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■छत्तीसगढ़ : राहुल गांधी का वारंगल में संबोधन, लिंक खोलकर पढ़ें-
कांग्रेस के पूर्व अध्य्क्ष राहुल गांधी ने सभा को संबोधित करते हुये कहा कि ये जो आपका प्रदेश है, नया प्रदेश है। तेलंगाना, ये आसानी से नहीं बना। इस प्रदेश को बनाने के लिए तेलंगाना के युवाओं ने, तेलंगाना की माताओं ने अपना खून, अपने आँसू दिए थे और ये प्रदेश किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं बना था, ये एक सपना था, तेलंगाना की जनता का सपना था।
8 साल हो गए, मैं आपसे पूछना चाहता हूँ, तेलंगाना का जो सपना था, प्रगति का सपना, उस सपने का क्या हुआ? पूरा तेलंगाना देख सकता है कि एक परिवार को जबरदस्त फायदा हुआ। मगर मैं आपसे पूछना चाहता हूँ, तेलंगाना की जनता को क्या फायदा मिला? क्या आपको रोजगार मिला? (जनता ने कहा-नहीं)
आज यहाँ पर किसानों की विधवाएं स्टेज पर हैं, रो रही हैं, ये किसकी जिम्मेदारी है? ये अकेली नहीं हैं, ऐसी तेलंगाना में हजारों बहनें हैं, जिनके पति ने आत्महत्या की, किसकी जिम्मेदारी है?
सपने को पूरा करने के लिए आपने अपना खून, अपने आँसू दिए। आप लड़े, मगर हम भी आपके साथ खड़े थे। कांग्रेस पार्टी ने भी आपके साथ ये लड़ाई लड़ी और अंत में कांग्रेस पार्टी ने और सोनिया गांधी जी ने ये काम पूरा करके तेलंगाना की जनता को दिया। भाईयों औऱ बहनों, आप ये मत भूलिए, ये काम कांग्रेस पार्टी के लिए आसान नहीं था। कांग्रेस पार्टी को नुकसान हुआ, हमें मालूम था कि हमें नुकसान होने जा रहा है, मगर हम तेलंगाना की जनता के साथ खड़े हुए और हमने मिलकर, आपके साथ मिलकर आपको नया प्रदेश दिया।
आपने सोचा था कि तेलंगाना की जनता की सरकार बनेगी, किसानों की सरकार बनेगी, मजदूरों की सरकार बनेगी, गरीबों की सरकार बनेगी; पता लगा, जनता की सरकार नहीं बनी। आज तेलंगाना में कहा जाता है कि चीफ मिनिस्टर हैं, मगर ये चीफ मिनिस्टर नहीं हैं, ये राजा है। राजा और मुख्यमंत्री में क्या फर्क होता है? मुख्यमंत्री जनता की आवाज को सुनता है, राजा जनता की आवाज को नहीं सुनता है। राजा जो करना चाहता है, वो कर डालता है।
मुख्यमंत्री लोकतंत्र में भरोसा करता है। मुख्यमंत्री जनता की बात सुनकर निर्णय लेता है। राजा को लोकतंत्र से कुछ लेना-देना नहीं। जो राजा के दिल में आता है, वो राजा कर देता है। ये फर्क है।
छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार है। चुनाव के समय हमने दो बड़े वायदे किए थे। पहला वायदा कि छत्तीसगढ़ के किसानों का हम कर्जा माफ करके दिखा देंगे और दूसरा वायदा, पैडी (धान) को हम 2,500 रुपए प्रति क्विंटल खरीदेंगे।
किसानों ने हमें कहा कि हमें कर्जा माफी की जरुरत है और हमें 2,500 रुपए एमएसपी आप दीजिए। हमने उनकी आवाज सुनी और आज आप जाइए, छत्तीसगढ़ जाइए और वहाँ पूछिए- धान के लिए क्या दाम मिलता है? पूरा छत्तीसगढ़ का किसान आपको बताएगा कि छत्तीसगढ़ में 2,500 रुपए प्रति क्विंटल धान का मिलता है। आज आपके जो चीफ मिनिस्टर हैं, किसानों की आवाज नहीं सुन रहे हैं। 2,3 बड़े उद्योगपतियों की आवाज सुनते हैं, उनके लिए काम करते हैं, मगर किसानों की आवाज नहीं सुनते हैं और जो छत्तीसगढ़ के किसान ने कहा था, वही तेलंगाना का किसान कह रहा है। तेलंगाना का किसान कह रहा है कि मिर्ची के लिए, धान के लिए हमें सही दाम चाहिए और हमारा कर्जा माफ होना चाहिए।
