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- ▪️ भिलाई : मिट्टी की शिल्पकला पर तीन दिवसीय वार्षिक कार्यशाला ‘ मातर ‘ 29- 31 अक्टूबर को….
▪️ भिलाई : मिट्टी की शिल्पकला पर तीन दिवसीय वार्षिक कार्यशाला ‘ मातर ‘ 29- 31 अक्टूबर को….
▪️ देशभर के कलाकार करेंगे अपनी कला का प्रदर्शन, चीनी मिट्टी कला में नए आयाम गढ़ने होगा संवाद.
भिलाई [छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़] : सिरेमिक (चीनी मिट्टी) और टेराकोटा (मिट्टी) शिल्पकला पर तीन दिवसीय वार्षिक कार्यशाला ‘मातर’ का आयोजन 29,30 व 31 अक्टूबर को मैत्रीकुंज रिसाली में किया गया है। इस कार्यशाला में स्थानीय कलाकारों के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से कलाकार भाग लेंगे।
विशेषकर इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के शिल्पकला के विद्यार्थी भी इसमें अपनी हिस्सेदारी देंगे। इस दौरान कलाकार नए शिल्प तैयार करेंगे और अपनी कला को नए आयाम देने आपस में संवाद भी करेंगे। शिविर के एक दिन पहले कलाकारों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है और कई कलाकार यहां पहुंचने के साथ ही नए शिल्प तैयार करने में जुट गए हैं।
आयोजन से जुड़ीं लेमन सिरेमिक स्टूडियो भिलाई की संचालक विजया त्रिपाठी ने कहा कि मातर कला शिविर के माध्यम से मिट्टी एवं सिरेमिक के द्वारा निर्मित कलाकृतियों को लोगों तक पहुंचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। वहीं इस कला के तकनीकी पहलू के बारे में कलाकारों तक इसकी सही जानकारी व समझ विकसित करना हमारा उद्देश्य है।
आयोजन में भागीदार रामरक्षा फाउंडेशन के क्यूरेटर चिरायु सिन्हा ने कहा कि टेराकोटा (मिट्टी) की कला हमारे भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही है इस कला के माध्यम से घरेलू सामग्री, मिट्टी के बर्तन और महिलाओं के लिए आभूषण का निर्माण किया जाता था। छत्तीसगढ़ के महासमुंद में सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर टेराकोटा का मध्य भारत का एकमात्र मंदिर है।
उन्होंने बताया कि शिविर में लखनऊ और भोपाल सहित देश के विभिन्न हिस्सों के कलाकार भी भाग ले रहे हैं। यह कलाकार छत्तीसगढ़ राज्य के कलाकारों के साथ मिलकर एक कला जुगलबंदी करेंगे। जिसमें राज्य के कलाकारों को नए प्रकार की विधा सीखने को मिलेगी।
यहां भाग लेने वाले कलाकारों में निर्मला शर्मा भोपाल, पृथ्वीराज सिंह देव, शिव प्रसाद चौधरी, हुकुम लाल वर्मा राजनादगांव, विजया त्रिपाठी भिलाई, भानु प्रकाश बालोद, धनंजय पाल भिलाई, प्रेम शंकर प्रसाद, विशाल गुप्ता लखनउ, कुलेश्वर राम कुरुद, मनीषा वर्मा खैरागढ़, सुरेश कुंभकार, धर्म नेताम, चंद्रपाल पांजरी बालाघाट ,विमल फूटन रायपुर, करुणा सिधार रायगढ़, तृप्ति खरे, महासमुंद मनीषा वर्मा, खैरागढ़ कृष्णा दास, गुंजन शर्मा, मोहन बराल भिलाई, सविपराज प्रजापति, राजेंद्र सुनगरिया भिलाई, विभूति जैन, देशना जैन रूपेश्वरी चंदील धूमका राजनादगांव और राधिका चौहान शामिल है।
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