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छत्तीसगढ़ राजनांदगांव : तीन दिवसीय ‘ नाचा समारोह ‘ का दूसरा दिन…
👉 आदिवासी लोककला अकादमी द्वारा आयोजित नाचा समारोह
👉 त्रिवेणी परिसर में आदिवासी लोककला अकादमी के नाचा समारोह का दूसरा दिन
👉 अंधविश्वास व सामाजिक विषमताओं पर चोट की नाचा माध्यम से…
राजनांदगांव [छत्तीसगढ़ आसपास] : आदिवासी लोककला अकादमी रायपुर,छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन ओर से तीन दिवसीय नाचा समारोह के दूसरे दिन अंधविश्वास, सामाजिक विषमताओं और कर्ज के जंजाल जैसी बुराईयों पर नाचा के माध्यम से चोट की गई। दर्शकों को गुदगुदाने वाले संवादों के बीच गंभीर विषयों पर विभिन्न पात्रों के माध्यम से संदेश दिया गया। जिसकी उपस्थित लोगों ने भरपूर सराहना की।
बुधवार की शाम रानीसागर ताल से लगे त्रिवेणी परिसर स्थित मंच शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के पीछे बने मंच पर नाचा के कलाकारों ने जब अपनी मंचीय प्रस्तुति शुरू की तो दर्शक हंस-हंस कर लोटपोट हो गए। इसके बावजूद नाटकों में छिपे गंभीर संदेश को भी दर्शकों ने आत्मसात किया।
यहां इंदामरा राजनांदगांव के श्याम सुरवानी के समूह ने प्रहसन ‘शंकर भगवान’ की प्रस्तुति दी। जिसमें मानसिक विकलांग भाई की आड़ में पूरा परिवार आम जनता को मूर्ख बनाते हुए अपनी कमाई करता है। इस नाटक के माध्यम से अंधविश्वास और कुरीति के खिलाफ जागरुकता बढ़ाने का प्रयास किया गया। इस नाटक में पूरन यादव, भगवती साहू, केवल साहू, कुलेश्वर वर्मा (लड़का), निर्भन यादव (लड़की), कांता प्रसाद साहू, अश्विनी धनकर, बालकिशन कुमरेठी, सरपंच लखन नेताम,मुकेश यादव (पटेल), संगीत पक्ष में तबला श्याम कुमार सुरवानी, ढोलक में लखनलाल नेताम, हारमोनियम खिलेश्वर वर्मा (गायन भी), बेंजो हाकम सिंह कुंजाम, शहनाई मुकेश यादव, गोला भगवती साहू, ऑक्टोपैड भूषण साहू, नर्तकी श्रवण कुमार पटेल, रवि कुमार, लड़का डांस सोनू वर्मा, धनराज टेकाम और चिंता राम साहू ने अपनी भूमिकाओं का निर्वहन किया।
छत्तीसगढ़ी गवइहां लोक नाट्य संस्था मोंहदी पोस्ट बिजेतला राजनंदगांव छत्तीसगढ़ के संचालक परमेश्वर साहू ने ‘अलकरहा समय’ की प्रस्तुति दी। जिसमें गांव के साधारण गरीब परिवार के मुखिया गिरधारी के माध्यम से सामाजिक विषमताओं पर चोट की गई। इस प्रहसन में कर्ज के बोझ तले दबा गिरधारी गांव से जमीदार कर्ज लेता है और इस जाल में फंसता जाता है। यहां तक कि आत्महत्या पर उतारु हो जाता है। इस बीच उसे एक पात्र उसे आत्महत्या से रोकता है और जीवन मूल्यों को समझाता है। इस नाटक का निर्देशन परमेश्वर बर्रा, बड़े जोक्कड़-रोशन लाल विश्वकर्मा, छोटे जोक्कड़-परमेश्वर, जनाना परी-खेलन यादव, गिरधारी-रोशन लाल विश्वकर्मा,शांति-रोशन कोसरे, दाऊ-लिकेश्वर साहू,चैतु-परमेश्वर, गायन-डाकेश्वर रजक, बेंजो-टाहल साहू, तबला-रूपेंद्र साहू, नाल-धर्मेंद्र साहू, घुंघरू-खेमलाल श्रीवास और मंच से परे वेशभूषा भुवन साहू, चुमेश्वर साहू और रूप सज्जा ईश्वरी साहू का योगदान रहा।
छत्तीसगढ़ी जय हिंद नाच पार्टी जग जागरण नवयुवक मंडल सुशील कुमार लोधी (मैनेजर) और राम सिंह साहू (संचालक) ग्राम सेतवा कटोरी गंडई सहसपुर लोहारा जिला राजनांदगांव कबीरधाम ने यहां ‘गरीबदास अमीरचंद गौंटिया’ नाटक प्रस्तुत किया। इस नाटक के माध्यम से अमीरी गरीबी के बीच की खाई पर चोट की गई। इस नाटक में हारमोनियम- शशि कुमार लोधी, बेंजो-जोहन साहू, तबला-कृष्णा साहू, नाल-रामजी विश्वकर्मा, झुमका-सांवलराम नेताम, जोकर-रामजी साहू और मिलन साहू, जनानी पेखम पटेल, डांसर रमेश विश्वकर्मा, बबलु निषाद और कॉमेडी-इंदमन लोधी ने अपनी भूमिकाओं का निर्वहन किया।
आज आखिरी दिन पद्मश्री डोमार सिंह कुंवर बनेंगे ‘डाकू सुल्ताना’, दो अन्य कलाकारों की भी प्रस्तुति
अंतिम दिन 16 फरवरी गुरुवार की शाम ध्रुव कुमार साहू पचपेड़ी धमतरी, डोमार सिंह कुंवर लाटाबोड़ बालोद और गोवर्धन यादव पुरदा करेली दुर्ग की मंचीय प्रस्तुतियां होंगी। इनमें डोमार सिंह कुंवर को इस गणतंत्र दिवस पर पद्मश्री सम्मान देने की घोषणा की गई है और इन दिनों वे सम्मान लेने दिल्ली जाने की तैयारियों में लगे हैं। इस बीच उनका मंचीय प्रदर्शन राजनांदगांव में होने जा रहा है। यहां डोमार सिंह कुंवर अपना प्रसिद्ध नाटक ‘डाकू सुल्ताना’ मंचित करेंगे। पिछले 45 वर्ष से उनका यह बहुचर्चित नाटक छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के ज्यादातर ग्रामीण व शहरी अंचल में मंचित हो चुका है।
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