तेलंगाना के किसी भी किसान को घबराने की जरुरत नहीं है। जैसे ही कांग्रेस पार्टी की यहाँ सरकार बनेगी, वैसे ही दो लाख रुपए का कर्जा माफ होगा और आपको सही एमएसपी मिलनी शुरु हो जाएगी। आपको ज्यादा समय रुकने की जरूरत नहीं है। आप घबराइए मत, डरिए मत, ये काम कुछ ही महीने में कांग्रेस पार्टी करके आपको दे देगी।
ये खोखले शब्द नहीं हैं, ये तेलंगाना के सपने को पूरा करने का पहला कदम है। किसानों की मदद, किसानों की रक्षा के बिना तेलंगाना का सपना पूरा नहीं हो सकता है।
अभी हमने वरंगल डिक्लेरेशन किया और उसमें हमने तेलंगाना के किसानों से वायदे किए। मैंने कर्जा माफी की बात की, एमएसपी की बात की। 15,000 रुपए प्रति एकड़ डायरेक्ट बेनेफिट हम किसानों को देने जा रहे हैं और रेवंत जी ने पूरा डिक्लेरेशन पढ़ा। ये सिर्फ एक डिक्लेरेशन नहीं है, ये किसानों के लिए कांग्रेस पार्टी की गारंटी है।
तेलंगाना के हर किसान को ये डिक्लेरेशन पढ़ना चाहिए और जब आप इस डिक्लेरेशन को पढ़ेंगे, आप ये बात याद रखिए कि इस डिक्लेरेशन का हर शब्द कांग्रेस पार्टी की गारंटी है।
और ये हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हम जानते हैं कि किसान अगर कमजोर रहेगा, तो तेलंगाना का सपना पूरा कभी नहीं हो सकता है, क्योंकि किसान ही इस प्रदेश की नींव है, फाउंडेशन है।
मैंने पहले आपसे सवाल पूछा था कि तेलंगाना के साथ धोखा किसने किया, तेलंगाना का जो सपना था, उससे किसने धोखा किया? तेलंगाना से हजारों करोड़ रुपए किसने चोरी किए, उस व्यक्ति का नाम क्या है? (जनता ने कहा- के. चंद्रशेखर राव) नहीं, सुनाई नहीं दिया, फिर से बोलिए, (जनता ने फिर कहा- के. चंद्रशेखर राव) क्या नाम है, उसका? (जनता ने फिर कहा- के. चंद्रशेखर राव) तो आप एक बात अच्छी तरह समझ लीजिए और कांग्रेस का हर नेता, हर कार्यकर्ता इस बात को अच्छी तरह समझे, जिस व्यक्ति ने तेलंगाना के साथ धोखा किया है, जिस व्यक्ति ने तेलंगाना से चोरी की है, जिस व्यक्ति ने तेलंगाना के सपने को नष्ट किया है, उसके साथ कांग्रेस पार्टी का कोई समझौता नहीं होगा और अगर ये सवाल आज के बाद किसी भी कांग्रेस नेता ने उठाया, उसको हम कांग्रेस पार्टी से बाहर कर देंगे। चाहे वो कोई भी हो, कितना भी बड़ा हो, उसको हम पार्टी से बाहर कर देंगे।
अगर किसी भी कांग्रेस पार्टी के नेता को टीआरएस से समझौता करना है, तो या वो टीआरएस में चला जाए या फिर बीजेपी में चला जाए। हमें उस व्यक्ति की कोई जरुरत नहीं है। हमारी विचारधारा की लड़ाई है, हम राजा से समझौता नहीं करेंगे। हम टीआरएस को चुनाव में हराएंगे। टीआरएस को चुनाव में हराएंगे और सीधी कांग्रेस पार्टी और टीआरएस की लड़ाई होगी।
एक बात और याद रखिए, जिस व्यक्ति ने तेलंगाना के सपने को नष्ट किया और तेलंगाना के किसानों से, मजदूरों से, युवाओं से लाखों करोड़ों रुपए चोरी किए, उसको हम माफ नहीं करने वाले हैं।
