दुर्ग में शुरू होगा ‘मोर शहर, मोर जिम्मेदारी’ अभियान और ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू होगा ‘प्रशासन तुंहर द्वार’ अभियान, जिला प्रशासन ने लिया निर्णय
दुर्ग जिला प्रशासन ने नगरीय निकायों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए दो बड़े निर्णय लिए है. नगरीय निकायों में मोर शहर, मोर जिम्मेदारी अभियान चलाया जाएगा. इसमें प्रबुद्ध नागरिक अपने मोहल्ले के चौक-चौराहों को सुंदर बनाये रखने में सहयोग करेंगे. इसके अलावा शहरी गौठानों में गौ-सेवा के लिए गौ-कोष बनाया जाएगा. इसमें नागरिक आर्थिक सहयोग कर सकेंगे जिसे गायों के रख-रखाव के लिए खर्च किया जाएगा. दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिये हैं.
कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने कहा कि, अपने शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाये रखना प्रशासन के साथ ही नागरिक के रूप में हम सबकी जिम्मेदारी भी है. जनभागीदारी से शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के हमारे संकल्प को पूरा करने की दिशा में काफी सहयोग मिल सकता है. इसके लिए सार्वजनिक जीवन में प्रबुद्ध लोग जो अपने परिवेश को सुंदर बनाने की दिशा में सहयोग करना चाहते हैं उनसे सहयोग लिया जा सकता है. चौक-चौराहों के सौंदर्यीकरण और मेंटेंनेंस में होने वाले खर्च की राशि के लिए नागरिक सहयोग दे सकते हैं.
कलेक्टर ने कहा कि, इसके लिए निगम के अधिकारी सार्वजनिक जीवन में सक्रिय प्रबुद्ध दानशील लोगों से संपर्क करें और इन्हें प्रेरित करें. कालोनियों में रेजिडेंशियल सोसायटी के पदाधिकारी मिलकर यह कार्य कर सकते हैं. वे ऐसे स्थलों का चिन्हांकन भी कर सकते हैं जहां ब्यूटीफिकेशन संभव है और इसके लिए वे प्रस्ताव दे सकते हैं और खर्च का वहन भी कर सकते हैं. इसके साथ ही श्रमदान अभियान चलाकर प्रशासन और नागरिक समुदाय भी स्वच्छता के लिए बड़ी पहल कर सकता है.
मवेशियों को रखेंगे गौठानों में-कलेक्टर
कलेक्टर ने कहा कि नगरीय निकायों में ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रखने और साफ-सफाई की उचित व्यवस्था बनाये रखने के लिए जरूरी है कि मवेशियों को शहरी गौठानों में रखने की व्यवस्था की निरंतर मॉनिटरिंग की जाए. नगरीय निकायों में बड़ी संख्या में मवेशी घूमते हैं. इन्हें गौठानों में रखने और उचित प्रबंधन का कार्य प्रशासन कर रहा है. नागरिक भागीदारी से इस कार्य को और भी बल मिलेगा. जो भी नागरिक चाहें वे स्वेच्छा से अपनी सहयोग राशि गौ-कोष में दे सकते हैं. इसके लिए एकाउंट नंबर की जानकारी जल्द ही दी जाएगी. इसके साथ ही गौ-कोष में आवक और व्यय की राशि का पूरा रिकार्ड पारदर्शी रूप से रखा जाएगा जिसे नागरिक देख सकेंगे. प्राप्त आय को गौठान में ही मवेशियों के उचित इंतजाम के लिए खर्च किया जाएगा.
कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनसमस्याओं के तेजी से समाधान के लिए ‘प्रशासन तुंहर द्वार’ अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान के अंतर्गत ग्रामीण स्तर पर ही जनदर्शन का आयोजन होगा. इसमें जिस पंचायत में जनदर्शन आयोजित होना रहेगा उसमें महीने भर पहले ग्रामीणों से मांगों और समस्याओं के आवेदन लिये जाएंगे. जिन आवेदनों का समाधान पंचायत स्तर पर संभव हो सकेगा, उन्हें वहीं हल किया जाएगा. संभव नहीं होने पर ब्लाक स्तर और जिला स्तर के अधिकारियों के पास आवेदन की प्रकृति के अनुसार फॉरवर्ड किया जाएगा. महीने भर की अवधि के बाद कलेक्टर या वरिष्ठ अधिकारी ग्राम पंचायत पहुंचकर आवेदनों के समाधान की स्थिति की समीक्षा करेंगे.
[ *’ छत्तीसगढ़ आसपास ‘ न्यूज़ रूम से संवाददाता* ]