• Chhattisgarh
  • अघोरेश्वर भगवान रामजी के महानिर्वाण दिवस पर विशेष : मानवता व कल्याण के प्रतिमूर्ति, अद्वितीय औघड़ संत अवधूत भगवान रामजी

अघोरेश्वर भगवान रामजी के महानिर्वाण दिवस पर विशेष : मानवता व कल्याण के प्रतिमूर्ति, अद्वितीय औघड़ संत अवधूत भगवान रामजी

11 months ago
473

जब कोई व्यक्ति, संत या महात्मा अपनी संपूर्ण चेतना के साथ जन हितार्थ व विश्व कल्याणार्थ सदियों से चली आ रही परंपरा या अवधारणा में परिवर्तन कर उसके मूलतत्व को जन जन तक पहुंचाने का युगांतकारी कार्य करता है तब वही सच्चे अर्थों में युगदृष्टा, युगप्रवर्तक संत होता है।

अध्यात्म में रूढ़िवादी परंपराएं, कुरूतियां,आडंबर और पाखंड ने अध्यात्म की वास्तविकता, पवित्रता, शुद्धता और सत्यता को धूमिल कर लोगों की श्रद्धा को ठेस ही नहीं पहुंचा रहा है वरन श्रद्धा,विश्वास और भक्ति को कमजोर कर आध्यात्मिक चेतना को नुकसान पहुंचा रहा है। अध्यात्म का सही मार्ग बताने वाले संत विरले ही होते हैं।अघोराचार्य बाबा कीनाराम परम्परा के अद्वितीय औघड़ संत अवधूत भगवान राम जी ने अध्यात्मिक चेतना,ज्ञान और भक्ति को पूरी पवित्रता के साथ समाज व राष्ट्र हित में अघोर मत से जोड़ा,जिसने मानवता को ही राष्ट्र धर्म तथा समाज व राष्ट्र की पूजा को गढ़े हुए देवताओं से भी महान बताया। आपका एक बार दर्शन प्राप्त करने या आशीर्वचन सुनने के बाद हर चेतनशील प्राणी सम्पूर्ण श्रद्धा के साथ आपके शरणागत हो जाता है।
आपने संत ऋषिमुनियों महात्माओं की धाती को संरक्षित करते हुए अंध विश्वास, रूढ़िवाद, कुरीतियों,आडम्बर और पाखंड का कड़ा विरोध किया।अध्यात्म या धर्म के सच्चे व पवित्र मार्ग को प्रशस्त किया।आत्मा की पवित्रता,आदर्श आचरण और सुचरित्र को अध्यात्म का मूल आधार बतलाए। अघोरेश्वर भगवान राम का मानना है कि – *”*धर्म वट वृक्ष सा है। सभी को छाया प्रदान करने वाला है, चाहे वे किसी भी जाति मज़हब के क्यों न हो। धर्म आदर देने वाला दिलाने वाला होता है। धर्म के अभाव में विकृति पनपती है।भयावह कलंक जन्म लेता है, पनपता है। धर्म के अभाव में मनुष्य का आचरण सींग वाले पशुओं की तरह हो जाता है।धर्म एक दूसरे के साथ मैत्री कारक होता है। स्नेहकारक होता है।धर्म तो संवेदनशील होता है। * – (अघोर संवेदनशील)

मानव कल्याण और समाज सेवा को ही परम लक्ष्य बनाया-
आपने समाज के सबसे उपेक्षित कुष्ठ रोगियों की सेवा का संकल्प लिया उन्हें आश्रम में रखकर अपने हाथों से उनकी सेवा सुश्रुषा करते जड़ीबूटियों से उनका इलाज करते स्वस्थ कर उन्हें समाज के मुख्यधारा में जोड़कर यथायोचित सम्मान दिलाते जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में पूरे सम्मान के साथ दर्ज किया गया है। अघोरेश्वर महाप्रभु भगवान राम के ब्रह्मलीन होने के बाद भी यह पूण्य सेवा कार्य आज भी निरन्तर जारी है।अघोर ,अध्यात्म का वाम मार्ग है।अघोर सरल और सहज है।जहां कोई भेदभाव, ऊंच-नीच,घृणा नहीं जो अभेद व घृणा रहित है वही अघोर है।

