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- भिलाई : शहर के 50 साल पुराने इमामबाड़े की हालत दयनीय : अंजुमन के तमाम ज्ञापनों के बावजूद शासन – प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा है : इमामबाड़े के संरक्षक हाजी एमएच सिद्दीकी ने बताया….
भिलाई : शहर के 50 साल पुराने इमामबाड़े की हालत दयनीय : अंजुमन के तमाम ज्ञापनों के बावजूद शासन – प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा है : इमामबाड़े के संरक्षक हाजी एमएच सिद्दीकी ने बताया….
भिलाई [छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़] : इन दिनों मुस्लिम समुदाय कर्बला के शहीदों को याद कर रहा है और दूसरी तरफ इस आयोजन के लिए 50 साल पहले सुपेला में बनाया गया इमामबाड़ा दयनीय हालत में है। तीन दशक पहले अतिक्रमण हटाने की मुहिम के दौरान विस्थापित किए गए अंजुमन शहीदीया के इमामबाड़े से होकर नाले की गंदगी बहती है और अंजुमन के तमाम ज्ञापनों के बावजूद अब तक शासन-प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली है।
अंजुमन शहीदीया सुपेला चौक स्थित सबसे पुराने इमामबाड़े के संरक्षक हाजी एमएच सिद्दीकी ने बताया कि यहां 1975 से लगातार हर मुहर्रम में आयोजन हो रहे हैं। जिसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेतागण व समाज के गणमान्य लोग शिरकत करते रहे हैं। लेकिन 1992 में तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार की अतिक्रमण हटाओ मुहिम के दौरान इस इमामबाड़े को विस्थापित किया गया और इसके बाद से इस इमामबाड़े की हालत दयनीय होती गई है।
हाजी सिद्दीकी ने बताया कि अंजुमन के लोगों ने इसे कई बार बनाया। लेकिन इसके बाद निगम प्रशासन ने इसके चारों तरफ नालियों की खुदाई कर दी। फिर नालियों पर स्लैब ढाला गया। विगत दो-तीन वर्षों से नाले की सफाई के नाम से वह सारे स्लैब हटा दिए गए हैं। इससे पूरी गंदगी इस इमामबाड़े से होकर गुजर रही है। उन्होंने कहा कि अभी मोहर्रम का महीना है लोगों की इस इमामबाड़े के प्रति बड़ी श्रद्धा है।
लोग अपनी अपनी मन्नत मुरादों के लिए इस इमामबाड़े पर ताजिया रखते हैं और अपनी अपनी मुरादों को हासिल करते हैं। उन्होंने निगम प्रशासन से मांग की है कि जन समुदाय की भावनाओं और हो रही अड़चनों को देखते हुए तुरंत से तुरंत यहां स्लैब लगाने का कार्य करें जिसे मोहर्रम में होने वाले सारे प्रोग्राम बखूबी अंजाम दिए जा सके। इमामबाड़े के चारों तरफ कुछ खोमचे और ठेले वालों ने अपना कब्जा जमा कर रख लिया है और वहां गंदगी फैलाते हैं। इससे अव्यवस्था बढ़ रही है।
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