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- छत्तीसगढ़ : ‘ मोर आवास मोर अधिकार ‘ का मुद्दा कांग्रेस सरकार के गले की फांस न बन जाए… बृजमोहन अग्रवाल…
छत्तीसगढ़ : ‘ मोर आवास मोर अधिकार ‘ का मुद्दा कांग्रेस सरकार के गले की फांस न बन जाए… बृजमोहन अग्रवाल…
रायपुर [छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़] : ’’एक पुरानी कहावत हैं कि खुद का घर यदि कांच का हो तो सामने वाले के घर में पत्थर नहीं बरसाना चाहिए’’ लेकिन आज ठीक इसका उलट हो रहा हैं। राजनीतिक पार्टियां अपने एजेण्डा, पार्टी गाईलाईन, जनता की सुख सुविधा, प्रशासनिक कसावट से परे एक दूसरे के गिरेबां में झांकने का जो शौक पाल रहे हैं। वह स्वस्थ राजनीति के लिए उदाहरण नहीं बन सकता।
’’किसे टिकट मिलेगी किस पार्टी के कितने विधायकों का टिकट कटेगा, यह सब अटकले लगाना और इसे सुर्खिया बनाकर किसी पार्टी के नेता, विधायक, सांसद का मनोबल कम करना आज राजनीति का हिस्सा बनते जा रहा हैं।
’’कांग्रेस पार्टी के द्वारा भाजपा के सभी जीते विधायकों को टिकट नहीं दिये जाने सहित तमाम नये चेहरों को टिकट दिये जाने की बयानबाजी समझ से परे हैं, यह भाजपा के झोले का मामला हैं कि कौन झोले से बाहर आता हैं कौन झोले से जाता है, लेकिन इतना तो तय है कि रायपुर पश्चिम के विधायक, पूर्व मंत्री ब्रजमोहन अग्रवाल जिस प्रकार भाजपा के कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करते हुए देखे जा रहे हैं, वह चर्चा का दिषय हैं कृषि मंत्री रविन्द्र चैबे और नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया के निवास का घेराव आम जनता का समर्थन कार्यकर्ताओं का जोश यह बताने काफी हैं कि मोर आवास मोर अधिकार का मुद्दा कांग्रेस सरकार के गले की हड्डी बनता जा रहा हैं, रोटी, कपड़ा और मकान जो आम जनता की जरूरतों में प्रथम पंक्ति में शुमार हैं, उसे दबा पाना असंभव तो नहीं कठिन जरूर हैं, वर्तमान सरकार के लिए।
[ •राजन कुमार सोनी, छत्तीसगढ़ हेड न्यूज़ प्रभारी ]
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