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साहित्य : धरसींवा के शास. पं. श्यामाचरण शुक्ल महाविद्यालय में कवि सम्मेलन और वार्षिक पत्रिका का विमोचन हुआ…
धरसींवा [छत्तीसगढ़ आसपास] : शासकीय पण्डित श्यामाचरण शुक्ल महाविद्यालय धरसींवा में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर हिंदी विभाग तथा संकेत साहित्य समिति रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में ‘देशराग’ कार्यक्रम के तहत ‘गणतंत्र के सुदृढ़ीकरण में साहित्य की भूमिका’ विषय पर परिचर्चा तथा देशभक्ति भाव पर आधारित कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए इस आयोजन के संयोजक हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ. सी.एल. साहू ने अपने स्वागत भाषण में कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कहा, कि हमारे महाविद्यालय के विद्यार्थियों को वरिष्ठ कवियों के काव्यपाठ के माध्यम से प्रशिक्षण तथा प्रेरणा मिले और भविष्य में वे भी इस तरह के कविता पाठ कर सकें तथा परिचर्चा के माध्यम से गणतंत्र के बारे में गम्भीरता से विचार करें यही हमारा मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने आगे भी संकेत साहित्य समिति के सहयोग से इस प्रकार के आयोजन का आश्वासन दिया।
परिचर्चा की शुरुआत करते हुए इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार एवम संकेत साहित्य समिति के अध्यक्ष डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ ने महाविद्यालय के युवाओं को गणतंत्र का महत्व और उसके सुदृढ़ीकरण में साहित्य की अहम भूमिका की चर्चा करते हुए फूहड़ साहित्य से बचने की सलाह दी साथ ही अपनी गजलों से श्रोताओं में जोश भर दी।
इस अवसर पर भाषा विज्ञानी तथा कवि एवं गीतकार रामेश्वर शर्मा ने अपनी ओजपूर्ण कविताओं से खूब वाहवाही लूटी। राष्ट्रीय कवि संगम के ओज के कवि लोकनाथ ललकार ने वर्तमान परिदृश्य से जोड़ते हुए अपनी ओजस्वी कविता पाठ से पूरे सभागार को भारतमाता की जयजयकार करने के लिए विवश कर दिया। हरिभूमि चौपाल के सम्पादक डॉ दीनदयाल साहू ने भी अपनी कविताओं से इस भाव के प्रसार में अहम भूमिका निभाई। साथ ही कवि रवींद्रनाथ सरकार और श्रवण चोरनेले ने भी अपने खास अंदाज़ में काव्य पाठ से सभा को रोमांचित कर दिया। वरिष्ठ कवियों के काव्यपाठ को देखकर महाविद्यालय के नवोदित कवि नेहा नारंग ,निधि साहू , अर्थशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ. स्वाति शर्मा ने भी अपने काव्यपाठ से वाहवाही लूटी और वरिष्ठजनों का खूब आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में संस्था की प्राचार्य डॉ. शबनूर सिद्दीकी ने गणतंत्र की व्याख्या करते हुए इसकी मज़बूती में युवाओं और साहित्य की भूमिका पर अपनी बात रखी । विशिष्ट अतिथि के रूप में जनभागीदारी के अध्यक्ष दुर्गेश वर्मा उपस्थित थे।इस अवसर पर विशेष रूप से महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक कौशल किशोर, वाणिज्य विभाग के डॉ सुनीता दुबे, अदिति भगत, डॉ संजय सिंग तथा राजनीति विज्ञान के प्रशांत रथ,समाज शास्त्र विभाग की डॉ रश्मि कुजूर , हिंदी की अतिथि व्याख्याता डॉ.मीता अग्रवाल व जनभागीदारी शिक्षक उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में हिंदी विभाग के छात्र ओमप्रकाश तथा प्रियंका साहू व उनके साथियों का विशेष योगदान रहा।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर भी अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गए जिसमें महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका ‘ विविधा’ का विमोचन , इतिहास विभाग द्वारा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन तथा विजेताओं को पुरस्कृत करना शामिल था। विद्यर्थियों के देशभक्ति से भरे गानों से महाविद्यालय का प्रांगण गूंज उठा।कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य , जनभागीदारी अध्यक्ष और सदस्यों के साथ प्राध्यापकगण और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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