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अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार डॉ. रौनक जमाल के 70वें जन्म दिवस पर साहित्य सम्मेलन : देश भर से जुटे साहित्यकार : 5 किताबों का हुआ विमोचन और सम्मान
👉 [बाएँ से] श्रीमती जमाल, डॉ. रौनक जमाल, कैलाश जैन बरमेचा और श्रीमती मंजू बरमेचा
• साहित्यिक आयोजन दुर्ग के ‘गारनेट इन होटल’ के सभागार में हुआ.
• अवसर था भारत के उर्दू भाषी साहित्यकार डॉ. रौनक जमाल का 70वां जन्मदिवस.
• डॉ. रौनक जमाल के 51 वर्षीय साहित्यिक यात्रा को रेखांकित किया, नागपुर से पधारे वकिल नजीब साहब
• 5 किताबों का हुआ विमोचन
👉 विमोचन करते हुए अतिथि
• विमोचन –
1. लक्ष्मण की आँखें
2. चालीस आदमी
3. मेढ़क की वफादारी
4. लाल किताब
5. ईद के दिन बादशाह
डॉ रौनक जमाल लिखित इन 5 पुस्तकों के अलावा पुणे से प्रकाशित ‘अस्बाक पत्रिका’ का भी विमोचन किया गया. यह पत्रिका डॉ. रौनक जमाल के व्यक्तित्व व कृतित्व पर केंद्रित है. साथ में उप महाद्वीप के लघुकथा की तिमाही पत्रिका ‘अफसाना नुमा’ के चौथे अंक का लोकार्पण डॉ. रौनक जमाल एवं उपस्थित अतिथियों के कर कमलों द्वारा किया गया.
• छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़
• दुर्ग [छत्तीसगढ़]
👉 आत्मीय सम्मान
25 मई, 2024 को आज तक का सबसे बड़ा साहित्य सम्मलेन हर्षोउल्लास संगीतमय होने पर दशकों को मन ही मन थिरकने पर मजबूर कर दिया भारत के उर्दू भाषी साहित्यकार डॉ. रौनक जमाल के 70 वे. जन्म दिवस के अवसर पर देश के कोने-कोने से साहित्यकारों का छत्तीसगढ़ की माटी में आकर कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अपनी अविश्मरणीय भूमिका निभा कर सम्मेलन के सफलता में चार चाँद ला दिये |
इस अवसर पर नागपुर से आये वकिल नजीब साहब ने रोनक जमाल के 51 वर्षीय साहित्यिक जीवन पर रौशनी डालते हुए यह शब्द यकिन के साथ कहे कि आपके छत्तीसगढ़ का लाल डॉ. रौनक जमाल छत्तीसगढ़ का नाम भारत एवं उपमहाद्वीप मे हि नही सारी दुनिया में रौशन कर रहा है|
गारनेट इन के विशाल सभागृह में दिल्ली कि बाल साहित्य सोसायटी ऑल इण्डिया अदमने इत्फाल सोसायटी के पदाधिकारियों ने दुर्ग पधारकर गारनेट इन होटल के विशाल सभागृह में शानदार जश्न का आयोजन किया सोसायटी के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद सिराज अजीम साहब एवं संस्था के कोषाध्यक्ष अब्दुल मन्नान सहाब दिल्ली से विशेष तौर पर पधारे थे शानदार आयोजन कि कमान दुर्ग के उद्योगपति कैलाश जैन बरमेचा ने संभाली इस अवसर पर जमाल कि पांच पुस्तको का विमोचन भी किया गया एवं असबाक पुना तीमाही पत्रिका के जमाल पर विशेष अंक का भी विमोचन किया गया उपमहाद्वीप लघुकथा कि दोमाही पत्रिका अफसानागुमा के चौथे अंक का विमोचन डॉ. रौनक जमाल के करकमलो द्वारा किया गया आलीशान जलसे की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ उर्दू एकेडमी के अध्यक्ष इदरिस गांधी ने कि कार्यक्रम का संचालन नागपुर से पधारे मुश्ताक बेबाक ने किया नमाल के लघुकथा संग्रह चालीस आदमी का विमोचन औरंगाबाद से पधारे अफसान्यानुमा के सम्पादक डॉक्टर अफसर साहब ने किया लघुकथा संग्रह लक्ष्मण की आँखों का विमोचन नागपुर के बालउपन्यासक वकिल नजिब ने किया बात कहानियों के संग्रह लाल बाल किताब का विमोचन हैदराबाद से पधारे महमूद शाहिद के करकमलो द्वारा किया गया बाल कहानी संग्रह मेढक कि वफादारी का विमोजन नागपुर से पधारे ख्वाजा रब्बानी डायरेक्टर पुरातत्व विभाग द्वारा किया गया तीसारे बाल कहानी संग्रह ईद के दिन का बादशाह का विमोचन दिल्ली से पधारे मोहम्मद सिराज अजीम