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- ■ब्रह्माकुमारीज़ : जीवन की हर घड़ी अंतिम घड़ी महामंत्र से श्रेष्ठ कर्म करने की प्रेरणा देती थी,मातेश्वरी जगदम्बा.
■ब्रह्माकुमारीज़ : जीवन की हर घड़ी अंतिम घड़ी महामंत्र से श्रेष्ठ कर्म करने की प्रेरणा देती थी,मातेश्वरी जगदम्बा.
♀ भिलाई-
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की प्रथम मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी ओमराधे (मातेश्वरी जी) की 57 वीं पुण्यतिथि पर सेक्टर 7 स्तिथ पीस ऑडिटोरियम में उनकी शिक्षाओं को जीवन में आत्मसात करने के साथ श्रद्धापूर्वक मनाई गई। भिलाई सेवाकेन्द्रों की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी
जगदम्बा के संस्मरण सुनाते हुए बताया कि वे जीवन की हर घड़ी अंतिम घड़ी समझ कर श्रेष्ठ कर्म करने की प्रेरणा देती थी। जो श्रेष्ठ कर्म करना है कर ले यह वक्त जा रहा है। इसी महामन्त्र से वो बहुत ही कम उम्र में संस्था की मुख्य प्रशासिका बनी। मातेश्वरी जी ने कभी किसी को कहकर शिक्षा नही दी,अपितु अपने कर्म से शिक्षा दी।
मातेश्वरी जी वात्सल्य और योग की शक्ति की प्रतिमूर्ति थीं। इसीलिए छोटे-बड़े सभी उन्हें माँ कहकर पुकारते थे।
मातेश्वरी जी के निम्मित परमात्मा को भोग स्वीकार करा कर सभी ब्रह्मा वत्सो ने राजयोग का मेडिटेशन का अभ्यास शांति के प्रकम्पन विश्व मे प्रवाहित किये।
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