क्यों नहीं लेता वापस मोदी सरकार, नए कृषि कानून
वरिष्ठ पत्रकार निस्तुला हेब्बार कहती हैं, “सरकार का मानना है कि कृषि सुधार के लिए ये क़ानून ज़रूरी हैं. यही वजह है कि एनडीए ही नहीं यूपीए के कार्यकाल में इन सुधारों की बात की गई थी. शरद पवार की चिट्ठियों से ये बात ज़ाहिर भी होती है. लेकिन, किसी राजनीतिक पार्टी के पास ऐसा करने की ना तो इच्छा शक्ति थी और ना ही संसद में वो नंबर थे. बीजेपी केंद्र में 300 से ज़्यादा सीटों के साथ आई है. अगर कृषि सुधार वाले क़ानून अब लागू नहीं हुए तो कभी लागू नहीं होंगे.”
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए नए क़ानून ज़रूरी’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वाराणसी दौरे पर किसानों के लिए कहा था, “मुझे विश्वास है, आज जिन किसानों को कृषि सुधारों पर कुछ शंकाएं हैं, वो भी भविष्य में इन कृषि सुधारों का लाभ उठाकर, अपनी आय बढ़ाएंगे.”
यही है इन नए क़ानूनों को वापस ना लेने का केंद्र सरकार का एक अहम कारण.
केंद्र सरकार ने साल 2022 में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया है. उन्हें लगता है ये क़ानून उस वादे को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.