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छत्तीसगढ़ : राजधानी रायपुर में मनुवादी हिंदुत्व का प्रतिरोध और जाति का विनाश पर जनसभा एवं लखन सुबोध के नेतृत्व में जाति उन्मूलन आंदोलन राज्य समन्वय समिति का गठन…
रायपुर [छत्तीसगढ़ आसपास] : वृन्दावन सभागार में जाति उन्मूलन आंदोलन की ओर से एक जन कन्वेंशन का आयोजन किया गया।कन्वेंशन की अध्यक्षता गुरुघासीदास सेवादार संघ के अध्यक्ष और प्रख्यात वामपंथी चिंतक लखन सुबोध ने की।जाति उन्मूलन आंदोलन के केंद्रीय कमिटी सदस्य और क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच ( कसम) के महासचिव तुहिन ने ” जाति उन्मूलन आंदोलन को आगे बढ़ाएं,आरएसएस के वैचारिक आधार मनुवादी हिंदुत्व का प्रतिरोध करें” नामक आधार पत्र को प्रस्तुत किया।प्रमुख वक्ताओं में पूर्व विधायक और छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (CMM) के अध्यक्ष जनक लाल ठाकुर,जन संघर्ष मोर्चा के संयोजक प्रसाद राव और अखिल भारतीय क्रांतिकारी महिला संगठन(AIRWO) की राज्य संयोजक हेमा भारती शामिल थे।संचालन अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा( AIKKS) के सचिव तेजराम विद्रोही ने किया।
आभार जाति उन्मूलन आंदोलन (CAM) के रायपुर संयोजक हेमंत टंडन ने किया। डॉक्टर बिप्लब बंदोपाध्याय ने ” नफस नफ्स कदम कदम” नामक जन गीत प्रस्तुत किया।परिचर्चा में आलोक प्रेमानंद,डॉक्टर ईश्वरदीन,प्रताप सिंह,शोभाराम गिलहरे, उषा (AIRWO),टंडन कुमार साहू,सुरेखा जांगड़े,वसीम(AIRSO),टिकेश,बसंत साहू(CMM), सौरा(केंद्रीय कमिटी सदस्य आदिवासी भारत महासभा), पुनूराम घृतलहरे व टी आर खूंटे ने हस्तक्षेप किया।कन्वेंशन में छत्तीसगढ़ में जाति उन्मूलन आंदोलन छेड़ने के लिए १६ सदस्यीय राज्य समन्वय समिति का गठन किया गया।
समिति के राज्य संयोजक के रूप में लखन सुबोध निर्वाचित हुए।कन्वेंशन ने “फासिस्ट संघ परिवार के मार्गदर्शन में बस्तर में आदिवासियों का जबरिया हिंदूकरण और ईसाई अल्पसंख्यकों पर दमन के खिलाफ ,छत्तीसगढ़ को धुर दक्षिणपंथी आरएसएस द्वारा कंधमाल बनाने के षड्यंत्र में मूक दर्शक बनी कांग्रेस सरकार के खिलाफ तथा हमलों के शिकार अल्पसंख्यकों के पुनर्वास व सुरक्षा के लिए प्रस्ताव के साथ आदिवासी से आदिवासी को लड़ाने वाली संघी फासिस्ट गुंडों पर अंकुश लगाने हेतु प्रस्ताव पारित किया गया।इसके साथ ही”राज्य में अंतर्जातीय एवम अंतरधार्मिक विवाह हेतु अभियान चलाने,जातिगत खाप पंचायत/ सामाजिक बहिष्कार जैसे जातिगत भेदभाव को बढ़ावा देने वाली संस्थाओं का विरोध तथा धीरेंद्र शास्त्री जैसे ढोंगी बाबाओं जो चमत्कार , मनुस्मृति के आधार पर दलितों,आदिवासियों,महिलाओं,अल्पसंख्यकों के प्रति नफ़रत फैलाते हैं का पर्दाफाश के साथ अंधश्रद्धा निर्मूलन के पक्ष में प्रस्ताव” पारित किया गया।सभा में दुनिया की मेहनतकशों के महान नेता लेनिन और छत्तीसगढ़ में १८५७ के महाविद्रोह के अमर शहीद गेंद सिंह को उनके स्मरण दिवस पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।
वक्ताओं ने कहा कि 1935 में बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा था कि भारत में अमानवीय जाति व्यवस्था को उखाड़ फेंके बिना कोई लोकतांत्रिक समाज नहीं बन सकता।इसके लिए उन्होंने भारतीय जनता को दो दुश्मनों से लड़ने को कहा था – एक ब्राम्हणवाद तो दूसरा पूंजीवाद ।शहीद भगत सिंह ने भी ब्रिटिश साम्राज्य( गोरे अंग्रेज) को उखाड़ फेंकने के साथ साथ उसकी दलाल भारतीय पूंजीवाद( काले अंग्रेज) से भी लोहा लेने को कहा था।
आज की तारीख में हम देखते हैं कि ब्राम्हणवाद,आरएसएस के वैचारिक आधार मनुवादी हिंदुत्व का रूप लेकर आज के पूंजीवाद,जिसे अंबानी – अडानी जैसे धनकुबेरों का कॉरपोरेट राज कह सकते हैं का अनुगत / पैरोकार बना हुआ है।इसीलिए आज इस पर चिंतन करने की जरूरत है कि एक सच्चा लोकतांत्रिक समतावादी समाज बनाने के लिए मनुवादी हिंदुत्व का प्रतिरोध और जाति उन्मूलन आंदोलन क्यों इतना जरूरी है।वक्ताओं ने तमाम तरक्की पसंद,अमन पसंद अवाम से अपील की कि आइए इस पर विचार करने के लिए हम साथ साथ बैठते हैं ताकि एक साथ कारवां को जाति विनाश के लिए आगे बढ़ा सकें। जनसभा में सर्वसम्मति से घोषणा किया गया कि हम चार्वाक/ लोकायत ,गौतम बुद्ध,कबीर,रैदास,गुरुनानक,गुरु घासीदास,नारायण गुरु,आयंकाली,पेरियार,बाबासाहब आंबेडकर और शहीदे आज़म भगत सिंह के आधुनिक वारिस हैं और एक जातिविहीन, धर्मनिरपेक्ष,वर्गविहीन,पितृसत्त से मुक्त,वैज्ञानिक चिंतन पर आधारित एक शोषण हीन समतावादी समाज बनाने के लिए संघर्ष करेंगे।कन्वेंशन में राज्य के संघर्षशील संगठनों के साथियों ने भागीदारी की।
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