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- ■आरोप : जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग के पूर्व महामंत्री एवं प्रवक्ता व स्टील सिटी चेम्बर ऑफ कॉमर्स भिलाई के अध्य्क्ष ज्ञानचंद जैन ने मंत्री के दबाव में कब्जे तोड़ने का आरोप लगाया,पढ़ें-
■आरोप : जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग के पूर्व महामंत्री एवं प्रवक्ता व स्टील सिटी चेम्बर ऑफ कॉमर्स भिलाई के अध्य्क्ष ज्ञानचंद जैन ने मंत्री के दबाव में कब्जे तोड़ने का आरोप लगाया,पढ़ें-
♀ कब्जे हो रहे थे तो बीएसपी प्रबंधन कुंभकर्णी नींद में था..निगम को स्थानांतरित होने वाली भूमि पर कब्जे हटाने हाइटेंशन का बहाना बनाकर अचानक जागा बीएसपी प्रबंधन..ये बात कुछ हजम नही हुई..
♀ वर्षों से लोगों की परिवारों की चल रही रोजी रोटी पर अचानक लात मारने का कारण स्पष्ट करे प्रबंधन व रिसाली निगम
जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग के पूर्व महामंत्री एवं प्रवक्ता एवं स्टील सिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स भिलाई के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने भिलाई इस्पात संयंत्र भिलाई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से जानना चाहा कि दुर्ग पाटन रोड पर भिलाई इस्पात संयंत्र की भूमि पर जिन कब्जे को आज तोड़ा गया है क्या 20 /25 वर्ष पूर्व जब यह कब्जे हो रहे थे तब उन्हें नहीं मालूम था की हाईटेंशन लाइन यहां से गई हुई है !
शहर की जनता को गुमराह करने के बजाए यह बताना चाहिए छत्तीसगढ़ शासन के एक मंत्री के दबाव में उपरोक्त कब्जों को तोड़ा गया है क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक बयान देकर कहा था कि रिसाली नगर निगम को स्थानांतरित की जाने वाली भूमि से कब्जे हटाए जाने चाहिए !
भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारी राजनेताओं के दबाव में आकर यदि इस तरह के कब्जों को हटाने में सक्षम है तो उन्हीं राजनेताओं के संरक्षण लेकर सिविक सेंटर की चौपाटी जहां अरबों रुपए की जमीन एवं संयंत्र की सुरक्षा में विघ्न पैदा करने वाला बोरिया बाजार इसी तरह कब्जे में हैं वहां से भी हटाने की कार्रवाई होनी चाहिए भिलाई स्टील सिटी चेंबर अध्यक्ष की हैसियत से एवं सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते हमारी सोच है कि या तो कब्जे होने ना दिया जाए और यदि कहीं 5 साल 10 साल 15 साल से लोग बैठकर लोग अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं तो ऐसे अवैध कब्जों को शासन की नीतियों के तहत व्यवस्थित किया जाना चाहिए और उनके रोजगार को यथावत चलने दिया जाना चाहिए !
भिलाई इस्पात संयंत्र का प्रबंधन राजनेताओं के संरक्षण में या तो काम करना बंद कर दें या विधि सम्मत कार्रवाई को अंजाम दे और या फिर ऐसे कब्जों के खिलाफ राज्य शासन से सुविधाएं लेकर हटाए जाने की दिशा में प्रतिदिन कार्रवाई की जानी चाहिए आज मरोदा क्षेत्र में जिन कब्जों को हटाया गया निश्चित रूप से उन परिवारों के संघर्ष में हम शामिल होंगे और उन्हें रिसाली या भिलाई कहीं पर भी रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जाएंगे लेकिन इस तरह की स्वार्थ पूर्ण की जाने वाली कार्रवाई दुखद एवं निंदनीय है भिलाई इस्पात संयंत्र और शासन के वरिष्ठ मंत्री की कार्यशैली कि हम कड़ी निंदा करते हैं !
[ ●सतीश पारख ]
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