स्मृति शेष- बाबू जी, मोतीलाल वोरा
●93 वर्ष की उम्र में निधन
●सबके पथ प्रदर्शक, मोतीलाल वोरा
-प्रदीप भट्टाचार्य
-संपादक
सदन के अंतिम दिन अविभाजित मध्यप्रदेश व दुर्ग की जनता को प्रणाम करते हुए इतना कहना चाहता हूं कि इंदिरा जी के साथ राजनीति की शुरुआत की. पार्षद, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री के रूप में सेवा करने का प्रयास किया.गांधी परिवार का सह्रदय आभार,सदैव कांग्रेस की सेवा में तत्पर ।
●मोतीलाल वोरा
लगता है बाबूजी को आभास हो गया था कि मैं न रहूं.कांग्रेस के अंदर सबसे भरोसेमंद रहे,मोतीलाल वोरा. 1 दिन पहले ही उन्होंने अपना जन्मदिन (20,दिसम्बर) को मनाया.
कांग्रेस औऱ गांधी परिवार के सेतु माने जाने वाले मोतीलाल वोरा जी से मेरी मुलाकात कई मौके पर हुई ।
एक वाकया आज़ भी जहन में है, उन दिनों BSNL के लेंड फ़ोन के लिये लंबी कतार लगती थी.बाबूजी केंद्रीय मंत्री थे.किसी पत्रकार ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के कोटे से अनुशंसा होने पर लेंड फ़ोन तत्काल लग जाता है. मैंने एक चिट्ठी बाबूजी को लिखा,मुझे जानते थे. यक़ीन नहीं हुआ 15 दिनों के अंदर दुर्ग के BSNL महाप्रबंधक श्री शर्मा जी(तत्कालीन महाप्रबंधक) का फ़ोन आया कि आपके यहां लैंडलाइन फ़ोन लगाना है, मैं ख़ुशी से गदगद हो गया. उन दिनों पूरे इलाके में मेरे यहां ही लैंडलाइन टेलीफोन सेवा थी.
ऐसे सरल बाबूजी का जाना दुखत लगा.ऐसे सरल बाबूजी सभी के लिए सहज थे,उनसे मिलकर कोई कभी निराश नहीं हुआ.
बाबूजी को मेरी और ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल संपादकीय परिवार की तरफ़ से विनम्र श्रद्धांजलि.