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०भिलाई : ‘ छत्तीसगढ़ साहित्य सृजन परिषद ‘ द्वारा पावस ऋतु पर काव्य गोष्ठी.
🏀 अतिथि –
डॉ.महेश चंद्र शर्मा, डॉ. संजय दानी, प्रदीप वर्मा, एन एल मौर्य ‘ प्रीतम ‘
🏀 संचालन
नीता कांबोज ‘ शीरी ‘
🏀 आभार
गजेंद्र द्विवेदी
‘ छत्तीसगढ़ साहित्य सृजन परिषद भिलाई’ द्वारा विगत दिनों ‘ राज – राजेश्वरी मंदिर ‘ में ‘ पावस ऋतु ‘ पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया.
मुख्यअतिथि आचार्य डॉ. महेशचंद्र शर्मा, विशेष अतिथि डॉ. संजय दानी एवं प्रदीप वर्मा थे. गोष्ठी की अध्यछ्ता समिति के अध्य्श एन एल मौर्य ‘ प्रीतम ‘ ने की.
मां सरस्वती के तैल चित्र पर अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर गोष्ठी का शुभारंभ किया, ओशीन कांबोज ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की.
🏀 पावस ऋतु पर जिन्होंने कविता पाठ कर श्रोताओं को बरसते हुए पानी के साथ झूमने के लिए विवश किया, वे रचनाकार थे –
०मो.निज़ाम ‘ राही ‘
०टी आर कोसरिया
०रामबरन कोरी ‘ कशिश ‘
०मो.रियाज़ खान गौहर
०नवेद रजा दुर्गवी
०डॉ.नरेंद्र देवांगन ‘ देव ‘
०माला सिंह
०नीलम जायसवाल
०डॉ.बीना सिंह ‘ रागी ‘
०विद्यानंद कुशवाहा
०रश्मि पुरोहित
०प्रीति सरू
०गजेंद्र द्विवेदी ‘ गिरीश ‘
०ओशीन कांबोज
०नभनीर हंस
०सोनिया सोनी
०त्रिलोकीनाथ कुशवाहा ‘ अंजान
०बैकुंठ महानंद
मुख्यअतिथि डॉ. महेशचंद्र शर्मा ने कहा-
पहले आदि शंकर भगवान हैं और ये खुशी की बात है उनका प्रिय मास सावन है और इस मास में पावस ऋतु पर काव्य गोष्ठी आयोजन करना उनको प्रसन्न करना है. शर्मा जी ने आगे कहा कि प्रतिभाशाली कवि धीरे धीरे श्रेष्ठ रचनाकार भी बन जाते हैं.
विशेष अतिथि डॉ. संजय दानी ने सस्वर प्रस्तुति दी –
बादलों से करार कर रहा हूँ
तुझपे एतबार कर रहा हूँ.
विशेष अतिथि प्रदीप वर्मा ने अपनी रचना के माध्यम से कहा-
करिया बादर आ जा रे आ
झन टूहू देरवा बरस तो जा.
गोष्ठी में सभा प्रमुख एन एल मौर्य ‘ प्रीतम ‘ ने कहा-
आसमां से उतर वर्षा रानी
धरा पर आ गई रे
पावस ऋतु विरह का नहीं
‘ प्रीतम ‘ ये मिलन की रूत आ गई रे.
[ ‘ छत्तीसगढ़ आसपास ‘ साहित्य डेस्क प्रतिनिधि द्वारा ]
🏀🏀🏀🏀🏀