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- ◾️ भिलाई : प्रशिक्षुक कल्याण समिति सेक्टर – 9 अस्पताल में सेवारत अटेंडेंट काम से निकाले गए.. आंदोलन.. ❓
◾️ भिलाई : प्रशिक्षुक कल्याण समिति सेक्टर – 9 अस्पताल में सेवारत अटेंडेंट काम से निकाले गए.. आंदोलन.. ❓
◾️ कोरोना काल में अपनी सेवाएं दे चुके कार्यकर्ताओं से धोखा.. नए अटेंडेंट रखने का आरोप.. ❓
◾️ राजनीतिक दल और मानव सेवा संस्थाएँ की चुप्पी क्यों ❓
भिलाई : [छत्तीसगढ़ आसपास के लिए रिपोर्ट : सतीश पारख] : भिलाई प्रशिक्षुक कल्याण समिति द्वारा ठेकेदारी प्रथा से आऊट सोर्सिंग के द्वारा भिलाई सेक्टर 09 स्थित पंडित जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में अटेंडेंट के पद पर बहुत से लोगों को रखा गया था। जिन्हे बिना किसी सूचना के काम से निकाल देने से उनके और उनके परिवारों के समक्ष रोजीरोटी की समस्या खड़ी हो गई है जिसके चलते सभी अटेंडेंट कार्यकर्ता मानसिक रूप से प्रताड़ित तथा आंदोलित है। उन्होंने ट्रेक सीजी न्यूज को बताया की हॉस्पिटल के किसी साहिद सर से भी उन्होंने बात की किंतु उन्होंने भी बातों को अनसुना कर दिया। भिलाई प्रशिक्षुक कल्याण समिति के द्वारा भी पैसों की मांग की जाती है तथा हमसे लगातार वसूला भी गया है ।शायद आगे हमारे द्वारा पैसा ना दिया जाएगा इस भय से हमे काम से निकाल दिया गया है। कार्यरत अटेंडेंट 07 नवंबर से भिलाई के मुर्गा चौक पर आंदोलन पर बैठे है।मांगों को अनसुना करने पर परिवार सहित बैठने की बात कही है। उन्होंने बताया की आज 12 नवंबर को पुतला दहन सहित 15 नवंबर को मुर्गा चौक से ही शवयात्रा निकालने की चेतावनी दी है ।उन्होंने आगे बताया की फिर भी हमारी सुनवाई नहीं हुई तो हम महिला पुरुष सभी सर मुंडवाएंगे ओर अपना विरोध जारी रखेंगे। इसके बाद भी प्रबंधन यदि न्याय नहीं करेगा तो घातक कदम उठाने की बात आंदोलित जनों द्वारा कही जा रही है। उन्होंने बताया की काम से निकाल दिए जाने के कारण भूखों मरने की नौबत आ गई है। निकाले गए अटेंडेंट द्वारा इसकी सूचना महाप्रबंधक आई आर बीएसपी ,थाना प्रभारी,कलेक्टर दुर्ग, एसडीएम दुर्ग को भी दी गई है। सौंपे गए ज्ञापन में सुषमा साहु,रोशन टंडन,यतीश देवतबे,मनीषा नेताम,के हस्ताक्षर है।आंदोलन में बैठे अटेंडेंट में रोमन पाटिल,ओंकार कौशिक,योगेश्वर साहु,प्रीति कौर,अर्चना कुमारी ,सीमा यादव, वर्षा यादव, एस सुशान, साईमन बंजारे,आकिब अली,गुलशन वर्मा,प्रभा देवांगन,गीता भारती,प्रदीप जोशी,आकाश देवांगन,नेहा नेताम, एस शुभम, देवप्रकाश देशलहरे,मैरी ग्रीन,दुलार रात्रे, व्ही जीवन, जी भानुमति,पुष्पेंद्र गंधर्व,प्रभा, सुषमा साहु,रोशन टंडन, मनीषा नेताम,यतीश देवतले सहित साथी शामिल है। करोना काल जैसी भयावह स्थिति में जब पूरा देश भय के वातावरण में जीने को मजबूर था, उस समय अपनी जान की परवाह किए बिना अपनी सेवाएं देने वालों के साथ इस तरह का बीएसपी प्रबंधन और ठेकेदार का रवैया पीड़ित अटेंडेंट साथियों के साथ मानवीय नही है ।प्रबंधन को चाहिए की मानवीय दृष्टिकोण से विचार कर इन्हे पुनः काम पर रखे तथा उनके समक्ष रोजी रोटी की जो समस्या आन पड़ी है इसका समाधान करें।
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