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  • ■बसंत पंचमी पर विशेष : डॉ. बलदाऊ राम साहू.

■बसंत पंचमी पर विशेष : डॉ. बलदाऊ राम साहू.

3 years ago
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♀ रितु बसंत जब आथे
♀ डॉ. बलदाऊ राम साहू
[ दुर्ग-छत्तीसगढ़ ]

रितु बसंत हर जब-जब आथे
तब-तब  सुख के भान कराथे।

आमा   मउरे   सेमर   फुलथे
परसा    सुघर   रंग   देखाथे।

देख   के  धरती  के  सुघराई
मन ह घलो हरषित हो जाथे।

मगन हो के  चिरगुन मन संग
कोयल  राग म राग  मिलाथे।

मन  उपजथे भाव नवा तब्ब
गीत – ग़ज़ल घलो बन जाथे।

बाजा  बाजे  गली – खोर मा
फाग  के  धून गजब  सुहाथे।

मया-पिरित अंतस के भइया
रिस्ता   हमर  नवा  हो जाथे।

कउनो करथे  हँसी-ठिठोली

तब  हमरे मन  हर मुसकाथे।

रितु बसंत के  करथे स्वागत
कंठ  ओकर सुरसती हमाथे।

■कवि संपर्क-
■94076 50458

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