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जाने छत्तीसगढ़ के रहस्यमयी झरने के बारे में, वैज्ञानिक आज तक पता नहीं लगा पाए मुख्य स्रोत, जाने क्या खासियत है इस झरने और इसके पानी की, पढ़े पूरी खबर
कोरबा जिले से 16 किलो मीटर दूर बसी ग्राम पंचायत कोरकोमा में कभी ना सूखने वाला झरना मौजूद है. कई सालों से यह लगातार ग्रामीणों के लिए जल का प्रमुख स्त्रोत बना हुआ है. ग्रामीणों ने इस झरने के नीचे एक तालाब बनवा दिया है. जिससे इसके पानी का संरक्षण किया जा सके. इस पानी का पीने के साथ खेती में भी जमकर इस्तेमाल होता है. इस झरने का नाम भी ग्रामीणों ने रखा है. इसे तुर्री झरने के नाम से जाना जाता है.
ग्रामीण बताते हैं कि इसके स्त्रोत के बारे में अभी तक जानकारी नहीं मिली है. वैज्ञानिकों ने इसकी खोज करने का कई बार प्रयास किया लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी.
भूगोल के जानकर बताते हैं कि सामान्यतः जल स्रोत तीन तरह के होते हैं. पहले स्त्रोत में पानी हवा में मौजूद होता है. दूसरा स्रोत सतह पर होता है. यह हमें तालाबों और झरनों के रूप में देखने को मिलता है. तीसरा स्रोत भूमिगत होता है. तुर्री का पानी भूमिगत जल स्रोत का ही एक रूप है. यहां दूर से अंदर ही अंदर किसी नाली की तरह बहते हुए पानी पहुंच रहा है. आमतौर पर पहाड़ों पर से इस तरह की नदियों का उद्गम होता है. लेकिन यहां के पानी का उद्गम अपने आप में रहस्य है.
यह झरना पूरे साल ग्रामीणों को पानी देता है. भीषण गर्मी में भी इसके जल का प्रवाह कम नहीं होता.