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- छत्तीसगढ़ : राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में एमए छत्तीसगढ़ी की मांग, मुख्यमंत्री बोले-चिंता मत कीजिए… छत्तीसगढ़ी भाषा में प्राध्यापक भर्ती की घोषणा पर चिन्हारी साहित्य समिति ने आभार जताया, मुख्यमंत्री के हाथों ‘सुमिरँव छत्तीसगढ़’ का विमोचन
छत्तीसगढ़ : राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में एमए छत्तीसगढ़ी की मांग, मुख्यमंत्री बोले-चिंता मत कीजिए… छत्तीसगढ़ी भाषा में प्राध्यापक भर्ती की घोषणा पर चिन्हारी साहित्य समिति ने आभार जताया, मुख्यमंत्री के हाथों ‘सुमिरँव छत्तीसगढ़’ का विमोचन
भिलाई [छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़] : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राजधानी रायपुर स्थित निवास कार्यालय में संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद और चिन्हारी साहित्य समिति भिलाई के अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद पारकर के नेतृत्व में एम.ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन छत्तीसगढ़ी भाषा छात्र विकास समिति के सदस्यों ने मुलाकात कर आभार जताया।
इन लोगों ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रतीक ‘बइला-गाड़ी’की काष्ठ कृति और छत्तीसगढ़िया गमछा भेंट कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सम्मान किया और छत्तीसगढ़ी भाषा के छात्रों के लिए प्राध्यापक पद पर भर्ती किये जाने की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री बघेल का आभार जताया।
इस दौरान चिन्हारी साहित्य समिति की ओर से दुर्गा प्रसाद पारकर ने एमए छत्तीसगढ़ी पाठ्यक्रम के लिए शासकीय सेवा के अवसर की घोषणा किए जाने पर आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में एमए छत्तीसगढ़ी पाठ्यक्रम के लिए 40 के बजाए 100 सीट करने, छत्तीसगढ़ के सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक में एक विषय छत्तीसगढ़ी पढ़ाने और एम.ए.छत्तीसगढ़ी की डिग्री शुरू करने की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने पारकर से कहा कि-चिंता मत कीजिए,धीरे-धीरे सब मांग पूरी होगी।
मुख्यमंत्री बघेल ने आयोजन में छत्तीसगढ़ी साहित्यकार दुर्गा प्रसाद पारकर की रचनाओं के संग्रह पर आधारित गीत-संग्रह ‘सुमिरँव छत्तीसगढ़’ का भी विमोचन किया। इस दौरान दुर्गा प्रसाद पारकर ने मुख्यमंत्री बघेल को बताया कि उनके लिखे गीत पद्मश्री महेन्द्र कपूर,पद्मश्री डॉ.ममता चंद्राकर,मिथलेश साहू,छाया चंद्राकर,अलका चंद्राकर और दिलीप षडंगी सहित कई नामी गायक गायिका गा चुके हैं। वहीं उनका लिखा उपन्यास ‘बहू हाथ के पानी’ हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग के एम .ए. हिन्दी,हरिशंकर परसाई के व्यंग्य ‘मन के संग्रह’ का छत्तीसगढ़ी अनुवाद ‘सुदामा के चाँउर’ पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के एम.ए.छत्तीसगढ़ी के पाठ्यक्रम में शामिल है। पारकर ने बताया कि उनके गद्य साहित्य के विश्लेषणात्मक अध्ययन पर शिवांगी पाठक पीएचडी कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें इस गीत संग्रह के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी और छत्तीसगढ़ी भाषा को स्थापित करने उनके प्रयासों को सराहा। मुख्यमंत्री बघेल ने इस दौरान उपस्थिति लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आप हमारी छत्तीसगढ़िया संस्कृति को सहेजने वाले एवं छत्तीसगढ़ी राजभाषा के हितैषी हैं। इस अवसर पर एम.ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन के अध्यक्ष ऋतुराज साहू,अंजनी चन्द्रवंशी,संजीव साहू एवं सदस्यगण उपस्थित थे।
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