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- भिलाई : हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों की मिलीभगत से जनता को लगभग 8 करोड़ का हुआ बड़ा नुकसान – मेहरबान सिंह : धर्मेंद्र यादव परिवार को सस्ते में जमीन देने का ‘ आम आदमी पार्टी ‘ ने लगाया आरोप
भिलाई : हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों की मिलीभगत से जनता को लगभग 8 करोड़ का हुआ बड़ा नुकसान – मेहरबान सिंह : धर्मेंद्र यादव परिवार को सस्ते में जमीन देने का ‘ आम आदमी पार्टी ‘ ने लगाया आरोप
भिलाई [प्रेस कॉन्फ्रेंस से शमशीर शिवानी] : हाउसिंग बोर्ड कालीबाड़ी के समीप स्थित बेशकीमती जमीन को कौडिय़ों के भाव धर्मेंद्र यादव को एक सुनियोजित साजिश के तहत दिए जाने का आरोप पत्रकारवार्ता में आम आदमी पार्टी के मेहरबान सिंह एवं डॉ. एस के अग्रवाल ने लगायाा है। इन्होंने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार के दबाव में हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों की मिलीभगत से हुए इस सौदे से क्षेत्र की जनता को साढ़े 7 करोड़ का बडा़ नुक़सान दिया गया है। मेहरबान सिंह ने आगे बताया कि आबंटित भूमि के विषय पर हाईकोर्ट में दर्ज प्रकरण में एक महत्वपूर्व मोड़ यह आया है कि 23 जनवरी को इस केस में हाउसिंग बोर्ड के निवासी उदय नारायण सिंह ने प्रकरण में इंटरविन का आवेदन दिया और 11 जुलाई को उनके द्वारा उक्त जमीन का रेट 5 करोड़ 5 लाख रूपए कोड कर उक्त जमीन को आबंटित करने का आग्रह न्यायालय से किया गया है। सवाल ये है कि ढाई करोड़ से जमीन का रेट 5 करोड़ कैसे हो गया? स्पष्ट है कि जमीन का रेट ज्यादा है, हम आज भी अपने इस दावे पर कायम है कि जमीन 10 करोड़ रूपए की है।
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि 10 करोड़ की जमीन को छ.ग गृह निर्माण मंडल के अधिकारियों से मिलीभगत कर विधि विरूद्ध धर्मेंद्र यादव को मात्र 2 करोड़ 52 लाख 51 हजार में आबंटन किया गया। इसके विरूद्ध आप प्रदेश अध्यक्ष आरटीआई विंग के मेहरबान सिंग ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने 14 जुलाई 2022 को प्रकरण पंजीबद्ध कर नोटिस जारी कर धर्मेंद्र यादव, डॉ श्रुतिका ताम्रकार यादव, उपायुक्त से जवाब मांगा था। गृह निर्माण मंडल रायपुर द्वारा प्रकाशित ओपन टेंडर के माध्यम से व्यावसायिक भूखंडों को विक्रय करने का विज्ञापन अखबार के रायपुर एडिशन में 30 सितंबर 2021 को प्रकाशित किया गया। जो विज्ञापन वेबसाईड में आया उसमें और अखबार प्रकाशन में विभेद है। दोनों विज्ञापन अलग ही कहानी कह रहे हैं। अखबार के विज्ञापन में जमीन का विवरण नहीं था, जमीन कहां है यह नहीं बताया तथा निविदा भरने की अंतिम तिथि नहीं थी जबकि छग गृह निर्माण मंडल की वेबसाईड में जमीन का विवरण दिया गया तथा निविदा भरने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था। इस प्रकार से जमीन विधायक के परिवार के सदस्यों को ही आबंटित करने पूरा षडयंत्र रचा गया जो कि अपराध की श्रेणी में आता है। हाउसिंग बोर्ड उपायुक से लेकर नीचे तक सभी लोग इस षडय़ंत्र में शामिल हैं।
पत्रकारवार्ता में ‘ आम आदमी पार्टी ‘ के लोकसभा प्रभारी डॉ. एस के अग्रवाल, अमित हिरवानी, के. ज्योति, रामपाल और जसप्रीत उपस्थित थे.
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