पखांजुर से- प्रसेनजीत सरकार की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ आसपास के लिए
नाम लिखवाने को लेकर विवाद
पखांजूर नेताओं के नाम न लिखवाने पर विवाद होते कई बार देखा होगा पर नगर पंचायत पखांजूर में नाम लिखवाने को ले विवाद शुरू हो गया है। मामला नगर के वार्ड क्रमांक 13 में विधायक निधी से निर्मित शेड़ के लोकापर्ण शिला में इस वार्ड के कांग्रेसी पार्षद पूजा राजदीप हालदार ने अपने नाम को स्वंम खुरच कर हटा दिया। उनका कहना है की उनका नाम प्रोटोकाल का पालन न करते हुए नीचे लिखा गया है जबकी वे निर्वाचित प्रतिनिधि है और उनका नाम अ/यक्ष के बाद होना था। पर जानकार इस मामले को प्रोटोकाल का कम गुटवाजी का अधिक मान रहे है।
विधायक अंतागढ़ अनूप नाग द्वारा कर्मचारी दुर्गोत्सव समिती को रंगमंच सह शेड़ निर्माण के लिए एक लाख की विधायक निधी से स्वीकृती दी थी इस शेड़ के निर्माण के बाद दिन 2 नबंवर को विधायक ने इसका लोकापर्ण किया था। इस दौरान लोकापर्ण शिला में इस वार्ड के कांग्रेस के पार्षद पूजा राजदीप हालदार का नाम सबसे नीचे लिखवाया गया था। पहला नाम विधायक अनूप नाग का था इसके बाद नगर पंचायत अ/यक्ष पखांजूर वप्पा गांगुली , महिला प्रदेश कांग्रेस उपा/यक्ष कांति नाग, पूर्व जनपद अ/यक्ष देवजीत कुंडू, पूर्व ब्लाक कांग्रेस अ/यक्ष अभिजीत भटटाचार्य, कांग्रेस नेता पंकज साहा, नगर पंचायत की एल्डरमैन शुक्ला साहा और सबसे अंत में वार्ड क्रमांक 13 के पार्षद पूजा राजदीप हालदार का नाम था। पार्षद का नाम सबसे अंत में लिखे जाने से पार्षद इस कदर नाराज हुए की वे आयोजन के बाद ही लोकापर्ण पत्थर से अपना नाम स्वंम खुरच कर हटा दिया और बकायदा फोन कर इसकी जानकारी भी आयोजको को दे दी। पार्षद अपने नाम को सबसे अंत में रखने के चलते नाराज है उनका कहना है की वे एक निर्वाचित प्रतिनिधि है एसे में उनका नाम अ/यक्ष के बाद होना था पर आयोजको ने उनका नाम सबसे नीचे लिखा दिया। इससे वे ही नहीं उनके वार्ड के नागरिक भी आहत है इस कारण वे अपना नाम स्वंम पत्थर से खुरच कर हटा दिया है और वे अपने वार्ड वासियों के साथ स्वंम विधायक से मिल कर इसकी शिकायत करेगे। भेले ही यह मामला पार्षद द्वारा प्रोटोकाल का पालन न करने का बताया जा रहा हो पर असल मामला गुटवाजी का है। वर्तमान में क्षेत्र में कांग्रेस दो गुटों में बटी हुई है जब तक ब्लाक अ/यक्ष की घोषणा नहीं हो जाती तब तक यह गुटवाजी चरम पर रहने की उम्मीद है। इसी विवाद से बचने के लिए आयोजकों ने स्वंम नाम न लिखवा यह जिम्मेदारी पार्टी के लोगों को ही दे दी पर इसके बाद भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इस कार्यक्रम के आयोजक समिती के लोगों ने बताया की उन्होंनंे पत्थर खरीद कर विधायक की सलाह पर पार्टी के पदाधिकारियों को दे दिया था किसका नाम लिखा गया कहां लिखा गया इस संबध में आयोजको का कोई लेना देना नहीं है।