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- भिलाई : ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ के तत्वावधान में आयोजित ‘ कॉफी विथ साहित्यिक विचार – विमर्श आड्डा ‘ : आज उपस्थित हुए – श्रीमती स्मृति दत्ता, शुभेंदु बागची, दुलाल समाद्दार, प्रकाश चंद्र मण्डल, वीरेंद्र नाथ सरकार, रविंद्रनाथ देबनाथ, आलोक कुमार चंदा और प्रदीप भट्टाचार्य…
भिलाई : ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ के तत्वावधान में आयोजित ‘ कॉफी विथ साहित्यिक विचार – विमर्श आड्डा ‘ : आज उपस्थित हुए – श्रीमती स्मृति दत्ता, शुभेंदु बागची, दुलाल समाद्दार, प्रकाश चंद्र मण्डल, वीरेंद्र नाथ सरकार, रविंद्रनाथ देबनाथ, आलोक कुमार चंदा और प्रदीप भट्टाचार्य…
भिलाई [इंडियन कॉफी हाउस, भिलाई निवास: 26 अगस्त, 2023] : लौहनगरी बांग्ला की 60 वर्षीय पुरानी साहित्यिक संस्था बंगीय साहित्य संस्था की परंपरा चली आ रही है, प्रति शनिवार को कॉफी विथ साहित्यिक विचार – विमर्श आड्डा में संस्था के सदस्य एकत्रित होकर देश – विदेश की घटनाओं पर चिंतन – मनन करते हुए अपनी बातों को साझा करते हैं. आज जिन्होंने उपस्थित होकर अपनी रचनात्मक बातों को रखा. वे थे ‘ बंगीय संस्था ‘ की उप सभापति और बांग्ला की सुप्रसिद्ध लेखिका श्रीमती स्मृति दत्ता, संस्था के महासचिव व ‘ पुबेर हाआओ ‘ के अध्यक्ष, हिंदी – बांग्ला के कवि शुभेंदु बागची, संस्था मुखपत्रिका ‘ मध्यबलय ‘ [बांग्ला लिटिल मेग्ज़िन] के संपादक और हिंदी व बांग्ला के चर्चित कवि दुलाल समाद्दार, संस्था के सह सचिव और हिंदी व बांग्ला के कवि, नाट्यकार प्रकाश चंद्र मण्डल, बांग्ला के प्रगतिशील कवि वीरेंद्र नाथ सरकार, संस्था के सक्रिय सदस्य व चिंतक रविंद्रनाथ देबनाथ, संस्था के सक्रिय सदस्य व समाजसेवी आलोक कुमार चंदा और संस्था के सक्रिय सदस्य व ‘ छत्तीसगढ़ आसपास ‘ के संपादक, हिंदी के प्रगतिशील कवि प्रदीप भट्टाचार्य उपस्थित हुए.
[ •बाएँ : वीरेंद्र नाथ सरकार, स्मृति दत्ता, प्रकाश चंद्र मण्डल, आलोक कुमार चंदा, शुभेंदु बागची और प्रदीप भट्टाचार्य ]
आज के ‘ आड्डा ‘ की अध्यक्षता शुभेंदु बागची ने की. संचालन प्रकाश चंद्र मण्डल ने किया.
आज सर्वप्रथम प्रकाश चंद्र मण्डल का जन्मोउत्सव सदस्यों ने पुष्पगुछ देकर आत्मीय रूप से मनाया गया. उपस्थित सभी सदस्यों ने जन्मदिन पर उन्हें बधाई और शुभकामनाएँ दी.
[ •प्रकाश चंद्र मण्डल का जन्मदिन मनाते हुए सदस्यगण ]
सदस्यों ने ‘ चंद्रयान – 3 ‘ की सफलता के लिए ‘ इसरो ‘ टीम और वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए बोले – ‘ चंद्रमा के दक्षिणी धुव पर पहुँचने वाला विश्व का पहला देश बने हम देशवासी ‘. 23 अगस्त 2023,शाम 6 बजकर 4 मिनट, यह तारीख और समय इतिहास में दर्ज हो गया. 140 करोड़ भारतीयों के सपनों को लेकर उड़े चंद्रयान – 3 41 दिन की यात्रा के बाद चाँद पर साफ्ट लैंडिंग की तो ‘ इसरो ‘ ही नहीं, पूरे देशवासियों का सीना गर्व से ऊँचा हो गया.
{ उपर से – प्रदीप भट्टाचार्य, दुलाल समाद्दार •नीचे स्मृति दत्ता, प्रकाश चंद्र मण्डल ]
{ उपर से – रविंद्रनाथ देबनाथ, वीरेंद्र नाथ सरकार •नीचे – आलोक कुमार चंदा और शुभेंदु बागची }
•अंत में रचनात्मक पाठ –
वीरेंद्र नाथ सरकार – ने 3 बांग्ला में कविता का पाठ किया. विक्रम/विवर्तण काला चित्र/ऐसो बंगाली होवे…
श्रीमती स्मृति दत्ता ने बांग्ला में प्रज्ञान + अमिताव शीर्षक से कविता को पढ़ा. दूसरी एक रचना शिर्षन्दु मुखोपाध्याय की रचना ‘ मुठ्ठी में चाँद ‘ का पठन किया.
आलोक कुमार चंदा ने रविंद्रनाथ टैगोर की एक कविता ‘ तुमी मोने रखो.. {तुम याद रखना} को पढ़कर सुनाया.
प्रकाश चंद्र मण्डल ने हिंदी में 2 कविता ‘ भारत महान ‘ [सुना था कोशिश करने वालों की हार नहीं होती… ] और कोरोना की त्रासदी पर लिखी कविता ‘ महामारी ‘ को पढ़ा.
दुलाल समाद्दार ने बांग्ला में छोटी – छोटी सारगर्भित और उत्कृष्ट रचना का पाठ किया. शीर्षक था – ‘ डाक बाक्सो याने चिठ्ठी डालने वाला डब्बा ‘ और ‘ हाइ – फैन ‘
शुभेंदु बागची ने एक हिंदी में ‘ खोज ‘ और एक बांग्ला में ‘ बंधु ‘ को पढ़ा.
प्रदीप भट्टाचार्य ने हिंदी में छोटी – छोटी रचना ‘ इतिहास ‘ को लेकर अपनी बात को रखा.
आज के कॉफी विथ साहित्यिक विचार – विमर्श आड्डा का आभार व्यक्त रवींद्रनाथ देबनाथ ने किया.
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