■विमोचन : ‘हिंदी साहित्य भारती दुर्ग’ इकाई द्वारा डॉ. सुजाता दास की कृति ‘आदर्श समर्पण की प्रस्तुति’.
♀ विशेष उपस्थिति-
■कौशलेंद्र पटेल
■आचार्य रमेन्द्र नाथ मिश्र
■डॉ. एम ए खान
■डॉ. बलदाऊ राम साहू
■रवीश कालगांवकर
■संचालन सुप्रियो सेन
■आभार डॉ सुजाता दास
हिंदी साहित्य भारती दुर्ग के तत्वाधान में पुस्तक विमोचन समारोह सम्पन्न
आज हिंदी साहित्य भारती दुर्ग इकाई के तत्वाधान में आयोजित भव्य व गरिमामयी कार्यक्रम में डॉ सुजाता दास कृत पुस्तक ‘आदर्श समर्पण की प्रस्तुति’ का विमोचन सम्पन्न हुआ।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कौशलेंद्र पटेल जी सी एस पी छावनी पुलिस विभाग, अध्यक्षता आचार्य रमेन्द्र नाथ मिश्र जी से. नि. विभागाध्यक्ष इतिहास अध्ययनशाला पंडित रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय रायपुर,विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ एम ए खान जी, से. नि. विभागाध्यक्ष इतिहास अध्ययनशाला पंडित रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय रायपुर, डॉ बलदाऊ राम साहू जी विश्व हिंदी साहित्य भारती के प्रांतीय अध्यक्ष व संगीत कला जगत के मूर्धन्य विद्वान रवीश कालगांवकर जी रहे।
कार्यक्रम का आरंभ माँ सरस्वती के सौम्य विग्रह के सम्मुख अतिथियों दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। जिसमें डॉ सुजाता दास जी ने भावपूर्ण माँ शारदे की स्तुति कर उपस्थितजनों का मन मोह लिया। तत्पश्चात अतिथियों को ससम्मान मंचासीन कर उनका स्वागत पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया गया।
इसके पश्चात पुस्तक ‘आदर्श समर्पण की प्रस्तुति’ की लेखिका ने अपने आत्मकथ्य में कहा कि प्रस्तुत पुस्तक छ. ग. के वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवन का परिचय देती है जो शोध उपरांत लिखी गई है। इसमें छत्तीसगढ़ी कविताओं का भी समावेश किया गया है।
डॉ एम ए खान ने लेखिका के साहित्यिक कर्मठता की प्रशंसा करते हुए प्रस्तुत पुस्तक के श्रमसाध्य सृजन की बधाई दी व इसे छ ग ऐतिहासिक तथ्यों की प्रामाणिक पुस्तक से निरूपित किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष की आसंदी से उद्बोधन देते हुए आचार्य रमेन्द्र नाथ मिश्र जी ने कहा कि प्रस्तुत पुस्तक की जानकारी बड़े महत्व की हैं क्योंकि लेखिका ने इतिहास के मूल पांडुलिपियों का गंभीर अध्ययन कर यह पुस्तक लिखी है। साथ ही उन्होंने लेखिका से अपने कार्य व विभाग से संबंधित आगामी पुस्तक का सृजन करने को कहा जिससे कई नये तथ्यों से लोग लाभान्वित हो सकें।
डॉ बलदाऊ राम साहू जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वास्तव में नई पीढ़ी को अपने पुरखों व विरासत की जानकारी नहीं है। प्रस्तुत पुस्तक जो कि छ. ग. के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर आधारित है नई पीढ़ी को हमारी विरासत के बारे में जागरूक करेगी।
इसके पश्चात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कौशलेंद्र पटेल जी ने अपने सारगर्भित ओजपूर्ण उद्बोधन में कहा कि लेखिका का यह कार्य सराहनीय है। मुझे स्वयं इससे प्रेरणा मिली क्योंकि ज्ञान को पुस्तकों में सहेजने से हमारी भावी पीढ़ी को इसका लाभ मिल सकेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैंने पुस्तक को पढ़कर जाना कि यह पुस्तक काफी शोध व श्रम से तैयार की गई है। जिसका सभी को अध्ययन करना चाहिए।
इस कार्यक्रम का सरल सहज सफल व प्रभावी संचालन माँ वाग्देवी के मानस पुत्र श्री सुप्रियो सेन जी ने किया। अंत में लेखिका द्वारा पधारे सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम में विशेष रूप से सर्व श्री संजय भूरा (जगदलपुर से), श्री संतोष दास, श्रीमती एम. वी. श्रुति श्रीमती वंदना, श्री चंद्रकांत साहू, श्री वाय उमा शंकर राव, श्री जानकी राव, श्री विक्रम सिंह, आकाशवाणी रायपुर से श्री पंकज, सुमिता, श्री अशोक महासमुंद, शकुंतला फाउंडेशन रायपुर से स्मिता जी व संजना जी सहित बड़ी संख्या में श्रोतावृन्द उपस्थित थे।
[ ●विक्रम सिंह,मीडिया प्रभारी ‘हिंदी साहित्य भारती’ दुर्ग-छत्तीसगढ़ ]
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