





कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

•चलो आज मैं तुम्हें लिखती हूँ
– रंजना द्विवेदी
[ रायपुर छत्तीसगढ़ ]
अपनी हर जज़्बात,एहसास बयां करती हूं
चलो आज मैं तुम्हे लिखती हूं
तुम्हारे ख्यालों को,
तुम्हारे बेपनाह चाहतों को कहती हूं
नहीं लिखती तुम्हारी,कमजोरियों को
तुम्हारी खुद्दारी को
तुम्हारा अपनापन,तुम्हारी अच्छाई
लिखती हूं, चलो आज तुम्हें लिखती हूं
लिखती हूं कि मेरी हृदय का
खालीपन तुमसे भरता है
मेरे नस नस में रक्त की तरह तुम बहते हो
नही लिखती तुम्हारी तुलना किसी से
ना ही कोई समानता लिखती हूं
लिखूंगी बस इतना कि कैसे
तुम्हे अपने हृदय में संजो रखा है
नही परिभाषित करूंगी तुम्हें
आज की आडम्बर युक्त प्रेम प्रवाह में
तुम्हारी प्रेम की गहनता लिखती हूं
चलो आज मैं तुम्हे लिखती हूं
दिखावा नहीं,जताना नही
बस तुम्हारे हृदय का भाव लिखती हूं
मेरी खुशी,मेरा गम,
मेरे जज़्बात मे सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हें लिखती हूं
चलो आज मैं तुम्हे लिखती हूं,,
• संपर्क-
• 97557 94666
०००
chhattisgarhaaspaas
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