- Home
- Chhattisgarh
- भिलाई : छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा [समन्वय समिति] 31 साल से मजदूरों के हक में लड़ाई लड़ रहा है : 1 जुलाई को पावरहाउस स्टेशन में 31वां शहीद दिवस मनायेगा : श्रद्धांजलि : रैली और सभा होगी…
भिलाई : छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा [समन्वय समिति] 31 साल से मजदूरों के हक में लड़ाई लड़ रहा है : 1 जुलाई को पावरहाउस स्टेशन में 31वां शहीद दिवस मनायेगा : श्रद्धांजलि : रैली और सभा होगी…
भिलाई [छत्तीसगढ़ आसपास के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस से प्रदीप भट्टाचार्य और शमशीर शिवानी] : ‘ छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा [समन्वय समिति] ‘ के का. भीमराव बागड़े, का. जनकलाल ठाकुर, का. सुकलाल साहू और का. बंशीलाल साहू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा –
भिलाई के बड़े उद्योगों के मजदूरों को जीने लायक वेतन स्थायीकरण की मांग को लेकर ‘ छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ‘ के संस्थापक एवं मजदूर नेता शंकर गुहा नियोगी के नेतृत्व में मजदूर आंदोलन कर रहे थे, उन्हें 28 सितम्बर 1991 की रात को सोते हुए गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, इसके बावजूद भी आंदोलन जारी था.
1 जुलाई 1992 को भाजपा की पटवा सरकार द्वारा पुलिस गोलीचालन कर 17 मजदूरों की हत्या कर दी गई थी.
1 जुलाई 2023 को भिलाई में ‘ छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ‘ एवं अन्य संगठनों द्वारा 31वां शहीद दिवस मनाया जायेगा. इस अवसर पर संघर्ष के जरिए शहीदों के सपने को पूरा करने का संकल्प लिया जायेगा. क्लेक्टर एवं सभी विभागों से अनुमति के लिए पत्राचार कर चुके हैं. ‘ छमुओ ‘ के सभी श्रमिक सुबह 10 बजे लाल मैदान छावनी में एकत्र होकर शहीद परिवारों के गोलीकांड स्थल पावर हाउस स्टेशन में मृत मजदूरों को विनम्र श्रद्धांजलि देंगे. दोपहर 1 बजे रैली के रूप में नंदिनी रोड छावनी चौक होते हुए एसीसी जामुल में शहीद शंकर गुहा नियोगी चौक पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद सभा होगी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में का. भीमराव बागड़े और पूर्व विधायक [डोंडीलोहारा] का. जनकलाल ठाकुर ने कहा –
कामरेड शंकर गुहा नियोगी की हत्या के बाद शराब कंपनी के मालिक कैलाशपति केडिया भारत देश छोड़कर लंदन में जाकर बस गए हैं. उनकी कंपनी केडिया डिस्टलरी भिलाई के लिए इंदौर हाई कोर्ट द्वारा परिसमापक नियुक्त किया गया, इसकी खबर मिलते ही कंपनी के अधिकारियों ने भिलाई डिस्टलरी से बायलर बड़ी – बड़ी टंकी आदि मशीनें चोरी छिपे उनकी दूसरी कंपनी छत्तीसगढ़ डिस्टलरी कुम्हारी में ले जायी गयी. मजदूरों एवं बैंक की देनदारी के कारण केडिया डिस्टलरी नीलाम हो चुकी है. इंजीनिरिंग कंपनियों और कुम्हारी डिस्टलरी प्रकरण हाई कोर्ट के डिवीज़न बैंच में आज भी लंबित है.
वर्षों तक संघर्ष के जरिए बनाए गए 44 श्रम कानूनों को केंद्र सरकार द्वारा उद्योगपति, कार्पोरेट हितों के लिए समाप्त कर 4 श्रमकोड बिल लाया गया. जो देश के मेहनतकशों को गुलामी की ओर धकेला जा रहा है. 8 घंटे ड्यूटी का कानून था अब उसे 12 घंटे कर श्रमिकों की छटनी, बेरोजगारी को बढ़ावा तथा ओव्हरटाईम के कानून को समाप्त किया गया जो संविधान में दिए गए जीने का अधिकार धारा 21 का स्पष्ट उल्लंघन है.
न्याय के लिए संघर्ष करने वाली महिला पहलवानों के साथ पुलिस ज्यादती से स्पष्ट है कि केंद्र सरकार में बैठी अहंकारी सरकार पतन की ओर बढ़ रही है. उड़ीसा में हुई रेल दुर्घटना निजीकरण/ठेकाकरण का परिणाम है, इसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है. देश की जनता देख रही है, यात्रियों की ट्रेन कई घंटे लेट और कहीं भी रोककर अडानी की मालगाड़ी रफ्तार से दौड़ रही है. जो सरकार रेल्वे, बैंक, बीमा, कोयला, रक्षा और सरकारी संस्थाओं को नहीं चला पा रही है. वो बड़े – बड़े लुभावने सपने दिखा रही है. किसानों के लिए समर्थन मूल्य गारंटी कानून पास करने के बजाए गैर भाजपा सरकारों को काम करने से रोकना/तोड़ना भाजपा सरकार की नीति बन गयी है. सीबीआई/ईडी/एसीबी को जनहित में उपयोग करने के बजाए भाजपा का समर्थन बढ़ाने में उपयोग कर रही है. केंद्र सरकार धार्मिक उन्माद फैला रही है, अति का अंत होना स्वाभाविक है.
छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष जनकलाल ठाकुर ने कहा –
जब 1992 में भिलाई में आंदोलित मजदूरों पर गोलीचालन हुए, पटवा सरकार में श्रम मंत्री रहे कैलाश जोशी वार्ता कराने के नाम पर तीन दिन भिलाई में थे, लेकिन इसके बाद भी गोलीचालन हुआ, उसके बाद कैलाश जोशी एसपी सुरेंद्र सिंह के साथ भोपाल चले गए. अपना हक मांगने वाले मेहनतकश मजदूरों का सरकार दमन करती है. जेके लक्ष्मी सीमेंट के ग्रामीणों के पक्ष में कोर्ट के फैसले से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. प्रशासन व सरकार उन पर फैक्ट्री में आग व तोड़फोड़ के झूठे मामले दर्ज किए थे.
1 जुलाई को छत्तीसगढ़ के अनेक जिलों से श्रमिक व प्रतिनिधि आ रहे हैं. विशेष रूप से उड़ीसा के कामरेड महेंद्र परिडा सहित अनेक प्रतिनिधि शामिल होंगे.