पूज्य अघोरेश्वर ने समाजिक उत्थान पर विशेष ध्यान दिया:-

अघोरेश्वर महाप्रभु आशीर्वचनों के माध्यम से बहुत स्नेह पूर्वक समझाते थे कि-“देश में रूढिवादिता एवं कुप्रथाएं समाज पर छाई हुई हैं।ये कुप्रथाएं देश में अनेक धर्मों के जन्म लेने के लिए उत्तरदायी हैं।इन्हीं के कारण विदेशों के पाश्चात्य देशों के अनेक धर्म भारत में आकर प्रश्रय पाये।पूज्य श्री अघोरेश्वर ने साधुओं को,समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं दुर्व्यवस्थाओं के उन्मूलन को अपनी साधना का अंग बनाने के लिए प्रेरित किया।वे समझाते थे कि ‘हे साधु ! जैसे अपने मकान में रोज झाड़ू लगाने की आवश्यकता पड़ती है, वैसे ही समाज में भी जो लोग भयंकर कूड़ा कर्कट और दूषित वातावरण पैदा कर रहे हैं और उनके साथ ही जो अवांछनीय तत्व हैं उनके उन्मूलन में सहयोग करो। समाज की कुरीतियों पर जिनसे प्राणियों का जीवन त्रस्त होता है, कड़ी नज़र रखो और उनके उन्मूलन के लिए प्रयत्नशील रहो।”
अघोरेश्वर महाप्रभु सुचरित्र, सदाचरण और आत्मा की पवित्रता पर बहुत महत्व देते थे।देवालयों की स्थिति और पुजारियों के आचरण से उन्हें काफी पीड़ा होती थी।बहुत दुखी होते थे।वे समझाते हुए कहते थे-*साधु!मुझे देवालयों की स्थिति देखकर घोर दुःख हो रहा है।मंदिरों, मस्जिदों, गिरिजाघरों के पुजारियों के आचरण से उनके अनुयायियों की श्रद्धा -अश्रद्धा में परिवर्तित हो रही है।इन पुजारियों, मुल्लों और पादरियों ने मंदिरों,मस्जिदों और गिरिजाघरों ने ,अपने धर्मावलंबियों-श्रद्धालुओं द्वारा यथेष्ट अर्थ धन भेंट में नहीं देने पर वे उनकी भर्त्सना करने ,उन पर कृपण इत्यादि अपशब्दों, अपमान जनक व्यंग वाक्यों की बौछार करने से भी नहीं बाज आते।इसकी बिल्कुल संभावना नहीं है, की पशु-प्रकृति के ऐसे पुजारियों इत्यादि से देवालयों को मुक्त किये बगैर इन देव मंदिरों में लोगों का विश्वास पुनर्प्रतिष्ठित हो सकेगा।सूर्य पश्चिम से उदय हो सकते हैं, ऊंट छत पर चढ़ सकते हैं, आकाश पृथ्वी पर उतर सकता है; किन्तु इन धर्मों के दम्भी पुजारियों का आचरण कदापि आदर्श नहीं हो सकता है।आने वाले युग में, हमारी भावी-पीढ़ियां, इन आदर्श विहीन व अनैतिक आचरण करने वाले पंडितों, पुजारियो ,मुल्लों एवं पादरियों को नहीं बख्शेंगी, नहीं छोड़ेंगी।

मानवता ही हमारा धर्म है –
आपने समाज को अध्यात्म का ‘अघोर ‘याने जो कठिन न हो बिल्कुल व्यवहारिक और सरल मार्ग बतलाया। आपने यह संदेश दिया कि -“ईश्वर ने कोई जाति,धर्म,समुदाय,भाषा आदि नहीं बनाया है। उसने हमें मनुष्य बना कर मनुष्यता के आचरण निमित्त इस लोक में भेजा है। यथार्थ में हमारी मूल जाति ‘मानव जाति’ है एवं हमारा धर्म “मानवता निर्वाह है” ।हम इस जाति – पांती में बंटकर, अपनी इंसानियत से अपनी मानवता से बहुत दूर चले जाते हैं।उन भावनाओं को और विचारों को हमें त्याग ही नहीं करना है ;उसे पूरी तरह से जान और जी लगाकर उखाड़ फेंकना है।हम मनुष्य हैं। मनुष्य की कोई जाति नहीं है।मनुष्य की मनुष्य ही जाति है।

सिर्फ मनुष्य बनें –
” सिर्फ मनुष्य बनें; एवं मन, वचन तथा कर्म से मनुष्यता का निर्वाह करें।हिन्दू, मुस्लिम,सीख, ईसाई, बौद्ध,जैन, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य आदि बनना आसान है;किन्तु सच्चे अर्थ में मनुष्य बनना कठिन है।इस युग तथा काल की पुकार है- कि हम अपनी मौलिक जाति’ मनुष्य जाति ‘ को भली भांति पहचानें।; एवं सचेत हो कर अपने मौलिक धर्म ‘मानवता’ का निर्वाह करें।”

