बुकर सम्मान : हिंदी उपन्यास ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ [रेत समाधि] की लेखिका गीतांजलि श्री को मिला बुकर सम्मान.
2 years ago
326
0
■’रेत समाधि’ का अंग्रेजी अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया.
गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘रेत समाधि’ [टूम ऑफ सैंड] को इंटरनेशनल बुकर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है.
दिल्ली की लेखिका गीतांजलि श्री अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरुस्कार जीतने वाली पहली भारतीय लेखिका बन गई है. इसके साथ ही यह हिंदी का पहला उपन्यास है, जिसने अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया.
उपन्यास ‘रेत समाधि’ भारत के विभाजन की छाया में स्थापित एक कहानी है, जो अपने पति की मृत्यु के बाद एक कहानी को दर्शाता है.
गीतांजलि श्री ने कहा-
“मैंने कभी सोचा ही नहीं था कि मैं ये कर सकती हूं. मैंने कभी बुकर का सपना नहीं देखा था.मुझे अलग तरह की संतुष्टि हो रही है”
सम्मान और पुरुस्कार में गीतांजलि श्री को 50 लाख रुपये मिलेंगे.राशि उपन्यासकार और अनुवादक में बराबर बांटी जाएगी●
■■■ ■■■
chhattisgarhaaspaas
Previous Post ■ब्रह्माकुमारीज़ : भिलाई.