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डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ की बाल कविता संग्रह ‘खेल रही है पानी से’ का लोकार्पण : विमोचन ‘नवरंग’ की नातिन मिश्का के हाथों हुआ
छत्तीसगढ़ आसपास [रायपुर] :
विगत दिनों डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ के रायपुर आवास के प्रथमतल पर उनके पुस्तकालय में विश्वकर्मा समाज द्वारा उनके बाल कविता संग्रह खेल रही है पानी से का लोकार्पण किया गया.
👉 विश्वकर्मा समाज द्वारा कवि डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘ नवरंग’ की उपस्थिति में ‘खेल रही है पानी से’ का लोकार्पण करते हुए समाज के पदाधिकारी
लोकार्पण के अवसर पर समाज के संरक्षक द्वय सीताराम विश्वकर्मा, डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’, अध्यक्ष पी आर विश्वकर्मा, सचिव किशनलाल विश्वकर्मा, सह सचिव नंदकिशोर पाँचाल, कोषाध्यक्ष राजाराम विश्वकर्मा, सलाहकार अर्जुन विश्वकर्मा, पुन्नी विश्वकर्मा, मयंक विश्वकर्मा सहित कार्यकारिणी सदस्य मनोहर विश्वकर्मा, मोहनलाल विश्वकर्मा एवं शशि आचार्य उपस्थित रहे.
पुस्तक के संदर्भ में डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ ने कहा कि बाल कविताएं वही सार्थक मानी जाती हैं जिनका सरोकार उनकी मानसिकता से होता है, जो मनोरंजन होने के साथ ही ज्ञान वर्धक भी होती है एवं बच्चों के बौद्धिक विकास में सहायक होती है और समझने के लिए उनसे मानसिक कसरत नहीं करवाती. शैशव काल की बाल कविताएं किसी भी बच्चे के बचपन का आईना होती है. उन्हें पढ़कर उसके बालपन को आसानी से समझा जा सकता है.
👉 मिश्का अपने माता- पिता के साथ
डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ ने कहा कि प्रस्तुत बाल कविता संग्रह ‘खेल रही है पानी से’ की कविताएं मेरी नातिन मिश्का विश्वकर्मा जो इन दिनों अपने म म्मी-पापा मेघा विश्वकर्मा एवं शिशिर विश्वकर्मा के साथ नीदरलैंड में रह रही है के शैशव काल का जीवंत चित्रण है. अप्रैल से जून माह तक नीदरलैंड प्रवास के दौरान उनके द्वारा रचित बाल कविता संग्रह ‘खेल रही है पानी से’ का विमोचन नातिन मिश्का के हाथों सम्पन्न हुआ था.
पुन्नी विश्वकर्मा ने आभार व्यक्त किया.
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