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- ■डॉ. सोनाली चक्रवर्ती : अपनी गोवा डायरी में से एक मुलायम सी स्मृति. ■बूढ़े वर्ष के दुखों को जला दो.
■डॉ. सोनाली चक्रवर्ती : अपनी गोवा डायरी में से एक मुलायम सी स्मृति. ■बूढ़े वर्ष के दुखों को जला दो.
कोई भी पर्यटन स्थल जब बहुत लोकप्रिय हो जाता है तब उनमें एक अनावश्यक कृत्रिमता उभरने लगती है जो उस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता को तकरीबन नष्ट कर देती है।
पर्यटकों के रंग बिरंगे दल,दुकानों में लटके हुए लंबे-लंबे चिप्स के पैकेट की झालरें, बोतलबंद पानी,कटे फल,स्थानीय वस्तुओं की गुमटियां यह सब उस स्थान विशेष के निवासियों की रोजमर्रा की जिंदगी को नहीं देखने देती
मेरे जैसा पर्यटक ढूंढता है कि कहां उस जगह की खास बातें दिखाई दे।
साउथ गोवा में अभी भी पर्यटन ने पैर नहीं पसारे है। वैसे यह भी पूरे दावे से नहीं कह सकती क्योंकि हर कुछ दूरी पर एक बेहद खूबसूरत रिसोर्ट और होटल पेड़ों की आड़ में दिखाई देता है जो इतने सजेधजे व सर्वसुविधायुक्त है कि पता चलता है कि वहां लोग नियमित आते हैं
लेकिन वहां किसी ने प्रकृति की खूबसूरती से छेड़छाड़ नहीं की ।
कई एकड़ जमीन पर बना हुआ खूबसूरत पुर्तगाली वास्तुशास्त्र अनुरूप बना घर आम,जाम, केले, नारियल, तेजपत्ता, काली मिर्च ,कई तरह के नए फलों व दुर्लभ प्रजाति के पेड़ पौधों से आच्छादित वनस्थली लगता है।
31 दिसंबर 2021 को साउथ गोवा के कनसॉलिम तट क्षेत्र की गलियों में गुजरते हुए मैंने देखा कि हर कुछ दूरी पर स्थानीय बच्चों ने कुर्सी पर एक कोट पैंट पहना हुआ जेंटलमैन जैसा पुतला (हाथों से बनाकर) बिठा रखा है।
मैंने उनसे पूछा यह कौन है तो उन बच्चों ने बताया है कि
-” दिस इज़ ओल्ड मैन। यह पुराने साल के सारे दुख है। पुराने साल में जितने किस्म के दुख दर्द थे उन सब को हमने इस पुतले में जमा कर दिया है और आज रात 12:00 बजे हम पिछले साल के सारे दुखों को जला देंगे”
यह बात सुनकर मुझे इतना मजा आया मैं बता नहीं सकती।
हर पुतले के पास छोटे-छोटे बॉक्स या कटोरियां रखी थी जिसमें वह बड़ों से पैसे मांगते थे …जो हमारे छत्तीसगढ़ में छेरछेरा पुन्नी या हरेली पर या सुआ गीत गाते हुए बच्चे आते हैं बिल्कुल उन्हीं के जैसे चमकती आंखों वाले बच्चे…चेहरे पर निश्चल मुस्कान।इन पैसों से वे नए साल की पार्टी करने वाले थे।
हमने भी अपनी मर्जी से दक्षिणा दी और आगे बढ़ गए ।
पॉजिटिव थिंकिंग की बात जहां होती है मुझे बड़ा मजा आता है ।इस परिकल्पना ने मुझे बहुत गुदगुदाया।
नए साल में प्रवेश करने का इससे अच्छा तरीका तो हो ही नहीं सकता कि हम पुराने साल के सारे दुख दर्द को आज आधी रात को जला दें
ऐसी बहुत सी मीठी यादों के साथ गोवा से फिर मिलने का वादा
साढ़े सोलह आना
सोनालीयाना
■डॉ. सोनाली चक्रवर्ती
■98261 30569
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