विशेष : डॉ. दीक्षा चौबे
डॉ. दीक्षा चौबे
🟥
हमर तीज तिहार
– डॉ. दीक्षा चौबे
[ दुर्ग छत्तीसगढ़ ]
चैत नवरात्रि सिद्ध परब हे ।
तीज तिहार म हमर गरब हे ।
अक्ति बैसाख महिना आथे ,
दान पुन्न म मिलथे सरग हे ।।
हरियर-हरियर सुघर हे पान ।
छत्तीसगढ़ में उगथे धान ।
नांगर जोत के बीज बोथें,
जेठ असाढ़ महीना किसान ।।
सावन मास होथे निंदाई ।
खेत म जाथे बहिनी दाई ।
गीत ददरिया गावत गावत,
बुता सरकथे झटकुन भाई ।।
भादो तीजा पोरा लाथे ।
बहिनी फूफू मइके आथे ।
बिड़िया पीड़िया ठेठरी खुरमी ,
गली खोर अंगना ममहाथे ।।
गनेश चतुर्थी हमन मनाथन ।
पितर मन ल बरा खवाथन ।
क्वांर म दुर्गा बइठाथे ,
रावन मारे जम्मो जाथन ।।
कार्तिक म देवारी आथे ।
दिया बार सब खुशी मनाथे ।
अगहन बिरस्पत लक्ष्मी पूजा ,
अन्न धन के भंडार बढ़ाथे ।।
पूस महीना जाड़ जनावय ।
पुन्नी म छेरछेरा मनावय ।
माघ सकट व्रत फलदायी,
परसा फूलय जबर सुहावय।।
फागुन महिना होली आथे ।
लइका बड़का सबो ल भाथे ।
रंग प्रेम के चारों कोती ,
तीज तिहार इहाँ बगराथे ।।
शब्दार्थ-
चैत्र,बैसाख,सावन,भादो,क्वांर,कार्तिक,अगहन, पूस ,माघ, फागुन – हिंदू कैलेंडर के अनुसार माह के नाम
परसा=पलाश , बगराथे=फैलाना ,ममहाथे=सुगंध
जबर=बहुत ,पुन्नी=पूर्णिमा, तिहार=त्यौहार
▪️
•संपर्क-
•94241 32359
🟥🟥🟥🟥🟥🟥