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सम्मान : छत्तीसगढ़ भिलाई के प्रगतिशील कवि शिवमंगल सिंह को भाषा सहोदरी न्यास दिल्ली और महात्मा गॉंधी काशी विद्यापीठ के हिंदी और भारतीय भाषा विभाग द्वारा आयोजित 11वें अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन में सम्मानित किया गया : शिवमंगल सिंह विश्व के महान कथाकार प्रेमचंद के गांव ‘लमही’ में भी बिताए कुछ पल…
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [भिलाई]
भाषा सहोदरी न्यास दिल्ली और महात्मा गॉंधी काशी विद्यापीठ के हिन्दी और भारतीय भाषा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 14-15 सितम्बर को अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस आयोजन के प्रथम सत्र में महात्मा गॉंधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर आंनद कुमार त्यागी ने विधिवत उदघाटन किया ।
इस सेमीनार में पचीस से अधिक राज्यों के प्रतिनिधियों ने आलेख पत्र एवं कविताओं का पाठ किया ।
इस आयोजन में भिलाई – दुर्ग छत्तीसगढ़ के साहित्यकार शिवमंगल सिंह ने अपने कविताओं का पाठ किया एंव इस आयोजन में इनको सम्मानित किया गया।
👉 मुंशी प्रेमचंद के गांव ‘लमही’ में कवि शिवमंगल सिंह
👉 मुंशी प्रेमचंद शोध एवं अध्ययन केंद्र ‘लमही’
👉 मुंशी प्रेमचंद परिवार के साथ कवि शिवमंगल सिंह
इस उपलब्धि के लिए शिव मंगल सिंह को बधाई देने वाले प्रमुख-
‘छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य सम्मेलन’ के अध्यक्ष रवि श्रीवास्तव, ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक प्रदीप भट्टाचार्य, प्रधान संपादक श्रीमती शेफाली भट्टाचार्य, ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के अध्यक्ष गोविंद पाल, प्रकाशचंद्र मण्डल, ‘खुकु दुलाल समाद्दार फाउंडेशन’ के संयोजक दुलाल समाद्दार, ‘मुक्तकंठ’ के उपाध्यक्ष आलोक कुमार चंदा, डॉ. बीना सिंह ‘रागी’, रामबरन कोरी ‘कशिश’, डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’, मो. हाजी रियाज खान गौहर, नवेद रजा दुर्गवी, फरीदा शाहीन, नूरुस्सबाह खान ‘सबा’, आलोक नारंग, भूषण चिपड़े, ओमप्रकाश जायसवाल, ओमवीर करन, राजाराम रसिक, नभनीर हंस, उमेश दीक्षित, नरेंद्र कुमार सिक्केवाल, रामनारायण सिनगुरिया, शायर डॉ. रौनक जमाल, इजराइल बेग शाद बिलासपुरी, सहदेव देशमुख और अनेक भिलाई-दुर्ग के साहित्यकार, पत्रकार एवं लेखक.
इस आयोजन के भाषा सहोदरी के प्रमुख जंयत मिश्रा एंवम उनकी टीम की भूमिका उल्लेखनीय रही है। इसके पश्चात शिव मंगल सिंह ने उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी के गांव लमही वाराणसी उत्तर प्रदेश में उनके निवास स्थान व्यतीत छणों के ऐतिहासिक तस्वीरें जो साहित्यकारों के लिए तीर्थ स्थल है, मेरे जीवन के ऐतिहासिक पल है, साथ में मुंशी प्रेमचंद जी के परपोते डा,लक्ष्मी नारायण श्रीवास्तव जी के साथ भ्रमण भी किया साथ में उनके साथ फोटो सेशन भी किया एक यादगार पल के लिए साझा किया गया भिलाई के जाने माने साहित्यकार शिव मंगल सिंह जी ने कहा बहुत सालों से मेरा ये सपना था कि विश्व के महानतम लेखकों में से एक मुंशी प्रेमचंद जी के लमही गांव वाराणसी स्थल देखूं जो आज देखकर दिल खुश हो गया। मेरी इच्छा पूरी हो गई.
[ प्रस्तुति : डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ]
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