अंध विश्वास को भक्ति का आधार न बनाएं-
“बंधुओं! धर्म के नाम पर अपने देश में बहुत से आडंबर हैं ,जिनकी आवश्यकता बिल्कुल नहीं है।फिर भी, दूसरों द्वारा कुछ अन्यथा सोच लेने के भय से ,तथा संकोच के चलते, उन्हें आप जबरदस्ती लादे फिर रहे हैं।ऐसे आडंबर से आपको क्षणिक राहत भले ही मिल जाये, परन्तु आप में स्थायी सुख शांति कभी नहीं आएगी।”
देवी देवता स्वर्ग में नहीं, बल्कि आपके साथ जमीन पर रहते हैं
“बंधुओं! आकाश तथा स्वर्ग के देवी देवता और भगवती-भगवान की कल्पनाओं का जमीन पर रहने वाले आदमियों के लिए क्या महत्व है ? देवी-देवता स्वर्ग में नहीं बल्कि आपके साथ जमीन पर रहते हैं। स्वर्ग तथा आकाश के देवता की बात बिल्कुल कल्पना है।स्वर्गीय देवता के पूजने से विरत हों।स्वर्गीय देवता आपके जीवन की आवश्यक सामग्रियां -जैसे आटा, चावल,पानी,नमक,सब्जी आदि कुछ भी नहीं देता है।”-(अघोरेश्वर की अनुकंपा से उद्धृत)

जब मनुष्य से मनुष्य ही नहीं खुश है तो देवता क्या खुश होगा।-
पूज्य अघोरेश्वर यथार्थ और व्यवहारिक पक्ष के साथ अध्यात्म की पवित्रता को बहुत सरल व सहज तरीके से समझाते हैं -“बंधुओं! आप आजतक जड़-मूर्ति को भगवान-भगवती मानते आये हैं।सभी जड़ को चैतन्य समझते रहे और जो चैतन्य हैं, तथा जिन प्राणियों में ईश्वर ने प्राण प्रतिष्ठा किया है–उन प्राणियों की उपेक्षा करते हैं।सज्जन और समझदार लोग ईश्वर द्वारा प्राण प्रतिष्ठित प्राणमयी प्राणी की उपासना करते हैं। देवी देवता स्वर्ग में नहीं वरन आपके साथ जमीन में रहते हैं।जिसे जीवित जागृत प्राणियों से प्रेम नहीं होता उसे मंदिर में बैठे पत्थर के देवता और मस्जिद के शून्य निराकार ईश्वर से प्रेम नहीं हो सकता।कुकृत्यों में लिप्त वयक्ति को पूजा आदि से कोई लाभ नहीं होता।शील के प्रकाश से लोक भी प्रकाशित होता है। मनुष्य चाहे तो वह देवता बन सकता है, ईश्वर से ज्यादा ऊंचा हो सकता है।मनुष्य चाहे तो पशु भी बन सकता है और तुच्छ प्राणियों की तरह अपना जीवन बिता सकता है। शिल्पकार दूसरों के लिए महल बनाता है और स्वयं झोपड़ी में निवास करता है।सुख तथा शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करता है।वह किसी महात्मा या साधु से कम नहीं है। पूज्य अघोरेश्वर अपने आशीर्वचनों में कहते थे कि – ‘ भगवान या भगवती या ईश्वर या और कोई भी हो अपने स्थान पर, वह मनुष्य से बढ़ कर कोई नहीं। मनुष्य चाहे तो उनके जैसा हजारों गढ़ सकता है।जब मनुष्य से मनुष्य ही नहीं खुश है तो देवता क्या खुश होगा।'(अघोर वचन शास्त्र से उद्धृत)

विस्तृत लोक को अलौकिक करने वाले शीलवान साधु बिरले ही मिलते हैं।संत का ईश्वर और ऐश्वर्य से ऊँचा स्थान होता है।एक सच्चे साधु- संत के बारे में कुछ लिख पाना बहुत कठिन होता है।वे अलख होते हैं।अघोरेश्वर भगवान राम जी मानवता व कल्याण के प्रतिमूर्ति हैं।