और एक बात और याद रखिए, जिस व्यक्ति ने तेलंगाना के सपने को नष्ट किया और तेलंगाना के किसानों से, मजदूरों से, युवाओं से लाखों करोड़ रुपए चोरी किए, उसको हम माफ नहीं करने वाले हैं और चुनाव के समय जब टिकट का सवाल उठेगा और ये सब नेताओं को बात अच्छी तरह सुननी चाहिए। जब चुनाव के समय टिकट की बात उठेगी, तो जिस व्यक्ति ने जनता की लड़ाई लड़ी होगी, उसी को मेरिट बेसिस पर टिकट मिलेगा। चाहे आप कितने भी बड़े हों, आप कोई भी हों, अगर आप किसानों के साथ नहीं खड़े थे, अगर आप गरीबों के साथ नहीं खड़े थे, तो आपको कांग्रेस पार्टी का टिकट नहीं मिलने वाला है।
सोनिया जी ने जब तेलंगाना आपको दिया, उसके पीछे एक सपना था। तेलंगाना की जो आवाज थी, उसको सुनकर सोनिया जी ने आपको प्रदेश दिया और प्रदेश इसलिए दिया था क्योंकि वो चाहती थी कि जो आपका तेलंगाना का सपना था, वो पूरा हो। वो सपना आपका है, सोनिया जी का है, मगर मेरा भी है और उस सपने को मैं आपके साथ पूरा करना चाहता हूं।
तो जहाँ भी मेरी जरुरत होगी, जहाँ भी आप मुझे बुलाना चाहते हैं, जहाँ भी मैं तेलंगाना की मदद कर सकता हूं, मैं करने के लिए तैयार हूं। ये सिर्फ आपकी लड़ाई नहीं है, ये सिर्फ तेलंगाना के किसानों की, युवाओं की लड़ाई नहीं है, ये कांग्रेस की लड़ाई है और ये मेरी लड़ाई है। मैंने पहले कहा था कि जो भी व्यक्ति कहता है कि टीआरएस के साथ समझौता होना चाहिए, उसे बीजेपी में या टीआरएस में चले जाना चाहिए, क्योंकि समझौता अगर है, तो बीजेपी और टीआरएस का समझौता है। आप याद रखिए, जब नरेन्द्र मोदी जी ने तीन काले कानून पार्लियामेंट में पास किए थे, तो टीआरएस के नेता क्या कह रहे थे।
बीजेपी जानती है कि वो तेलंगाना को डायरेक्टली रुल नहीं कर सकती। वो जानते हैं कि तेलंगाना में उन्हें रिमोट कंट्रोल की जरूरत है। बीजेपी जानती है कि कांग्रेस बीजेपी से कभी समझौता नहीं कर सकती। इसलिए बीजेपी चाहती है कि तेलंगाना में टीआरएस की सरकार रहे और सबूत ये है कि तेलंगाना के चीफ मिनिस्टर जितना भी पैसा चोरी करना चाहते हैं, कर सकते हैं और बीजेपी की सरकार ना उन पर ईडी लगाती है, ना सीबीआई लगाती है।
ये रैली किसानों के लिए थी, किसानों को भरोसा देने के लिए थी, वारंगल डिक्लरेशन के लिए थी। हम चाहते थे कि तेलंगाना के किसानों को मालूम हो कि कांग्रेस पार्टी एक साथ उनके साथ खड़ी है और उनकी पूरी मदद करने जा रही है। किसानों को हमने इसलिए मैसेज दिया क्योंकि वो इस प्रदेश की नींव हैं, फाउंडेशन है। अगली रैली में हम आदिवासियों को ऐसा ही मैसेज देना चाहते हैं और उनकी जो लड़ाई है, 10 प्रतिशत रिजर्वेशन की जो उनकी लड़ाई है, उसमें हम उनकी पूरी मदद करने जा रहे हैं। तेलंगाना बनने के बाद आपने टीआरएस को दो बार मौका दिया और टीआरएस ने तेलंगाना की जनता को धोखा दिया। अब आप कांग्रेस पार्टी को एक मौका दीजिए और किसानों की, गरीबों की सरकार हमें बनाने दीजिए।
कांग्रेस पार्टी आपके साथ मिलकर तेलंगाना के सपने को पूरा कर सकती है।… (वीडियो मिसिंग)
आज शाम आप दूर-दूर से मेरी बात सुनने आए, इसके लिए आप सबको दिल से धन्यवाद। नमस्कार, जय हिंद।
■सुशील आनंद शुक्ला
[अध्य्क्ष कांग्रेस संचार विभाग]
■राजन कुमार सोनी
[छत्तीसगढ़ हेड ‘छत्तीसगढ़ आसपास’]
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