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- आयोजन :साहित्यिक मासिक बुलेटिन ‘मुक्तकंठ’ के अंक-11वें का लोकार्पण : साहित्यिक विचार की यह पत्रिका ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के बैनरतले प्रतिमाह प्रकाशित की जा रही है : अंक-11 वें में देश के 23 रचनाकारों की कविता/ग़ज़ल और लेख प्रकाशित हुई है
आयोजन :साहित्यिक मासिक बुलेटिन ‘मुक्तकंठ’ के अंक-11वें का लोकार्पण : साहित्यिक विचार की यह पत्रिका ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के बैनरतले प्रतिमाह प्रकाशित की जा रही है : अंक-11 वें में देश के 23 रचनाकारों की कविता/ग़ज़ल और लेख प्रकाशित हुई है
👉 • ‘मुक्तकंठ’ बुलेटिन का लोकार्पण करते हुए समिति के सदस्य एवं पदाधिकारी
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [भिलाई]
इस्पात नगरी भिलाई में 1997 में स्थापित पंजीकृत ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के सौजन्य से प्रतिमाह सदस्यों के सहयोग से प्रकाशित बुलेटिन है साहित्य और विचार की ‘मुक्तकंठ’
प्रतिमाह ‘मुक्तकंठ’ प्रकाशन के उपरांत साहित्यिक गोष्ठी में अंक का लोकार्पण किया जाता है. इस परंपरा का निर्वाहन करते हुए विगत दिनों ‘मुक्तकंठ साहित्य समिति’ के कार्यकारिणी सदस्य संत कवि ओंकार दास के गृह प्रवेश के उपलक्ष्य पर प्रदीप भट्टाचार्य के संपादन में संपादित ‘मुक्तकंठ’ के अक्टूबर {अंक-11वें} अंक का लोकार्पण समिति के अध्यक्ष गोविंद पाल, महासचिव नरेंद्र कुमार सिक्केवाल, संत कवि ओंकार दास एवं समिति के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में किया गया.
विमोचन के अवसर पर डॉ. बीना सिंह ‘रागी’, प्रकाशचंद्र मण्डल, ओमप्रकाश जायसवाल, नीलम जायसवाल, बृजेश मलिक, वीरेंद्र नाथ सरकार, रामबरन कोरी ‘कशिश’, माला सिंह, ओमवीर करन, वी.नाथ, सत्यवती शुक्ला और नूरस्सबाह खान ‘सबा’ उपस्थिति हुए.
• ‘मुक्तकंठ’ के अक्तूबर-2024 {अंक-11} में प्रकाशित रचनाएं और लेखकों के नाम-
•गोविंद पाल के अध्यक्ष उद्बोधन में ‘साहित्य के पथ पर फुंक-फुंक कर कदम रखें’ विषय पर अपनी सारगर्भित बात से लेखकों को आगाह किया.
•प्रदीप भट्टाचार्य ने संपादकीय में कविता सृजन कैसे करना चाहिए? पर अपनी बात रखी.
इस अंक में ‘मुक्तकंठ’ {सितम्बर, अंक-10} के लोकार्पण समारोह और ‘खुकु दुलाल समाद्दार फाउं डेशन’ द्वारा आयोजित ‘अखिल भारतीय कविता प्रतियोगिता’ समारोह की रपट के अलावा इनकी भी रचनाएं शामिल है.
पर्व विशेष लेख ‘गोपाल की दीपावली’-डॉ. रौनक जमाल/ कविता विद्या गुप्ता {भेड़ाघाट पर एक शाम}/प्रकाशचंद्र मण्डल {करुणामयी माँ}/बुद्धसेन शर्मा {वृक्षारोपण}/आर डी गौतम {रिश्ता और भरोसा}/अजहर फ़ारुकी ‘अज़हर’ {स्वच्छ भारत}/उत्तम कुमार तिवारी ‘उत्तम’ {अपना स्वर दे दो}/संतोष कुमार सोनी {अश्रु मानव के गिरे तो अंजलि भरते चलो}/अमृता श्रीवास्तव ‘दीक्षा’ {नदी सी बनी क्यों}/डॉ.नीलकंठ देवांगन {कर लें यदि संकल्प}/डॉ. शिरोमणि माथुर {जैसे गगरी बिन जल की}/प्रताप सिंह {लथपथ}/धर्म दुबे {एक थी अमृता}/विनोद बी. राजपुरोहित {श्री रामविराजे}/नीता बिष्ट {दौलत का घमंड}/सुखदा इंदोलिंकर {उसे अच्छा लगता है}/ओमवीर करन {मेरा सफर उड़ान का}/अभय शुक्ला {अबकी बार दिवाली में} और जिया सोनी {शिक्षा जीवन का सच्चा मोती}
ग़ज़ल शामिल है – नूरस्सबाह खान ‘सबा’/मो.हाजी रियाज खान गौहर/सुशील यादव/नवेद रजा दुर्गवी और डॉ. जीनत एहसान कुरैशी.
👉▪️ ‘मुक्तकंठ’ बुलेटिन {माह- अक्तूबर 2024, अंक-11}लोकार्पण करते हुए समिति के अध्यक्ष गोविंद पाल, महासचिव नरेंद्र कुमार सिक्केवाल और अन्य सदस्य
कार्यक्रम का संचालन ग़ज़लकारा नूरस्सबाह खान ‘सबा’ और आभार व्यक्त आयोजक संत कवि ओंकार दास ने किया.
[ • रपट, प्रदीप भट्टाचार्य, संपादक, ‘ मुक्तकंठ’ ]
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