रमता है सो कौन घट घट में-
जो समय ,काल और कर्म था उसे पूर्ण कर 29 नवम्बर 1992 को ब्रह्मलीन हो गए।महानिर्वाण के उस पल और क्षण में समूचे ब्रह्माण्ड का दृश्य अत्यंत ही अलौकिक हो उठा था। बनारस (काशी) अनुयायियों एवं भक्तगणों से खचाखच भर हुआ था।सभी के मन में एक ही भाव उठ रहा था कि अब हमारा क्या होगा?हम किनके श्रीचरणों में बैठकर अपना सुख-दुख सुनायेंगे?कौन हमारी पीड़ा हरेगा?कौन हमारी रक्षा और कल्याण करेगा?इतना असीम आत्मीय आनन्द अब हमें कहां मिलेगा,कौन देगा?
तभी अघोरेश्वर महाप्रभु की ही वाणी ढांढस बंधाती “गुरु देह नहीं प्राण है, वह सदैव तुम्हारे अभ्यन्तर में निवास करता है।रमता है सो कौन घट घट में विराजत है ,रमता है सो कौन बता दे कोई ।”

परमपूज्य ब्रह्मलीन अघोरेश्वर महाप्रभु के श्री चरणों में सादर श्रद्धानत शत शत नमन करते हुए पवित्र वाणी सर्वजन कल्याणार्थ राष्ट्रहित में सादर समर्पित है।कोटि कोटि प्रणाम।

▪️ आलेख –
• गणेश कछवाहा
[ रायगढ़ छत्तीसगढ़ ]
• संपर्क-
• 94255 72284

🕉🕉🕉🕉🕉🕉

विज्ञापन (Advertisement)

ब्रेकिंग न्यूज़

breaking National

निकिता पोरवाल बनी मिस इंडिया का, देखें उनके खूबसूरत तस्वीरें

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में अगले 12 दिनों तक 5 से 6 घंटे तक गुल रहेगी बिजली, विभाग का मेंटेनेंस अभियान शुरू

breaking Chhattisgarh

अंबिकापुर से हवाई सेवा की तैयारी, पीएम मोदी 20 अक्टूबर को प्रदेशवासियों को समर्पित करेंगे मां महामाया एयरपोर्ट

breaking Chhattisgarh

कौन हैं माया वॉरियर? डीएमएफ घोटाले में ईडी ने किया गिरफ्तार

breaking Chhattisgarh

अगर सलमान खान ने किया ये काम तो बिना खून-खराबे मिलेगी माफी ! बिश्नोई समाज ने एक्टर के सामने रखीं ये शर्तें

breaking Chhattisgarh

सीएम साय का ऐलान, पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा रामचंडी मंदिर, गढ़फुलझर में बनेगा मांगलिक भवन

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को दीपावली का गिफ्ट, सरकार ने 4 प्रतिशत बढ़ाया डीए

breaking Chhattisgarh

भाजपा विधायक ईश्वर साहू के पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज, जानिए क्या है पूरा मामला?

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में SI भर्ती का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने कहा- 15 दिन में रिजल्ट जारी करो

breaking Chhattisgarh

कांस्टेबल की पत्नी और बेटी की हत्या से सहमा सूरजपुर, गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा- आरोपी कोई भी हो कड़ी कार्रवाई की जाएगी

breaking Chhattisgarh

10वीं और 12वीं कक्षा की तृतीय मुख्य परीक्षा का टाइम-टेबल जारी, 11 नवंबर को 12वीं और 13 से होंगे 10वीं के एग्जाम्स

breaking Chhattisgarh

धान और मक्का की MSP खरीद के लिए 31 अक्टूबर तक करें पंजीकरण, सरकार ने जारी किया रिमाइंडर…

breaking Chhattisgarh

फिंगेश्वर का अनूठा दशहरा: मौली मां के चमत्कारी मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, जानें-क्या है विशेष मान्यता

breaking Chhattisgarh

राजनांदगांव के नाबालिग ने दी थी फ्लाइट को उड़ाने की धमकी, मुंबई उठाकर ले गई स्पेशल पुलिस

breaking Chhattisgarh

किसानों के लिए काम की खबर, इस तारीख तक करा लें समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का की खरीदी के लिए पंजीयन

breaking National

‘देश में होनी चाहिए सिर्फ दो ही जातियां…’, धीरेंद्र शास्त्री ने सरकार से की मांग

breaking Chhattisgarh

16 अक्टूबर को होगी साय कैबिनेट की 15वीं बैठक: धान खरीदी और राज्योत्सव की तैयारी समेत इन अहम मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

breaking Chhattisgarh

19 अक्टूबर तक रायपुर पुलिस की रिमांड पर रहेगा कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू, पूछताछ में हो सकते हैं बड़े खुलासे

breaking Chhattisgarh

सूरजपुर में ASI की पत्नी व बेटी की बदमाश ने कर दी हत्या, सिपाही पर भी डाला खौलता हुआ तेल

breaking Chhattisgarh

‘डेढ़ महीने में 400 करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शन’, दुबई में हुए एक्शन से छत्तीसगढ़ में तेज हुई सियासत

