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हिंदू मिलन मंदिर भिलाई : भारत सेवाश्रम संघ के तत्वावधान में 1 दिसम्बर को दीक्षा का महाअनुष्ठान समारोह : अनुष्ठान की जानकारी मंदिर के पं. वासुदेव भट्टाचार्य ने दी… पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए लिंक खोलकर देखें!
👉 हिंदू मिलन मंदिर परिसर
‘भारत सेवाश्रम संघ’ की स्थापना युगाचार्य श्रीमत स्वामी प्रणवानंदजी महाराज ने की थी. 1917 में युगाचार्य श्रीमद् स्वामी प्रणवानंदजी महाराज ने हिंदू धर्म तथा संस्कृति का पुनरूद्धार करके भारत तथा विश्व मानव को महाजागृति, महामिलन, महासमन्यवय व महामुक्ति के मार्ग पर संचालित करने के लिए इस संघ की प्रतिष्ठा की है.
ब्रह्मचारी विनोद {प्रणवानन्द जी} का जन्म 29 जनवरी,1896 को जिला फरीदपुर [अब बांगलादेश] के बाजितपुर गाँव में हुआ था. पिता का नाम विष्णुचरण और माता का नाम शारदा देवी था. स्वामी जी का जन्म ‘बुधवार’ को होने के कारण शैशव में उनको ‘बुधाई’ नाम से पुकारा जाता था. उनको ‘जयनाथ’ भी कहा जाता था. अन्नप्राशन पर उनका नाम ‘विनोद’ रखा गया. बाद में किशोरावस्था में ‘साधु’ नाम से जाने लगे. आज ‘बाजितपुर’ प्रणवमठ के पास सरकारी सड़क ‘साधु का पुल’ के नाम से जाना जाता है.
1924 में प्रयाग के अर्धकुंभ मेला में स्वामी गोविंदानन्द गिरी से सन्यास ग्रहण कर युगाचार्य ‘ स्वामी प्रणवानन्द’ नाम से परिचित हुए. यहाँ से शुरू हुआ लोकमंगल का महायज्ञ और स्थापित हुआ ‘भारत सेवाश्रम संघ’
‘भारत सेवाश्रम संघ’ द्वारा संचालित ‘हिंदू मिलन मंदिर’ भिलाई के रिसाली में है, इस मंदिर के पंडित हैं वासुदेव भट्टाचार्य. यहां वर्ष भर अनेकों धार्मिक अनुष्ठान होते रहते हैं. अभी इस मंदिर में ‘भारत सेवाश्रम संघ’ के चारोन दल [प्रचार पार्टी] का आगमन हो चुका है. पं. वासुदेव भट्टाचार्य ने बताया कि इस दल द्वारा प्रतिदिन मंदिर परिसर में संध्या 6.30 बजे से भजन कीर्तन किया जा रहा है. भजन कीर्तन व आरती के पश्चात भक्तजनों को फल प्रसाद का वितरण रोजाना हो रहा है.
1 दिसम्बर, 2024 को दीक्षा का महा अनुष्ठान होगा. आप सभी भक्तजन सादर आमंत्रित हैं.
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