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कविता आसपास : उज्जवल प्रसन्नो
2 years ago
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🌸 मेरा गणतंत्र मेरा भारत
आओ फहरायें तिरंगा प्यारा |
गणतंत्र दिवस अपना न्यारा ॥
अतुलनीय है देश भारत हमारा ।
अखण्डता का विश्व सितारा ||
वीर शहीदों के बलिदान ने इसे संवारा।
विकास उन्नति का पुलकित अब नारा।।
विश्वशांति का पुरज़ोर है प्रयास हमारा।
शांति के दूत हम संस्कारों की बहती धारा।।
अन्न खनिज से भरपूर हम बह उठी दूध की धारा ।
उत्कृष्ट लोकतंत्र विकसित विज्ञान उन्नत विचार धारा।।
अब आत्मनिर्भर हम समृद्ध देश हमारा ।
जग का संगी गणतंत्र भारत बन गया सबका दुलारा।।
•कवि संपर्क –
•94241 22246
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