कविता

poetry

गाँधी जयंती पर विशेष : जन कवि कोदूराम ‘दलित’ के काव्य मा गाँधी बबा : आलेख, अरुण कुमार निगम

poetry

रचना आसपास : ओमवीर करन

poetry

कवि और कविता : डॉ. सतीश ‘बब्बा’

poetry

ग़ज़ल आसपास : नूरुस्सबाह खान ‘सबा’

poetry

स्मृति शेष : स्व. ओमप्रकाश शर्मा : काव्यात्मक दो विशेष कविता – गोविंद पाल और पल्लव चटर्जी

poetry

हरेली विशेष कविता : डॉ. दीक्षा चौबे

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : अनीता करडेकर

poetry

‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक व कवि प्रदीप भट्टाचार्य के हिंदी प्रगतिशील कविता ‘दम्भ’ का बांग्ला रूपांतर देश की लोकप्रिय बांग्ला पत्रिका ‘मध्यबलय’ के अंक-56 में प्रकाशित : हिंदी से बांग्ला अनुवाद कवि गोविंद पाल ने किया : ‘मध्यबलय’ के संपादक हैं बांग्ला-हिंदी के साहित्यकार दुलाल समाद्दार

poetry

कविता आसपास : पल्लव चटर्जी

poetry

कविता आसपास : विद्या गुप्ता

poetry

कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

poetry

कविता आसपास : श्रीमती रंजना द्विवेदी

poetry

कविता आसपास : तेज नारायण राय

poetry

कविता आसपास : आशीष गुप्ता ‘आशू’

poetry

कविता आसपास : पल्लव चटर्जी

poetry

कविता आसपास : सुधा वर्मा

poetry

‘छत्तीसगढ़ आसपास’ •साहित्य { पितृ दिवस पर विशेष कविताएं } •तारकनाथ चौधुरी •डॉ. दीक्षा चौबे •रंजना द्विवेदी •डॉ. बलदाऊ राम साहू

poetry

साहित्य आसपास : विनय सागर जायसवाल

poetry

कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

कहानी

story

लघुकथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

कहिनी : मया के बंधना – डॉ. दीक्षा चौबे

story

🤣 होली विशेष :प्रो.अश्विनी केशरवानी

story

चर्चित उपन्यासत्रयी उर्मिला शुक्ल ने रचा इतिहास…

story

रचना आसपास : उर्मिला शुक्ल

story

रचना आसपास : दीप्ति श्रीवास्तव

story

कहानी : संतोष झांझी

story

कहानी : ‘ पानी के लिए ‘ – उर्मिला शुक्ल

story

व्यंग्य : ‘ घूमता ब्रम्हांड ‘ – श्रीमती दीप्ति श्रीवास्तव [भिलाई छत्तीसगढ़]

story

दुर्गाप्रसाद पारकर की कविता संग्रह ‘ सिधवा झन समझव ‘ : समीक्षा – डॉ. सत्यभामा आडिल

story

लघुकथा : रौनक जमाल [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

लघुकथा : डॉ. दीक्षा चौबे [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

🌸 14 नवम्बर बाल दिवस पर विशेष : प्रभा के बालदिवस : प्रिया देवांगन ‘ प्रियू ‘

story

💞 कहानी : अंशुमन रॉय

story

■लघुकथा : ए सी श्रीवास्तव.

story

■लघुकथा : तारक नाथ चौधुरी.

story

■बाल कहानी : टीकेश्वर सिन्हा ‘गब्दीवाला’.

story

■होली आगमन पर दो लघु कथाएं : महेश राजा.

story

■छत्तीसगढ़ी कहानी : चंद्रहास साहू.

story

■कहानी : प्रेमलता यदु.

