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सम्मान : राष्ट्रीय साहित्य पुरोधा सम्मान से सम्मानित हुए दुर्गा प्रसाद पारकर…
भिलाई [छत्तीसगढ़ आसपास] : ललित कला अकादमी नई दिल्ली भारतीय साहित्य के विकास के लिये सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है। इसका गठन 12 मार्च 1954 को भारत सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं और भारत में होने वाली साहित्यिक गतिविधियों का पोषण और समन्वय करना है।समकालीन भारतीय साहित्य जगत में श्री दुर्गा प्रसाद पारकर वरिष्ठ साहित्यकार द्वारा किये गये ऊल्लेखनीय योगदान के लिए
ललित कला अकादमी
केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के एक्जीक्यूटिव बोर्ड मेम्बर
छत्तीसगढ़ ईकाई कमेटी द्वारा राष्ट्रीय साहित्य पुरोधा सम्मान से सम्मान 29 जनवरी रविवार को बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में सांसद श्री विजय बघेल जी के हाथों ऊनके निवास स्थान पर प्रदान किया गया। यह सम्मान आपके द्वारा छत्तीसगढ़ी कला और साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया। श्री दुर्गा प्रसाद पारकर ने इस सम्मान को छत्तीसगढ़ के लोगों का सम्मान बताया है। श्री दुर्गा प्रसाद पारकर द्वारा लिखित उपन्यास बहू हाथ के पानी एक उत्कृष्ट उपन्यास है जो कि हेमचंद यादव विश्व विद्यालय के एम. ए. हिंदी अंतिम वर्ष में अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया गया है। इस सम्मान के समय अंकुश देवांगन एक्जीक्यूटिव बोर्ड मेम्बर ललित कला अकादमी
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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