर, प्रथम स्थान पर रहे l कोमल देवांगन ,एमएससी प्रथम सेमेस्टर ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया l तृतीय स्थान पर श्यामसुंदर पटनायक एम एड तृतीय सेमेस्टर एवं दामिनी साहू l सांत्वना पुरस्कार योग प्रज्ञा एमएससी माइक्रोबायोलॉजी तृतीय सेमेस्टर को दिया गया l कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्रंथपाल सुश्री नीलिमा साहू का विशेष योगदान रहा l
●●● ●●●