कविता आसपास : तारक नाथ चौधुरी
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🌸 चलो इक बार फिर से…
– तारक नाथ चौधुरी
[ चरोदा भिलाई, जिला – दुर्ग, छत्तीसगढ़ ]
चलो इक बार फिर विश्वास का दीपक जलायें।
हृदय की दूरियों को निकट जाकर मिटायें।।
कब तलक बहलायें मन को
देखकर श्यामल वो तस्वीरें,
रक्तरंजित हृदय को बाँध रखी
स्मृतियों की ज़ंजी़रें।
सबने रच ली अलग दुनिया
कैसे पास बुलायें।।
चलो इक बार फिर विश्वास का दीपक जलायें…
आधुनिक सोच सबकी और
हृदय के भाव प्रतिद्वन्द्वी,
मित्रता यांत्रिकी लगती है
संवेदनायें अनुबंधी।
मृत्यु-शैय्या पडी़ मनुजता को
क्यों न मिलकर बचायें?
चलो इक बार फिर विश्वास का दीपक जलायें।
हृदय की दूरियों को निकट जाकर मिटायें।।
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•83494 08210
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