लेख

Article

तीन लघुकथा : रश्मि अमितेष पुरोहित

Article

व्यंग्य : देश की बदनामी चालू आहे ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

लघुकथा : डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय [केंद्रीय विद्यालय वेंकटगिरि, आंध्रप्रदेश]

Article

जोशीमठ की त्रासदी : राजेंद्र शर्मा

Article

18 दिसंबर को जयंती के अवसर पर गुरू घासीदास और सतनाम परम्परा

Article

जयंती : सतनाम पंथ के संस्थापक संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जी

Article

व्यंग्य : नो हार, ओन्ली जीत ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

🟥 अब तेरा क्या होगा रे बुलडोजर ❗ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा.

Article

🟥 प्ररंपरा या कुटेव ❓ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा

Article

▪️ न्यायपालिका के अपशकुनी के साथी : वैसे ही चलना दूभर था अंधियारे में…इनने और घुमाव ला दिया गलियारे में – आलेख बादल सरोज.

Article

▪️ मशहूर शायर गीतकार साहिर लुधियानवी : ‘ जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है, जंग क्या मसअलों का हल देगी ‘ : वो सुबह कभी तो आएगी – गणेश कछवाहा.

Article

▪️ व्यंग्य : दीवाली के कूंचे से यूँ लक्ष्मी जी निकलीं ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

25 सितंबर पितृ मोक्ष अमावस्या के उपलक्ष्य में… पितृ श्राद्ध – श्राद्ध का प्रतीक

Article

🟢 आजादी के अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. अशोक आकाश.

Article

🟣 अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. बलदाऊ राम साहू [दुर्ग]

Article

🟣 समसामयिक चिंतन : डॉ. अरविंद प्रेमचंद जैन [भोपाल].

Article

⏩ 12 अगस्त- भोजली पर्व पर विशेष

Article

■पर्यावरण दिवस पर चिंतन : संजय मिश्रा [ शिवनाथ बचाओ आंदोलन के संयोजक एवं जनसुनवाई फाउंडेशन के छत्तीसगढ़ प्रमुख ]

Article

■पर्यावरण दिवस पर विशेष लघुकथा : महेश राजा.

Article

■व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा.

राजनीति न्यूज़

breaking Politics

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उदयपुर हत्याकांड को लेकर दिया बड़ा बयान

Politics

■छत्तीसगढ़ :

Politics

भारतीय जनता पार्टी,भिलाई-दुर्ग के वरिष्ठ कार्यकर्ता संजय जे.दानी,लल्लन मिश्रा, सुरेखा खटी,अमरजीत सिंह ‘चहल’,विजय शुक्ला, कुमुद द्विवेदी महेंद्र यादव,सूरज शर्मा,प्रभा साहू,संजय खर्चे,किशोर बहाड़े, प्रदीप बोबडे,पुरषोत्तम चौकसे,राहुल भोसले,रितेश सिंह,रश्मि अगतकर, सोनाली,भारती उइके,प्रीति अग्रवाल,सीमा कन्नौजे,तृप्ति कन्नौजे,महेश सिंह, राकेश शुक्ला, अशोक स्वाईन ओर नागेश्वर राव ‘बाबू’ ने सयुंक्त बयान में भिलाई के विधायक देवेन्द्र यादव से जवाब-तलब किया.

breaking Politics

भिलाई कांड, न्यायाधीश अवकाश पर, जाने कब होगी सुनवाई

Politics

धमतरी आसपास

Politics

स्मृति शेष- बाबू जी, मोतीलाल वोरा

Politics

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हलचल

breaking Politics

राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा- मर्यादित भाषा में रखें अपनी बात

Politics

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने डाॅ. नरेन्द्र देव वर्मा पर केन्द्रित ‘ग्रामोदय’ पत्रिका और ‘बहुमत’ पत्रिका के 101वें अंक का किया विमोचन

Politics

मरवाही उपचुनाव

Politics

प्रमोद सिंह राजपूत कुम्हारी ब्लॉक के अध्यक्ष बने

Politics

ओवैसी की पार्टी ने बदला सीमांचल का समीकरण! 11 सीटों पर NDA आगे

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ग्वालियर में प्रेस वार्ता

breaking Politics

अमित और ऋचा जोगी का नामांकन खारिज होने पर बोले मंतूराम पवार- ‘जैसी करनी वैसी भरनी’

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल बिहार चुनाव के स्टार प्रचारक बिहार में कांग्रेस 70 सीटों में चुनाव लड़ रही है

breaking National Politics

सियासत- हाथरस सामूहिक दुष्कर्म

breaking Politics

हाथरस गैंगरेप के घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा, पढ़िए पूरी खबर

breaking Politics

पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना के बाद, पीसीसी चीफ ने जांच समिति का किया गठन