द्वारा किया गया अजवाक पत्रिका पुना द्वारा रौनक जमाल पर प्रकाशित अंक का विमोचन छत्तीसगढ़ उर्दू एकेडमी एवं जलसे की अध्यक्षता कर रहे इदरिस गांधी द्वारा किया गया नागपुर कि साहित्य समिति तुर्फा कुरैशी द्वारा जमाल को सम्मान पत्र प्रदान किया गया कमला मोटस दुर्ग द्वारा कैलाश बरमेचा एवं श्रीमती मंजू बरमेचा द्वारा सम्मान पत्र प्रदान किया गया. साहित्यिक संस्था ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ ने भी शॉल श्रीफल, प्रमाण पत्र से सम्मानित किया. सम्मान ‘मुक्तकंठ’ के अध्यक्ष गोविंद पाल, संपादक प्रदीप भट्टाचार्य, उपाध्यक्ष आलोक कुमार चंदा, कोषाध्यक्ष प्रकाशचंद्र मण्डल, प्रचार सचिव डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’, रामबरन कोरी ‘कशिश’ और फरीदा शाहीन की उपस्थिति में दिया गया. लायन्स क्लब ऑफ दुर्ग सिटी की ओर से लायन रश्मि अग्रवाल एवं भावी अध्यक्ष लायन सुमन पाण्डे द्वारा भी जमाल को सम्मानपत्र शॉल श्रीफल एवं उपहार भेंट किया गया |
इस अवसर पर नागपुर से आये वकिल नजीब साहब ने रोनक जमाल के 51 वर्षीय साहित्यिक जीवन पर रौशनी डालते हुए यह शब्द यकिन के साथ कहे कि आपके छत्तीसगढ़ का लाल डॉ. रौनक जमाल छत्तीसगढ़ का नाम भारत एवं उपमहाद्वीप मे हि नही सारी दुनिया में रौशन कर रहा है|
उन्होंने कहा कि रौशन उर्दू साहित्य कि सभी विद्याओं में लिखता है, मे हमेशा सोचता रहता है कि यह आदमी ऐसा कैसे कर सकता है इस अवसर पर जलगॉव से आए कय्युम असर एवं नागपुर से आए रियाज कामिल ने रौनक जमाल की बचपन स्कूल और कॉलेज कि बहुत सी बातो पर से पर्दा उठाकर सभामह में बैठे साहित्य प्रेमियों को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया कार्यक्रम के आखिर में केक काटकर जमाल के 70वे. जन्मदिन को यादगार बनाया गया इस अवसर पर जमाल के मित्रो एवं साहित्य प्रेमियों ने जमाल को शॉल, श्रीफल उपहार और अपने अथाप्रेम से लाद दिया था जमाल ने सभी मेहमानो का शुक्रिया अदा किया एवं शानदार भोज के बाद हर व्यक्ति को रिटर्न गिफ्ट के तौर पर उपहार दिया गया इस अवसर पर बहादुर अली थरानी गुलाब चौहान, आलोक नारंग एवं शाहिन बानो को पुरानी फिल्मो के गीत पेश कर सभा गृह में बैठे लोगों को थिरकने पर मजबुर कर दिया |
• इस अवसर पर ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के अध्यक्ष गोविंद पाल, समिति के उपाध्यक्ष आलोक कुमार चंदा, कोषाध्यक्ष प्रकाशचंद्र मण्डल, प्रचार सचिव डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’, सदस्य रामबरन कोरी ‘कशिश’, फरीदा शाहीन और ‘मुक्तकंठ’ के संपादक प्रदीप भट्टाचार्य एवं शायर मुमताज, नवेद रज़ा दुर्गवी व अनेक लेखक, पत्रकार, साहित्यकार, बुद्धिजीवी.
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▪️ आयोजन की कुछ प्रमुख झलकियाँ –
👉 सम्मान अभिनंदन कैलाश जैन बरमेचा और अग्रवाल परिवार
👉 ‘मुक्तकंठ’ परिवार [बाएँ से] आलोक कुमार चंदा, गोविंद पाल, डॉ. रौनक जमाल, प्रकाशचंद्र मण्डल और प्रदीप भट्टाचार्य
👉 ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के ग्रुप एडिटर प्रदीप भट्टाचार्य और डॉ. रौनक जमाल
👉 सम्मान करते हुए ‘ मुक्तकंठ’ के पदाधिकारी
👉 शायर कवि नवेद रज़ा दुर्गवी डॉ. रौनक जमाल का सम्मान करते हुए
👉 सभागार में बैठे डॉ. रौनक जमाल के शुभचिंतक
👉 सभागार में उपस्थित सुधिजन
👉 डॉ.रौनक जमाल के साथ मंचासीन अतिथि
👉 डॉ.रौनक जमाल और श्रीमती जमाल
[ • समाचार एवं फोटो सौजन्य कैलाश जैन बरमेचा, डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’ ]
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