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- विशेष : लंबे अवधि से निरंतर साहित्य लेखन हेतु नेपाल से ‘ इंटरनेशनल नोबेल टैलेंट एवार्ड’ लेकर भिलाई आने पर गोविंद पाल को विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं और साहित्यकारों ने स्वागत-अभिनंदन किया…
विशेष : लंबे अवधि से निरंतर साहित्य लेखन हेतु नेपाल से ‘ इंटरनेशनल नोबेल टैलेंट एवार्ड’ लेकर भिलाई आने पर गोविंद पाल को विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं और साहित्यकारों ने स्वागत-अभिनंदन किया…
भिलाई [ 3 मार्च,2024 : छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़] : आज भिलाई निवास के ‘इंडियन कॉफी हाउस’ में ‘बंगीय साहित्य संस्था’, ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’, ‘अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद् छत्तीसगढ़ राज्य’ और ‘ छत्तीसगढ़ आसपास’ ग्रुप के सदस्यों ने लेखक कवि गोविंद पाल का स्वागत अभिनंदन समारोह आयोजित कर बधाई व शुभकामनाएं दी.
गोविंद पाल को विगत दिनों ‘ शब्द प्रतिभा बहुछेत्रीय सम्मान फाउंडेशन’ नेपाल द्वारा आयोजित ‘अंतरराष्ट्रीय विशिष्ट प्रतिभा सम्मान- 2024’, साहित्य सृजन में उल्लेखनीय योगदान का उच्च मुल्यांकन करते हुए नेपाल की पवित्र भूमि नेपालगंज में नेपाल सरकार के कृषि और भूमि व्यवस्था मंत्री, लुंबिनी प्रदेश के भंडारी लाल अहिर के हाथों सम्मानित किया गया.
इस अवसर पर नेपाल की सबसे बड़ी सरकारी साहित्यिक निकाय ‘ नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान’ के पूर्व सदस्य सचिव सनत रेग्मी और ‘ शब्द प्रतिभा फाउंडेशन’ के अध्यक्ष आनंद गिरी मायालु भी उपस्थित थे.
▪️ गोविंद पाल
गोविंद पाल ने कहा-
आज मुझे जो आत्मीय अभिनंदन किया गया, उसके लिए मैं उपस्थित सभी लेखक, कवि, साहित्यकार और मित्रों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. ये प्यार और मोहब्बत सरआखों पर सदा बना रहेगा.
उपस्थित रचनाकारों ने कहा कि ये सम्मान सिर्फ गोविंद पाल का सम्मान नहीं है, ये हम सबका सम्मान है. छत्तीसगढ़ का सम्मान है. हमारे देश के साहित्य बिरादियों का सम्मान है. गोविंद पाल ने देश के बाहर विदेशों में अपने प्रतिभाओं का लोहा मनवा कर जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का, प्रदेश का और भिलाई का नाम रौशन किया है. हम सबको फ़क्र है.
▪️ जनाब रौनक जमाल
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इस अभिनंदन समारोह में उपस्थित हुए-
‘बंगीय साहित्य संस्था’ की अध्यक्ष व बांग्ला-अंग्रेजी की कवियित्री बानी चक्रवर्ती, इसी संस्था की उपाध्यक्ष व बांग्ला की लेखिका स्मृति दत्ता, ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के महासचिव और ‘अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद् छत्तीसगढ़ राज्य’ के अध्यक्ष कवि अधिवक्ता ओमप्रकाश शर्मा, ‘ छत्तीसगढ़ आसपास’ और ‘मुक्त कंठ’ के संपादक प्रदीप भट्टाचार्य, बांग्ला भाषा की लोकप्रिय लिटिल पत्रिका ‘मध्यबलय’ के संपादक एवं बांग्ला-हिंदी के कवि दुलाल समाद्दार, ‘बंगीय साहित्य संस्था’ के उप सचिव एवं ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के कोषाध्यक्ष व बांग्ला- हिंदी के कवि नाट्यकार प्रकाशचंद्र मण्डल, ऊर्दू अदब के मशहूर शायर कवि लेखक जनाब रौनक जमाल, ‘मुक्तकंठ’ के उप सचिव व हास्य कवि सीए भूषण चिपड़े, मंच के सिद्धहस्त हास्य कवि गजराज दास महंत, वीररस के कवि बृजेश कुमार मलिक, हेमंत जगम, समाजसेवी सतपाल सिंह, ‘हिंदू मिलन मंदिर’ के पुजारी व बांग्ला-हिंदी के कवि पं. वासुदेव भट्टाचार्य, शायर कवि नावेद रजा दुर्गवी, समाजसेवी गोविंद बर्मन ,हजलकार डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’ और अनेक गणमान्य.
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