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जन संस्कृति मंच दुर्ग – भिलाई की महत्वपूर्ण समीक्षा गोष्ठी : कैलाश बनवासी के द्वितीय उपन्यास ‘ रंग तेरा मेरे आगे ‘ विनोद तिवारी ने कहा – बनी बनाई दुनिया के खिलाफ नई दुनिया रचता है रचनाकार…
भिलाई [छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़] : जन संस्कृति मंच दुर्ग-भिलाई की महत्वपूर्ण समीक्षा-गोष्ठी कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय भिलाई के सभागार में सम्पन्न हुई। कैलाश बनवासी के द्वितीय उपन्यास ‘रंग तेरा मेरे आगे’ पर आयोजित इस गोष्ठी में वक्ताओं द्वारा उपन्यास पर विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की गई। आज के बेहिसाब मजहबी नफरत और हिंसा के खिलाफ यह उपन्यास एक सार्थक प्रतिवाद रचता है। इस उपन्यास में नायक हिन्दू और नायिका मुस्लिम है।
देश के चर्चित कथाकार कैलाश बनवासी ने अपने उपन्यास ‘रंग तेरा मेरे आगे’ पर अपनी बात रखते हुए बताया -“यह उपन्यास दीवानगी का आख्यान है, वह भी जो सर चढ़कर बोले। प्रेम को लेकर इस खोज में मैं अकेले नहीं हूंँ।” उन्होंने उपन्यास के नामकरण का रहस्य भी पाठकों को बताया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विनोद तिवारी ने अपनी आलोचना में कहा -“दरअसल बनी बनाई दुनिया के खिलाफ नई दुनिया रचता है रचनाकार। उपन्यास में वर्षा का चरित्र जो रचा गया है, वह आदर्शीकरण और उदात्तीकरण का नमूना है। दुनिया का हर उपन्यास आत्मकथात्मक होता है।”
प्रो. सियाराम शर्मा ने अपने आलोचकीय वक्तव्य में कहा -“प्रेम उम्र, धर्म, जाति के बंधनों को हमेशा अस्वीकार करता है। प्रेम को घृणा से कैसे परिभाषित करने की कोशिश हो रही है, दो व्यक्तियों का प्रेम, दो राष्ट्रों की दुश्मनी में कैसे तब्दील हो सकता है, इसके उदाहरण इसमें मौजूद है।”
▪️ कैलास बनवासी
अशोक तिवारी ने अपने वक्तव्य में बताया -“बनवासी जी इस प्रेम कथा के समानांतर उपन्यास में शिक्षा विभाग की ट्रांसफर-पोस्टिंग की उठापटक, भ्रष्टाचार तथा जोड़-तोड़ का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख देते हैं।”
डा. अंजन कुमार ने आलेख पाठ करते हुए कहा -“इस फासीवादी लूट, नफरत और हिंसा से भरे समय में सुनील और नसीम की यह प्रेमकथा इन सारे भेद को मिटाते हुए नफरत की आग से बंजर होती जमीन पर प्रेम को रोपने का प्रयास करती है। उस सौहार्द और साझा संस्कृति को बचाना चाहती है जो हमारी धरोहर है।”
प्रखर आलोचक जयप्रकाश ने गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा-“मुझे उपन्यास के सीक्वल आने की संभावना दिखाई दे रही है। उपन्यास में रचनाकार की प्रत्यक्ष उपस्थिति हम देख पाते हैं। यह आत्मकथात्मक उपन्यास है। इसमें उनका आत्म अनुभव है।”
समीक्षा गोष्ठी का संचालन भुवाल सिंह ने व आभार प्रदर्शन जन संस्कृति मंच दुर्ग-भिलाई के अध्यक्ष अभिषेक पटेल ने किया।
हिन्दी विभाग, कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सहयोग से आयोजित जन संस्कृति मंच दुर्ग -भिलाई के इस बहुप्रतीक्षित समीक्षा गोष्ठी में अंचल के महत्वपूर्ण साहित्यकारगण उपस्थित थे, जिसमें मुख्य रूप से कनक तिवारी, रवि श्रीवास्तव, विनोद शर्मा, घनश्याम त्रिपाठी, लोकबाबू, मीता दास, परमेश्वर वैष्णव, अंबरीश त्रिपाठी, नासिर अहमद सिकंदर, वासुकि प्रसाद ‘उन्मत्त’, विद्या गुप्ता, शरद कोकास, सुरेश वाहने, मुमताज, रसना मुखर्जी आदि की विशेष उपस्थिति रही।
▪️ कृति : रंग तेरा मेरे आगे
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